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CM नीतीश पर किया था मामला, HC ने परिवादी पर नोटिस जारी करने का दिया आदेश - PATNA HIGH COURT

पटना हाईकोर्ट से सीएम नीतीश कुमार को राहत मिली है. उनके खिलाफ परिवाद पत्र दायर करने वाले को नोटिस जारी हुआ. पढ़ें खबर.

NITISH KUMAR
सीएम नीतीश कुमार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : April 17, 2025 at 8:58 PM IST

3 Min Read

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तथाकथित राष्ट्रगान के अपमान के आरोपों पर बेगूसराय के न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में दायर हुए एक परिवाद पत्र की सुनवाई पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया है. इसके साथ उच्च न्यायालय ने परिवादी को नोटिस भी जारी किया है. जस्टिस चन्द्र शेखर झा ने नीतीश कुमार की तरफ से दायर हुई अपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किया.

क्या है मामला ? : गौरतलब है कि पिछले महीने राजधानी पटना स्थित पाटलिपुत्र खेल परिसर में आयोजित सेपक टेकरा वर्ल्ड कप के उद्घाटन के दौरान राष्ट्रगान के समय तथाकथित अपमान करने के आरोपी बनाये गये. इस उद्घाटन समारोह में राष्ट्रगान बजते वक्त मुख्यमंत्री के हाथ हिलाने का एक वीडियो वायरल हुआ था.

PATNA HIGH COURT
कॉसेप्ट फोटो (ETV Bharat)

इस वीडियो को यू ट्यूब पर देखकर एक स्थानीय व्यक्ति विकास पासवान ने 22 मार्च 2025 को बेगूसराय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में परिवाद पत्र दायर करते हुए मुख्यमंत्री को आरोपी बनाया. इस परिवाद पत्र में मुख्यमंत्री के खिलाफ राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया.

CM नीतीश को पक्ष रखने का निर्देश : मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के अवकाश में रहने के कारण प्रभारी न्यायिक दंडाधिकारी मयंक कुमार ने इस परिवाद पत्र को खुद की अदालत में स्थानांतरित कर सुनवाई करने का आदेश जारी किया. 25 मार्च 2025 को न्यायिक दंडाधिकारी ने इस मामले में आरोपी बनाए गए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नोटिस जारी कर 4 अप्रैल 2025 तक अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था.

PATNA HIGH COURT
पटना हाईकोर्ट (ETV Bharat)

CM ने हाईकोर्ट का किया रुख : इसके बाद सीएम नीतीश कुमार की तरफ से पटना हाईकोर्ट में एक आपराधिक विविध वाद दायर कर परिवाद पत्र को खत्म करने की गुहार लगाई गई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने बहस करते हुए कोर्ट को बताया कि पूरा मामला उनके मुवक्किल के खिलाफ बदनीयती से दायर किया गया है, जो अपराधिक कानून का दुरुपयोग है.

उन्होंने कोर्ट को बताया कि नए आपराधिक कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के प्रावधानों की अनदेखी करते हुए उक्त परिवाद मामले में निचली अदालत सुनवाई कर रहा है, जो अवैध है. बिना परिवादी का परीक्षण किए ही मुख्यमंत्री, जो कि लोकसेवक हैं, उनको बतौर आरोपी के रूप में नोटिस निर्गत किया गया है. ये इस संहिता के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन करता है.

परिवादी पर नोटिस जारी करने का आदेश : दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस चन्द्र शेखर झा ने निचली अदालत में मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज हुए परिवाद की सुनवाई पर रोक लगा दिया है. साथ ही परिवादी पर नोटिस जारी करने का भी आदेश है. इस मामले पर अगली सुनवाई 1 मई 2025 को होगी.

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पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तथाकथित राष्ट्रगान के अपमान के आरोपों पर बेगूसराय के न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में दायर हुए एक परिवाद पत्र की सुनवाई पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया है. इसके साथ उच्च न्यायालय ने परिवादी को नोटिस भी जारी किया है. जस्टिस चन्द्र शेखर झा ने नीतीश कुमार की तरफ से दायर हुई अपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किया.

क्या है मामला ? : गौरतलब है कि पिछले महीने राजधानी पटना स्थित पाटलिपुत्र खेल परिसर में आयोजित सेपक टेकरा वर्ल्ड कप के उद्घाटन के दौरान राष्ट्रगान के समय तथाकथित अपमान करने के आरोपी बनाये गये. इस उद्घाटन समारोह में राष्ट्रगान बजते वक्त मुख्यमंत्री के हाथ हिलाने का एक वीडियो वायरल हुआ था.

PATNA HIGH COURT
कॉसेप्ट फोटो (ETV Bharat)

इस वीडियो को यू ट्यूब पर देखकर एक स्थानीय व्यक्ति विकास पासवान ने 22 मार्च 2025 को बेगूसराय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में परिवाद पत्र दायर करते हुए मुख्यमंत्री को आरोपी बनाया. इस परिवाद पत्र में मुख्यमंत्री के खिलाफ राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया.

CM नीतीश को पक्ष रखने का निर्देश : मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के अवकाश में रहने के कारण प्रभारी न्यायिक दंडाधिकारी मयंक कुमार ने इस परिवाद पत्र को खुद की अदालत में स्थानांतरित कर सुनवाई करने का आदेश जारी किया. 25 मार्च 2025 को न्यायिक दंडाधिकारी ने इस मामले में आरोपी बनाए गए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नोटिस जारी कर 4 अप्रैल 2025 तक अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था.

PATNA HIGH COURT
पटना हाईकोर्ट (ETV Bharat)

CM ने हाईकोर्ट का किया रुख : इसके बाद सीएम नीतीश कुमार की तरफ से पटना हाईकोर्ट में एक आपराधिक विविध वाद दायर कर परिवाद पत्र को खत्म करने की गुहार लगाई गई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने बहस करते हुए कोर्ट को बताया कि पूरा मामला उनके मुवक्किल के खिलाफ बदनीयती से दायर किया गया है, जो अपराधिक कानून का दुरुपयोग है.

उन्होंने कोर्ट को बताया कि नए आपराधिक कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के प्रावधानों की अनदेखी करते हुए उक्त परिवाद मामले में निचली अदालत सुनवाई कर रहा है, जो अवैध है. बिना परिवादी का परीक्षण किए ही मुख्यमंत्री, जो कि लोकसेवक हैं, उनको बतौर आरोपी के रूप में नोटिस निर्गत किया गया है. ये इस संहिता के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन करता है.

परिवादी पर नोटिस जारी करने का आदेश : दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस चन्द्र शेखर झा ने निचली अदालत में मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज हुए परिवाद की सुनवाई पर रोक लगा दिया है. साथ ही परिवादी पर नोटिस जारी करने का भी आदेश है. इस मामले पर अगली सुनवाई 1 मई 2025 को होगी.

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