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लंगड़े घोड़े पर फिर उठा बवाल, पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों ने राहुल का इस्तीफा मांगा - PARA OLYMPIC PLAYERS ON LAME HORSE

राहुल गांधी के लंगड़े घोड़े के बयान पर पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों ने भी जताई नाराजगी. खेल मंत्री विश्वास सारंग से की मुलाकात.

PARA OLYMPIC PLAYERS ON LAME HORSE
राहुल गांधी के लंगड़े घोड़े बयान पर दिव्यांगों का विरोध (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : June 6, 2025 at 6:02 PM IST

Updated : June 6, 2025 at 7:56 PM IST

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भोपाल: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लंगड़े घोड़े के बयान को 3 दिन बीत चुके हैं और अब इस पर सियासी बयानबाजी के साथ खिलाड़ियों ने भी नाराजगी जताई है. सवालों के घेरे में आए राहुल गांधी के लंगड़े घोड़े पर अब पैरा खिलाड़ी भी एतराज जता रहे हैं. इस बयान के विरोध में शुक्रवार को भोपाल में पैरा खिलाड़ी और दिव्यांग जन मंत्री विश्वास सारंग को ज्ञापन सौंपने पहुंचे. पैरा खिलाड़ियों का आरोप है कि राहुल गांधी ने लंगड़ा बोलकर दिव्यांग जनों का अपमान किया है. उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. उधर खेल मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि राहुल गाधी का ये बयान दिव्यांग समेत पूरे समाज को अपमानित करने वाला है.

राहुल के लंगड़े घोड़े बयान पर दिव्यांगों का विरोध

राहुल गांधी का घोड़े के जरिए कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं की व्याख्या को लेकर मचा बवाल अब भी नहीं थमा है. कार्यकर्ताओं, नेताओं को घोड़े की उपमा राहुल पहले भी दे चुके हैं. लेकिन लंगड़ा घोड़ा उन्होंने पहली बार मध्यप्रदेश में ही कहा था. उनके इस बयान पर दिव्यांग समाज में रोष है.

पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों ने राहुल का इस्तीफा मांगा (ETV Bharat)

पैरा ओलंपिक खिलाड़ी(नौकायन) नेपेंद्र चौरे का आरोप है कि "राहुल गांधी ने उनका मजाक उड़ाया है. उनका कहना है कि कुदरत से हुई नाइंसाफी के बाद भी हम लोग खुद को साबित कर रहे हैं. देश के इतने बड़े राजनीतिक दल के नेता राहुल गांधी हमारी कमजोरी जिसे अपनी ताकत हमने बनाया उसका मजाक उड़ा रहे हैं." इन खिलाड़ियों ने खेल मंत्री विश्वास सारंग को राहुल गांधी के इस बयान के संबंध में ज्ञापन भी सौंपा है.

LANGADA GHODA CONTROVERSY
लंगड़े घोड़े पर फिर उठा बवाल (ETV Bharat)

दिव्यांगों ने कहा माफी मांगे राहुल

खेल मंत्री विश्वास सारंग ने मीडिया से चर्चा में कहा कि "नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बयान से दिव्यांग समाज आहत है. उन्हें अपने बयान पर माफी मंगनी चाहिए और अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. सारंग ने कहा कि कांग्रेस और नेहरू परिवार हमेशा ही पीड़ित, शोषित और दिव्यागों का अपमान किया है. राहुल गांधी का यह बयान दिव्यांग समाज सहित संपूर्ण समाज को अपमानित करता है. कांग्रेस ने कभी दिव्यांग जनों का हित नहीं किया. राहुल गांधी के बयान से दिव्यांग जनों की भावनाएं आहत हुई हैं."

Rahul Gandhi lame horse statement
राहुल गांधी ने भोपाल में लंगड़े घोड़े पर दिया था बयान (ETV Bharat)

खेल मंत्री विश्वास सारंग का कहना था कि "चांदी की चम्मच मुंह में लेकर पैदा होने वाले राहुल गांधी ने केवल दिव्यांग जनों का ही नहीं कार्यकर्ताओं की तुलना जानवरों से कर उनका भी अपमान किया है. लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी पार्टी के कार्यकर्ताओं का अपमान नहीं करना चाहिए."

पैरा ओलम्पिक खिलाड़ी सत्येंन्द्र ने भी जताई थी नाराजगी

बता दें कि इसके पहले पैरा ओलम्पिक प्लेयर सत्येंन्द्र लोहिया ने भी इस मामले में नाराजगी दर्ज की थी. उन्होंने एक्स पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए राहुल गांधी के लिए लिखा था कि मैं तो व्यक्तिगत रूप से आपका आदर करता हूं, आप देश के प्रतिष्ठित राजनेता हैं. उन्होंने दिव्यांग जन अधिकार अधिनियम का उल्लेख करते हुए कहा था कि इस अधिनियम के मुताबिक शब्दावली तो अब विलोपित की जा चुकी है और कानूनी तौर पर इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. संसद से ये अधिनियम पारित हो चुका है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिव्यांग शब्द का इस्तेमाल किया था ताकि दिव्यांग जनों को ना केवल समाज में आदर और सम्मान मिले बल्कि वे किसी भी तरीके से खुद को कमजोर ना समझें.

भोपाल: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लंगड़े घोड़े के बयान को 3 दिन बीत चुके हैं और अब इस पर सियासी बयानबाजी के साथ खिलाड़ियों ने भी नाराजगी जताई है. सवालों के घेरे में आए राहुल गांधी के लंगड़े घोड़े पर अब पैरा खिलाड़ी भी एतराज जता रहे हैं. इस बयान के विरोध में शुक्रवार को भोपाल में पैरा खिलाड़ी और दिव्यांग जन मंत्री विश्वास सारंग को ज्ञापन सौंपने पहुंचे. पैरा खिलाड़ियों का आरोप है कि राहुल गांधी ने लंगड़ा बोलकर दिव्यांग जनों का अपमान किया है. उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. उधर खेल मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि राहुल गाधी का ये बयान दिव्यांग समेत पूरे समाज को अपमानित करने वाला है.

राहुल के लंगड़े घोड़े बयान पर दिव्यांगों का विरोध

राहुल गांधी का घोड़े के जरिए कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं की व्याख्या को लेकर मचा बवाल अब भी नहीं थमा है. कार्यकर्ताओं, नेताओं को घोड़े की उपमा राहुल पहले भी दे चुके हैं. लेकिन लंगड़ा घोड़ा उन्होंने पहली बार मध्यप्रदेश में ही कहा था. उनके इस बयान पर दिव्यांग समाज में रोष है.

पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों ने राहुल का इस्तीफा मांगा (ETV Bharat)

पैरा ओलंपिक खिलाड़ी(नौकायन) नेपेंद्र चौरे का आरोप है कि "राहुल गांधी ने उनका मजाक उड़ाया है. उनका कहना है कि कुदरत से हुई नाइंसाफी के बाद भी हम लोग खुद को साबित कर रहे हैं. देश के इतने बड़े राजनीतिक दल के नेता राहुल गांधी हमारी कमजोरी जिसे अपनी ताकत हमने बनाया उसका मजाक उड़ा रहे हैं." इन खिलाड़ियों ने खेल मंत्री विश्वास सारंग को राहुल गांधी के इस बयान के संबंध में ज्ञापन भी सौंपा है.

LANGADA GHODA CONTROVERSY
लंगड़े घोड़े पर फिर उठा बवाल (ETV Bharat)

दिव्यांगों ने कहा माफी मांगे राहुल

खेल मंत्री विश्वास सारंग ने मीडिया से चर्चा में कहा कि "नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बयान से दिव्यांग समाज आहत है. उन्हें अपने बयान पर माफी मंगनी चाहिए और अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. सारंग ने कहा कि कांग्रेस और नेहरू परिवार हमेशा ही पीड़ित, शोषित और दिव्यागों का अपमान किया है. राहुल गांधी का यह बयान दिव्यांग समाज सहित संपूर्ण समाज को अपमानित करता है. कांग्रेस ने कभी दिव्यांग जनों का हित नहीं किया. राहुल गांधी के बयान से दिव्यांग जनों की भावनाएं आहत हुई हैं."

Rahul Gandhi lame horse statement
राहुल गांधी ने भोपाल में लंगड़े घोड़े पर दिया था बयान (ETV Bharat)

खेल मंत्री विश्वास सारंग का कहना था कि "चांदी की चम्मच मुंह में लेकर पैदा होने वाले राहुल गांधी ने केवल दिव्यांग जनों का ही नहीं कार्यकर्ताओं की तुलना जानवरों से कर उनका भी अपमान किया है. लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी पार्टी के कार्यकर्ताओं का अपमान नहीं करना चाहिए."

पैरा ओलम्पिक खिलाड़ी सत्येंन्द्र ने भी जताई थी नाराजगी

बता दें कि इसके पहले पैरा ओलम्पिक प्लेयर सत्येंन्द्र लोहिया ने भी इस मामले में नाराजगी दर्ज की थी. उन्होंने एक्स पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए राहुल गांधी के लिए लिखा था कि मैं तो व्यक्तिगत रूप से आपका आदर करता हूं, आप देश के प्रतिष्ठित राजनेता हैं. उन्होंने दिव्यांग जन अधिकार अधिनियम का उल्लेख करते हुए कहा था कि इस अधिनियम के मुताबिक शब्दावली तो अब विलोपित की जा चुकी है और कानूनी तौर पर इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. संसद से ये अधिनियम पारित हो चुका है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिव्यांग शब्द का इस्तेमाल किया था ताकि दिव्यांग जनों को ना केवल समाज में आदर और सम्मान मिले बल्कि वे किसी भी तरीके से खुद को कमजोर ना समझें.

Last Updated : June 6, 2025 at 7:56 PM IST
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