छिन्दवाड़ा : पेंच नेशनल पार्क का एक गेट छिंदवाड़ा जिले के जमतरा में और दो गेट सिवनी जिले में हैं. लेकिन छिंदवाड़ा जिले के हिस्से में आने वाले जमतरा गेट से जाने वाले पर्यटकों की संख्या कम होती है. दरअसल, पेंच नेशनल पार्क के छिंदवाड़ा वाले हिस्से से पर्यटक सिवनी जिले के कोर एरिए में नहीं जा पाते हैं इसलिए अब पेंच नदी पर एक पुल का निर्माण किया जा रहा है, जिससे अब छिंदवाड़ा से भी पेंच नेशनल पार्क में एंट्री मिल सकेगी.

छिंदवाड़ा से पेंच क्यों नहीं जा पाते थे पर्यटक?
पार्क के अंदर सिवनी और छिंदवाड़ा का कोर एरिया पेंच नदी से बंटा हुआ है. नदी में पुल नहीं होने के कारण छिंदवाड़ा के हिस्से में पर्यटक नहीं पहुंच पाते थे लेकिन अब छेड़ियाघाट की पेंच नदी पर पुल बनने से सारी अड़चनें दूर हो जाएंगी. इस पुल से पेंच पार्क के दूसरे कोर एरिया जुड़ जाएंगे. छेड़ियाघाट में तकरीबन 200 मीटर लंबा और पांच मीटर चौड़ा पुल बनाने के लिए पेंच नेशनल पार्क की ओर से सशर्त स्वीकृति मिली है. अब जिला प्रशासन के पाले में गेंद है, जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति का इंतजार है.

बता दें कि खनिज मद से इस पुल का निर्माण होना है और इसकी लागत तकरीबन चार करोड़ रु आएगी.
पुल बनने से यह होगा फायदा
पेंच नेशनल पार्क के अंदर पेंच नदी पर पुल बन जाने से जमतरा गेट से पर्यटकों की संख्या बढ़ जाएगी. दरअसल, पेंच नदी होने के कारण पर्यटकों को वन्यप्राणियों का मूवमेंट कम दिखता है. वहीं इस पुल के बन जाने के बाद सिवनी और छिंदवाड़ा का कोर एरिया जुड़ सकेगा. नदी पर पुल बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. अभी पर्यटन सिवनी कोर एरिया में ही सिमटा हुआ है. पेंच टाइगर रिजर्व की सुरक्षा के लिहाज से भी पेंच नदी पर पुल के बड़े मायने होंगे और पेट्रोलिंग में आसानी होगी.

अभी इस तरह होती है पेंच में टाइगर सफारी
जमतरा में पर्यटकों के लिए गेट तो खोल दिया गया है लेकिन पेंच नदी यहां आड़े आ रही है. यहां से कर्माझिरी जाने के लिए या तो कोर एरिया के बाहर का रास्ता अपनाया जाता है या फिर गर्मी के दिनों में पेड़ों के ठूंठों से बने अस्थाई पुल से नदी पार की जाती है. पेंच नेशनल पार्क के उपसंचालक रजनीश कुमार सिंह ने बताया, '' पेंच नदी पर पुल बनाने के लिए पत्राचार के बाद पुल बनाने के लिए एनओसी सशर्त जारी की गई है. अब संबंधित एजेंसी को इसका निर्माण करना है.''
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