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फीस जमा नहीं करने पर डीपीएस द्वारका के 32 निलंबित छात्रों के अभिभावक हाईकोर्ट पहुंचे - DELHI SCHOOLS FEE HIKE ISSUE

दिल्ली के द्वारका स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल से फीस नहीं भरने की वजह से इन छात्रों को निलंबित कर दिया गया था.

दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 15, 2025 at 11:41 PM IST

2 Min Read

नई दिल्ली: दिल्ली के द्वारका स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल से निलंबित किए गए 32 छात्रों के अभिभावकों ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. स्कूल की फीस नहीं भरने की वजह से इन छात्रों को निलंबित कर दिया गया था.

याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पब्लिक स्कूल द्वारका का ये फैसला दिल्ली हाईकोर्ट के 16 अप्रैल के आदेशों के विपरीत है. हाईकोर्ट के फैसले में छात्रों के हितों का ख्याल रखा गया है. 16 अप्रैल के हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया था कि स्कूल इन छात्रों को क्लास करने से नहीं रोक सकते हैं. स्कूल प्रशासन ने 9 मई की शाम को ईमेल के जरिये छात्रों को सूचना दी कि उनका नाम स्कूल से काट दिया गया है.

याचिका में कहा गया है कि स्कूल ने 9 मई का दिन इसलिए चुना क्योंकि 10 मई से लेकर 12 मई तक छुट्टियां थीं. जब सभी छात्र 13 मई को स्कूल पहुंचे तो उन्हें स्कूल के परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया.

छात्रों के अभिभावकों के मुताबिक 13 मई को जब वे स्कूल पहुंचे तो उनके साथ बदतमीजी की गई. बाउंसरों ने उन्हें स्कूल के परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया. इन छात्रों को बस के अंदर दो घंटे रखा गया और आखिरकार उन्हें घर छोड़ा गया. याचिका में कहा गया था कि दिल्ली प्रशासन ने जो स्कूल फीस तय की थी उसके चेक देने के बावजूद स्कूल वालों ने चेक बैंक में नहीं डाला.

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नई दिल्ली: दिल्ली के द्वारका स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल से निलंबित किए गए 32 छात्रों के अभिभावकों ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. स्कूल की फीस नहीं भरने की वजह से इन छात्रों को निलंबित कर दिया गया था.

याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पब्लिक स्कूल द्वारका का ये फैसला दिल्ली हाईकोर्ट के 16 अप्रैल के आदेशों के विपरीत है. हाईकोर्ट के फैसले में छात्रों के हितों का ख्याल रखा गया है. 16 अप्रैल के हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया था कि स्कूल इन छात्रों को क्लास करने से नहीं रोक सकते हैं. स्कूल प्रशासन ने 9 मई की शाम को ईमेल के जरिये छात्रों को सूचना दी कि उनका नाम स्कूल से काट दिया गया है.

याचिका में कहा गया है कि स्कूल ने 9 मई का दिन इसलिए चुना क्योंकि 10 मई से लेकर 12 मई तक छुट्टियां थीं. जब सभी छात्र 13 मई को स्कूल पहुंचे तो उन्हें स्कूल के परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया.

छात्रों के अभिभावकों के मुताबिक 13 मई को जब वे स्कूल पहुंचे तो उनके साथ बदतमीजी की गई. बाउंसरों ने उन्हें स्कूल के परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया. इन छात्रों को बस के अंदर दो घंटे रखा गया और आखिरकार उन्हें घर छोड़ा गया. याचिका में कहा गया था कि दिल्ली प्रशासन ने जो स्कूल फीस तय की थी उसके चेक देने के बावजूद स्कूल वालों ने चेक बैंक में नहीं डाला.

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