पटना: पटना हाईकोर्ट ने मासूम खान के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया है. अदालत ने कहा कि प्राथमिकी दुर्भावना से प्रेरित है और आरोपी के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है. पटना हाईकोर्ट ने मासूम खान पर रंगदारी व धमकी से जुड़ी प्राथमिकी को राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित मानते हुए आरोपी को राहत दी है.
जदयू नेता की FIR रद: पटना हाईकोर्ट के जस्टिस चंद्रशेखर झा की पीठ ने ये आदेश पारित करते हुए निचली अदालत द्वारा यांत्रिक ढंग से याचिका खारिज कर दिया. मासूम खान की निचली अदालत के आदेश के विरुद्ध दायर अपील को स्वीकार करते हुए बड़ी राहत दी.
रंगदारी का आरोप: दरअसल, पूर्व नगर पार्षद एवं जनता दल यूनाइटेड की जिला अध्यक्ष डॉ.कुमकुम सिन्हा ने वर्ष 2021 को प्राथमिकी दर्ज करा कर आरोप लगाया था कि चार अज्ञात बाइक सवारों ने उनकी गाड़ी को रोककर 50 लाख की रंगदारी मांगने और मासूम खान का नाम लेने का आरोप था.
राजनीतिक रसूख के चलते फंसाया: मासूम खान की ओर से वरीय अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने बहस करते हुए कहा कि प्राथमिकी संदेह मात्र पर आधारित है. साथ ही ये शिकायतकर्ता द्वारा राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते उन्हें झूठा फंसाया गया है. अदालत ने पाया कि पुलिस जांच में भी याचिकाकर्ता की संलिप्तता सिद्ध नहीं हो सकी है.
नहीं मिला कोई ठोस प्रमाण: अदालत ने अपने आदेश में कहा कि एफआईआर राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित प्रतीत होती है और दर्ज घटना में याचिकाकर्ता की भूमिका केवल शंका पर आधारित है, जिसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है. वहीं अपीलकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया. विपक्षी पक्ष की ओर से अधिवक्ता अंशुल ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने सभी पहलुओं पर विचार करते हुए ट्रायल योग्य मामला मानते हुए डिस्चार्ज याचिका खारिज की.
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