पटनाः सीएम नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ आने के बाद बिहार की सियासत में हाशिए पर जा चुके आरसीपी सिंह नयी सियासी पारी की तैयारी में है. आरसीपी सिंह के नजदीकी सूत्रों की मानें तो आरसीपी सिंह जल्द ही नयी पार्टी बना सकते हैं. कहा तो यहां तक जा रहा है कि सारी तैयारियां हो चुकी हैं, बस घोषणा ही बाकी है.
अपने गांव में की अहम बैठकः जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है उसके मुताबिक नयी सियासी पारी को लेकर आरसीपी सिंह ने अपने कुछ खास लोगों के साथ गांव मुस्तफापुर में अहम बैठक की और आगे की रणनीतियों की चर्चा की. इसको लेकर आरसीपी सिंह ने फोन पर बातचीत में कोई स्पष्ट जानकारी तो नहीं साझा की, लेकिन इतना जरूर कहा कि "आगे की जो भी रणनीति होगी आप लोगों को पता चल जाएगी"
15 जुलाई से पटना शिफ्ट होने की चर्चाः दरअसल आरसीपी सिंह इन दिनों अपने गांव नालंदा जिले के मुस्तफापुर में ही रह रहे हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि 15 जुलाई यानी सोमवार को वो पटना शिफ्ट करेंगे.आरसीपी सिंह के नजदीकियों से ये जानकारी मिली है कि आरसीपी सिंह ने पटना में दो फ्लैट लिए हैं. एक में खुद रहेंगे और दूसरे में अपना कार्यालय खोलेंगे.15 जुलाई को ही नए फ्लैट में पूजा पाठ करेंगे और उसके बाद आगे की राजनीति शुरू कर देंगे.
पूरे बिहार के भ्रमण की तैयारीःआरसीपी सिंह के खास लोगों में से एक और बीजेपी पटना ग्रामीण के प्रभारी बिशन सिंह बिट्टू ने फोन पर बातचीत में कहा कि "हमारे नेता पूरे बिहार का भ्रमण करेंगे और अपने चाहने वाले लोगों से मुलाकात करेंगे. फिर बातचीत के बाद आगे की रणनीति तय करेंगे. अभी तो हम लोग बीजेपी में हैं लेकिन हमारे नेता जनता के बीच अपनी बात जाकर रखेंगे."
बीजेपी में नहीं मिली बड़ी जिम्मेदारीः वैसे तो आरसीपी सिंह इन दिनों बीजेपी में हैं, लेकिन राजनीति में उनकी कहीं कोई सक्रियता दिख नहीं रही है. जेडीयू छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करने के बाद उन्हें बड़ी जिम्मेदारी की आस थी, लेकिन नीतीश के एक बार फिर NDA में आने के बाद ये संभावना पूरी तरह खत्म हो गयी.
जेडीयू में लौटना चाहते थे आरसीपीः लोकसभा चुनाव के दौरान भी आरसीपी सिंह न तो चुनाव प्रचार करते देखे गये ना ही किसी अन्य गतिविधि में नजर आए. जेडीयू सूत्रों से जानकारी मिल रही थी कि आरसीपी सिंह भी फिर से जेडीयू में लौटना चाहते थे. इसको लेकर वो नीतीश कुमार से संपर्क करने की लगातार कोशिश भी करते रहे लेकिन नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह से पूरी तरह मुंह मोड़ लिया.
मनीष वर्मा के रूप में नया विकल्प तैयारः इस बीच सीएम नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह का विकल्प भी तैयार कर लिया है. आईएएस अधिकारी रहे मनीष वर्मा को जदयू में शामिल कर राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी दे दी. ऐसे में आरसीपी सिंह की जेडीयू में री-एंट्री के दरवाजे पूरी तरह बंद हो चुके हैं.इसके बाद ही आरसीपी सिंह ने नयी पार्टी बनाने की तैयारी शुरू कर दी है.
कभी चलता था आरसीपी सिंह का सिक्काः एक समय था जब जेडीयू में आरसीपी सिंह नाम का सिक्का चला करता था. नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से आनेवाले आरसीपी सिंह भी कुर्मी जाति से आते हैं और सियासत में आने से पहले उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं.
1996 में भी हुई थी नीतीश से पहली मुलाकातः आरसीपी सिंह और नीतीश कुमार की पहली मुलाकात 1996 में हुई थी. उस समय आरसीपी सिंह तत्कालीन केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के निजी सचिव हुआ करते थे. नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह की मुलाकात बेनी प्रसाद वर्मा ने ही करवाई थी और फिर दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी. नीतीश कुमार जब केंद्र में रेल मंत्री बने तो आरसीपी सिंह उनके विशेष सचिव बन गए.
2005 में बने सीएम के प्रधान सचिवः2005 में नीतीश कुमार जब बिहार के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने आरसीपी सिंह को अपना प्रधान सचिव बनाया.आरसीपी सिंह ने 2010 में आईएएस की नौकरी से VRS ले लिया और जेडीयू ज्वाइन कर सियासी पारी की शुरुआत की.नीतीश कुमार ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया. आरसीपी सिंह 2010 से 2022 तक जनता दल यूनाइटेड के राज्यसभा सांसद रहे.
2020 में संभाली जेडीयू की कमानः आरसीपी सिंह का जेडीयू में कद बढ़ता गया और 2020 में तो नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष ही बना दिया. जेडीयू में उन्हें आरसीपी सर के नाम से बुलाया जाता था. 2021 में नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बनने के बाद उनकी केमिस्ट्री नीतीश कुमार से गड़बड़ हो गयी और 2022 में पार्टी छोड़नी पड़ी.
नीतीश के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता थाः जब नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के रिश्ते मधुर थे तब आरसीपी को पार्टी का सर्वे-सर्वा माना जाता था. चुनाव में टिकट बंटवारे से लेकर सरकार में मंत्री बनाने तक फैसला लेने में आरसीपी सिंह की बड़ी भूमिका होती थी. यहां तक कि अधिकारियों के तबादले में भी आरसीपी सिंह की ही मर्जी चलती थी. उस दौरान उन्हें नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी के रूप में भी देखा जा रहा था.
फिलहाल बीजेपी में हैं आरसीपी सिंहः नीतीश कुमार से संबंध खराब होने के बाद आरसीपी सिंह को राज्यसभा नहीं भेजा गया तो आखिरकार उन्हें केंद्रीय कैबिनेट छोड़नी पड़ी. इसके बाद उन्होंने जेडीयू को बाय-बाय बोला और बीजेपी में शामिल हो गये. बीजेपी में शामिल होने के बाद वो नीतीश पर काफी हमलावर भी रहे. आरसीपी सिंह अभी भी बीजेपी में ही हैं, लेकिन नीतीश कुमार के NDA में आ जाने के बाद आरसीपी सिंह की बीजेपी में पूछ नहीं हो रही है. ऐसे में उन्होंने अपना सियासी भविष्य तलाशने की कोशिश शुरू कर दी है.
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