पौड़ी: जनपद के सरकारी विद्यालयों में छात्रों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. इसका प्रमुख कारण पलायन के साथ-साथ अभिभावकों का सरकारी स्कूलों के प्रति घटता भरोसा भी है. यही स्थिति अब आंगनबाड़ी केंद्रों में भी देखने को मिल रही है. जहां अभिभावक अपने बच्चों का नामांकन कराने से कतराने लगे हैं. इसके विपरीत, प्ले स्कूलों की ओर रुझान तेजी से बढ़ रहा है. इन्हीं परिस्थितियों के बीच पौड़ी शहर का एक आंगनबाड़ी केंद्र उम्मीद की किरण बनकर उभरा है.
इस केंद्र को प्ले स्कूल की तर्ज पर स्मार्ट और सुविधायुक्त बनाया गया है. बच्चों के लिए यहां बेहतर शिक्षा, मनोरंजन, स्वच्छता और पोषण संबंधी सभी आवश्यक व्यवस्थाएं मौजूद हैं. यह पूरे उत्तराखंड का पहला और एकमात्र ऐसा स्मार्ट आंगनबाड़ी केंद्र है जो नवाचार और गुणवत्ता का प्रतीक बन रहा है. यह पहल न केवल अन्य आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए एक प्रेरणा बन सकती है, बल्कि पलायन और निजी शिक्षा संस्थानों की ओर बढ़ते झुकाव को रोकने में भी सहायक सिद्ध हो सकती है.
जिला मुख्यालय के पूल्ड हाउस स्थित आंगनबाड़ी केंद्र अब नए रंग-रूप में ‘स्मार्ट आंगनबाड़ी केंद्र’ के रूप में सामने आया है. महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा योअर्स ह्यूमनली संस्था के सहयोग से इसे आधुनिक स्वरूप में विकसित किया गया है. करीब 18 लाख रुपये की लागत से तैयार इस केंद्र में बच्चों की जरूरतों के अनुरूप आकर्षक शैक्षिक पेंटिंग, डिजिटल उपकरण, एलईडी टीवी, इंटरनेट, खेलने की सामग्री, दो चाइल्ड फ्रेंडली वॉशरूम, किचन, स्टोर और कार्यकर्ताओं के लिए कार्यालय कक्ष बनाए गए हैं.
जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र थपलियाल ने बताया पूर्व में केंद्र की स्थिति खराब होने के कारण अभिभावक बच्चों को भेजने में हिचकिचाते थे, लेकिन अब बच्चों की संख्या बढ़कर 2 से 08 हो गई है. उन्होंने बताया कि यह स्मार्ट आंगनबाड़ी बाल मनोविज्ञान के अनुरूप विकसित की गई है. अन्य क्षेत्रों में भी इसी मॉडल पर केंद्र स्थापित किए जाएंगे. अभिभावकों का कहना है कि वर्तमान समय में लोगों का रुझान आंगनबाड़ी की ओर कम हो गया है, लेकिन इस केंद्र में दी जा रही सुविधाएं आकर्षक हैं। यहाँ बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा दी जा रही है. जिससे उनका मानसिक विकास हो रहा है.
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