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बिहार सरकार को यौन उत्पीड़न की शिकार बच्ची को देना होगा 50 हजार, पटना HC ने DGP को दिया बड़ा निर्देश - PATNA HIGH COURT

पटना उच्च न्यायालय ने अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने राज्य सरकार और डीजीपी को निर्देश दिया. पढ़ें खबर

PATNA HIGH COURT
कॉसेप्ट फोटो (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : March 26, 2025 at 11:07 PM IST

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पटना : राजधानी पटना में एक नाबालिग लड़की के साथ उसके मौसेरा भाई द्वारा किए गए कथित यौन उत्पीड़न की शिकायत पर रूपसपुर थाना द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं किए जाने के मामले पर पटना हाइकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की. जस्टिस विवेक चौधरी ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को यथाशीघ्र संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया.

50 हजार मुआवजा देने का आदेश : साथ ही कोर्ट ने पीड़िता के परिवार को 50 हजार रुपए मुआवजा तीन सप्ताह में देने का आदेश राज्य सरकार को दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य के डीजीपी को भी कि पटना के एसएसपी, एएसपी और संबंधित ( रूपसपुर ) थानेदार पर कर्तव्यहीनता के आरोप में विभागीय कार्रवाई किये जाने का आदेश दिया.

PATNA HIGH COURT
पटना हाइकोर्ट (Etv Bharat)

क्या है पूरा मामला : गौरतलब है कि याचिकाकर्ता ने रूपसपुर थानाध्यक्ष को 22 दिसंबर 2023 को एक शिकायतपत्र देकर प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया. लेकिन पुलिस ने कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की. उसके बाद 27 दिसंबर 2023 को पटना के एसएसपी और एएसपी को शिकायतपत्र भेज कर प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया. लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की. इसके बाद पीड़िता ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की.

DGP को विभागीय कार्रवाई का आदेश : कोर्ट को 13 वर्षीय पीड़िता ने बताया कि उसका मौसेरे भाई ने उसका यौन शोषण किया. साथ ही आपत्तिजनक तस्वीरें खींच कर सोशल मीडिया पर डाल दिया. कोर्ट में ये बात स्वीकारा गया कि पुलिस स्टेशन (रूपसपुर) से शिकायत की प्रति गुम हो गई. कोर्ट ने इसे बहुत गंभीरता से लेते हुए रूपसपुर के थानाध्यक्ष के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश डीजीपी को दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने मामले को निष्पादित कर दिया.

ये भी पढ़ें :-

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सार्वजनिक स्थलों पर छेड़छाड़ का मामला, पटना हाइकोर्ट में अवमानना वाद दायर

पटना : राजधानी पटना में एक नाबालिग लड़की के साथ उसके मौसेरा भाई द्वारा किए गए कथित यौन उत्पीड़न की शिकायत पर रूपसपुर थाना द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं किए जाने के मामले पर पटना हाइकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की. जस्टिस विवेक चौधरी ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को यथाशीघ्र संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया.

50 हजार मुआवजा देने का आदेश : साथ ही कोर्ट ने पीड़िता के परिवार को 50 हजार रुपए मुआवजा तीन सप्ताह में देने का आदेश राज्य सरकार को दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य के डीजीपी को भी कि पटना के एसएसपी, एएसपी और संबंधित ( रूपसपुर ) थानेदार पर कर्तव्यहीनता के आरोप में विभागीय कार्रवाई किये जाने का आदेश दिया.

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पटना हाइकोर्ट (Etv Bharat)

क्या है पूरा मामला : गौरतलब है कि याचिकाकर्ता ने रूपसपुर थानाध्यक्ष को 22 दिसंबर 2023 को एक शिकायतपत्र देकर प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया. लेकिन पुलिस ने कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की. उसके बाद 27 दिसंबर 2023 को पटना के एसएसपी और एएसपी को शिकायतपत्र भेज कर प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया. लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की. इसके बाद पीड़िता ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की.

DGP को विभागीय कार्रवाई का आदेश : कोर्ट को 13 वर्षीय पीड़िता ने बताया कि उसका मौसेरे भाई ने उसका यौन शोषण किया. साथ ही आपत्तिजनक तस्वीरें खींच कर सोशल मीडिया पर डाल दिया. कोर्ट में ये बात स्वीकारा गया कि पुलिस स्टेशन (रूपसपुर) से शिकायत की प्रति गुम हो गई. कोर्ट ने इसे बहुत गंभीरता से लेते हुए रूपसपुर के थानाध्यक्ष के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश डीजीपी को दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने मामले को निष्पादित कर दिया.

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