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रामगढ़ नगर परिषद के 32 वार्ड में 122 जलमीनार, 40 खराब, ठेकेदार को नोटिस - WATER CRISIS IN RAMGARH

रामगढ़ नगर परिषद क्षेत्र में 122 में से 40 जलमीनार खराब हैं. लोगों को पानी की समस्या हो रही है.

WATER CRISIS IN RAMGARH
रामगढ़ नगर परिषद क्षेत्र का जलमीनार (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : March 20, 2025 at 4:58 PM IST

3 Min Read

रामगढ़: जिले में गर्मी ने दस्तक दे दी है. गर्मी शुरू होते ही रामगढ़ में जल की समस्या शुरू हो गई है. जिले में नगर परिषद क्षेत्र का भी यही हाल है. कई क्षेत्रों में वाटर लेवल नीचे हो जाने से लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ता है. लोगों को पानी के लिए परेशानी नहीं हो इसके लिए नगर परिषद के सभी वार्ड में मिनी जलमीनार का निर्माण कराया गया है. जिससे क्षेत्र में रह रहे लोगों को पानी की समस्या का सामना न करना पड़े.

रामगढ़ नगर परिषद क्षेत्र के 1 से लेकर 32 वार्ड में लगभग 1 लाख 23 हजार 875 लोगों की जल समस्या को दूर करने के लिए लगभग छह लाख रुपए की लागत से 122 जलमीनार का निर्माण किया गया है. जिसमें से वर्तमान में 40 जलमीनार खराब है. जबकि नगर परिषद की ओर से निविदा में ही निर्माण अवधि से 3 वर्षों तक संवेदक को मेंटेनेंस करने का प्रावधान है. जिसमें चाहे नल टूट जाए या चोरी हो जाए, मोटर खराब हो जाए, स्टार्टर खराब या चोरी हो जाए, सभी की देखरेख संवेदक को करना है. क्षेत्र में रहने वाले लोग सूखी टोंटी, टूटी टोटी, बिना बिजली कनेक्शन के जलमीनार, बोरिंग धंसना, जले हुए मोटर और नलों को सूनी आंखों से निहार रहे हैं.

ग्राउंड जीरो से जानकारी देते संवाददाता राजेश कुमार (ईटीवी भारत)

गोसा के ग्रामीणों ने बताया कि पानी की समस्या को दूर करने के लिए नगर परिषद की ओर से किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. नगर परिषद के इस इलाके में शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं है. लोग कुंआ और चापानल इस्तेमाल कर दिनचर्या के साथ पीने का पानी इस्तेमाल करते हैं. वहीं नगर परिषद क्षेत्र के गोसा क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्र की देखभाल कर रही सेविका ने कहा कि पानी की समस्या है, हैंडपंप खराब है. सेविका द्वारा घर से पानी लाकर बच्चों का खाना और बच्चों को पीने का पानी उपलब्ध कराती हैं.

Water Crisis in Ramgarh
कुएं से पानी निकलने को मजबूर ग्रामीण (ईटीवी भारत)

ईटीवी भारत ने पूरे मामले को नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के संज्ञान में लाया. इस दौरान कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि सभी खराब जलमीनार को दुरुस्त करने के लिए नियम अनुसार संवेदक को पत्र जारी किया जा रहा है और तीन दिनों का अल्टीमेटम दिया गया है. उन्होंने कहा कि तीन दिनों के अंदर संवेदक द्वारा यदि खराब जलमीनार को ठीक नहीं किया गया तो नियम अनुसार संवेदक पर कार्रवाई की जाएगी.

Water Crisis in Ramgarh
खस्ता हालत में जलमीनार (ईटीवी भारत)

बता दें कि संवेदक को 3 सालों तक जलमीनार का मेंटेनेंस करना है. कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि अगर तीन दिनों में जलमीनार सही नहीं किया गया तो जमा की गई सिक्योरिटी राशि को जब्त कर, उसी रुपए से खराब जलमीनार को दुरुस्त कराया जाएगा. कार्यपालक ने कहा कि गर्मी से पूर्व ही सभी को दुरुस्त कर लिया जाएगा. इसके साथ ही उसकी देखरेख के लिए एक कमेटी भी बनाई जाएगी.

Water Crisis in Ramgarh
सूखा पड़ा चापाकल (ईटीवी भारत)

ये भी पढ़ें- लोहरदगा में पानी के लिए हाहाकार! जलापूर्ति योजना ने तोड़ा दम, वैकल्पिक व्यवस्था में जुटा प्रशासन

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रामगढ़ नगर परिषद क्षेत्र के 1 से लेकर 32 वार्ड में लगभग 1 लाख 23 हजार 875 लोगों की जल समस्या को दूर करने के लिए लगभग छह लाख रुपए की लागत से 122 जलमीनार का निर्माण किया गया है. जिसमें से वर्तमान में 40 जलमीनार खराब है. जबकि नगर परिषद की ओर से निविदा में ही निर्माण अवधि से 3 वर्षों तक संवेदक को मेंटेनेंस करने का प्रावधान है. जिसमें चाहे नल टूट जाए या चोरी हो जाए, मोटर खराब हो जाए, स्टार्टर खराब या चोरी हो जाए, सभी की देखरेख संवेदक को करना है. क्षेत्र में रहने वाले लोग सूखी टोंटी, टूटी टोटी, बिना बिजली कनेक्शन के जलमीनार, बोरिंग धंसना, जले हुए मोटर और नलों को सूनी आंखों से निहार रहे हैं.

ग्राउंड जीरो से जानकारी देते संवाददाता राजेश कुमार (ईटीवी भारत)

गोसा के ग्रामीणों ने बताया कि पानी की समस्या को दूर करने के लिए नगर परिषद की ओर से किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. नगर परिषद के इस इलाके में शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं है. लोग कुंआ और चापानल इस्तेमाल कर दिनचर्या के साथ पीने का पानी इस्तेमाल करते हैं. वहीं नगर परिषद क्षेत्र के गोसा क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्र की देखभाल कर रही सेविका ने कहा कि पानी की समस्या है, हैंडपंप खराब है. सेविका द्वारा घर से पानी लाकर बच्चों का खाना और बच्चों को पीने का पानी उपलब्ध कराती हैं.

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कुएं से पानी निकलने को मजबूर ग्रामीण (ईटीवी भारत)

ईटीवी भारत ने पूरे मामले को नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के संज्ञान में लाया. इस दौरान कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि सभी खराब जलमीनार को दुरुस्त करने के लिए नियम अनुसार संवेदक को पत्र जारी किया जा रहा है और तीन दिनों का अल्टीमेटम दिया गया है. उन्होंने कहा कि तीन दिनों के अंदर संवेदक द्वारा यदि खराब जलमीनार को ठीक नहीं किया गया तो नियम अनुसार संवेदक पर कार्रवाई की जाएगी.

Water Crisis in Ramgarh
खस्ता हालत में जलमीनार (ईटीवी भारत)

बता दें कि संवेदक को 3 सालों तक जलमीनार का मेंटेनेंस करना है. कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि अगर तीन दिनों में जलमीनार सही नहीं किया गया तो जमा की गई सिक्योरिटी राशि को जब्त कर, उसी रुपए से खराब जलमीनार को दुरुस्त कराया जाएगा. कार्यपालक ने कहा कि गर्मी से पूर्व ही सभी को दुरुस्त कर लिया जाएगा. इसके साथ ही उसकी देखरेख के लिए एक कमेटी भी बनाई जाएगी.

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