शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में निजी स्कूल बसों के किराए में हुई वृद्धि को लेकर छात्रों के अभिभावकों ने सचिवालय में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से मुलाकात की. इस दौरान अभिभावकों ने स्कूल बसों के किराए में राहत देने की मांग रखी. वहीं, डिप्टी सीएम ने बढ़े स्कूल बस किराए में कटौती करने का आश्वासन दिया.
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, "शिमला में स्कूलों के लिए 42 बसें डेडिकेटेड हैं, लेकिन इससे लगभग 4 करोड़ का घाटा होता है. बस किराए के लिए वर्तमान में 1800 और 2500 रुपये के दो स्लैब हैं. अभिभावकों ने स्लैब को घटाकर 1200 और 1800 रुपये करने का सुझाव दिया था. इस पर सरकार ने निर्णय लेते हुए पहला स्लैब की सीमा 5 किलोमीटर से बढ़ाकर 6 किलोमीटर करने और किराया 600 रुपए घटाकर 1200 रुपये करने का फैसला किया है. दूसरे स्लैब की सीमा 10 किलोमीटर से बढ़ाकर 12 किलोमीटर और किराया 2500 से घटाकर 1800 रुपये तय करने का निर्णय किया है. इसके अलावा 12 किलोमीटर से अधिक दूरी पर 2000 रुपये चार्ज किए जाएंगे".
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अभिभावकों से स्कूल में ही पास बनाने की बात कही. स्कूल प्रबंधन पास नहीं बनाते हैं. लेकिन HRTC जल्द ही ऑनलाइन पास बनाने की सुविधा शुरू करेगा. वहीं, प्रदेश सरकार के फैसले के बाद बसों के किराया बढ़ोतरी के मामले में मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में किराया 46% बढ़ा था. जबकि वर्तमान सरकार ने केवल 15% वृद्धि की है.
बता दें कि हाल में ही एचआरटीसी की निदेशक मंडल की 159वीं बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार छात्रों के मासिक पास शुल्क में संशोधन किया गया था. जिसके अनुसार 0 से 5 किलोमीटर तक मासिक पास शुल्क 1800 रुपए. वहीं, 5 किलोमीटर से अधिक रूट पर प्रतिमाह 2500 रुपए किया गया था. जिस पर शिमला शहर के निजी स्कूलों में पढ़ा रहे अभिभावकों ने रोष व्यक्त किया था.
ये भी पढ़ें: HRTC बस में अब निजी स्कूलों के छात्रों का सफर होगा महंगा, निगम ने मासिक पास शुल्क में किया संशोधन