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मसूरी में अवकाश पर रहे डॉक्टर, मरीजों को करना पड़ा परेशानियों का सामना - DOCTORS LEAVE IN MUSSOORIE

मसूरी में तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सरकारी डॉक्टरों मुखर हैं, जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.

doctors leave in Mussoorie
मसूरी में मरीजों को करना पड़ा परेशान का सामना (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : April 12, 2025 at 8:51 AM IST

Updated : April 12, 2025 at 9:00 AM IST

2 Min Read

मसूरी: प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ उत्तराखंड के निर्देश पर उत्तराखंड के सभी सरकारी डॉक्टरों एक दिन के अवकाश पर रहे. जिस कारण मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. मसूरी में उप जिला चिकित्सालय में भी ओपीडी बंद होने के कारण मसूरी और आसपास के क्षेत्रों के मरीजों को भारी परेशानियों के सामना करना पड़ा. अस्पताल प्रबंधन में एमजेंसी सेवा को संचालित रखी.

मसूरी में इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉ. संतोष नेगी ने कहा कि प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के द्वारा प्रदेश में सरकारी डॉक्टरों की हितों के लिये पिछले कई समय से मांग की जा रही है. लेकिन सरकार मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है, जिसको लेकर बीते दिन देहरादून में संघ ने सांकेतिक प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि मांगों में पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों को चिकित्सा शिक्षा की तर्ज पर मेडिकल कॉलेजों में तैनात, विशेषज्ञ चिकित्सकों की भांति 50 प्रतिशत अतिरिक्त वेतन दिए जाने की मांग की गई.

डॉक्टरों के अवकाश से मरीज परेशान (Video-ETV Bharat)

इस विषय में स्वास्थ्य मंत्री द्वारा भी सहमति दी गयी थी. लेकिन अभी तक कार्रवाई न होने से सभी चिकित्सक हताश व निराश हैं और आंदोलन का मन बना चुके हैं. टिहरी, अल्मोड़ा और नैनीताल जनपद मुख्यालय तथा मसूरी को सुगम क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. जबकि पूर्व में ये सभी दुर्गम क्षेत्र में आते थे. इस विषय में भी हमसे वादा किया गया था कि इसको पुनः दुर्गम क्षेत्र में शामिल किया जाएगा. लेकिन इस विषय में भी कुछ नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांग 24 अप्रैल तक पूरी नहीं हुई तो सभी सरकारी चिकित्सक पूरे उत्तराखंड में कार्य बहिष्कार पर जाएंगे. वहीं पोस्टमार्टम, चारधाम यात्रा ड्यूटी व आकस्मिक सेवाओं को कार्य बहिष्कार से मुक्त रखा जाएगा.
पढ़ें-हल्द्वानी: जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल स्थगित, दी कड़ी चेतावनी

मसूरी: प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ उत्तराखंड के निर्देश पर उत्तराखंड के सभी सरकारी डॉक्टरों एक दिन के अवकाश पर रहे. जिस कारण मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. मसूरी में उप जिला चिकित्सालय में भी ओपीडी बंद होने के कारण मसूरी और आसपास के क्षेत्रों के मरीजों को भारी परेशानियों के सामना करना पड़ा. अस्पताल प्रबंधन में एमजेंसी सेवा को संचालित रखी.

मसूरी में इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉ. संतोष नेगी ने कहा कि प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के द्वारा प्रदेश में सरकारी डॉक्टरों की हितों के लिये पिछले कई समय से मांग की जा रही है. लेकिन सरकार मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है, जिसको लेकर बीते दिन देहरादून में संघ ने सांकेतिक प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि मांगों में पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों को चिकित्सा शिक्षा की तर्ज पर मेडिकल कॉलेजों में तैनात, विशेषज्ञ चिकित्सकों की भांति 50 प्रतिशत अतिरिक्त वेतन दिए जाने की मांग की गई.

डॉक्टरों के अवकाश से मरीज परेशान (Video-ETV Bharat)

इस विषय में स्वास्थ्य मंत्री द्वारा भी सहमति दी गयी थी. लेकिन अभी तक कार्रवाई न होने से सभी चिकित्सक हताश व निराश हैं और आंदोलन का मन बना चुके हैं. टिहरी, अल्मोड़ा और नैनीताल जनपद मुख्यालय तथा मसूरी को सुगम क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. जबकि पूर्व में ये सभी दुर्गम क्षेत्र में आते थे. इस विषय में भी हमसे वादा किया गया था कि इसको पुनः दुर्गम क्षेत्र में शामिल किया जाएगा. लेकिन इस विषय में भी कुछ नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांग 24 अप्रैल तक पूरी नहीं हुई तो सभी सरकारी चिकित्सक पूरे उत्तराखंड में कार्य बहिष्कार पर जाएंगे. वहीं पोस्टमार्टम, चारधाम यात्रा ड्यूटी व आकस्मिक सेवाओं को कार्य बहिष्कार से मुक्त रखा जाएगा.
पढ़ें-हल्द्वानी: जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल स्थगित, दी कड़ी चेतावनी

Last Updated : April 12, 2025 at 9:00 AM IST
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