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प्यासी चिड़िया की मौत ने झकझोरा तो गुरुजी ने शुरू की मुहिम, जुड़ने लगा कारवां - PANNA PAWAI BIRDS LOVER

पन्ना के पवई में पक्षियों को दाना-पानी की व्यवस्था करने में कई संगठन लगे हैं. भीषण गर्मी के दौरान पूरी शिद्दत से पक्षियों की सेवा.

Panna Pawai birds lover
पन्ना के पवई में पक्षियों को दाना-पानी की व्यवस्था करने की मुहिम (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 13, 2025 at 1:11 PM IST

3 Min Read

पवई (पन्ना): इस भीषण गर्मी में किसी भी जीव की प्यास बुझाने से बड़ा पुण्य कोई और नहीं हो सकता. इस झुलसते मौसम में पक्षियों को पानी नहीं मिलता. कई जगहों पर पक्षियों को प्यास से दम तोड़ते देखा जा सकता है. इसी को देखते हुए कुछ लोग पक्षियों को लिए पूरे साल दाना और पानी की व्यवस्था करते हैं. खासकर गर्मी के मौसम में ऐसे कई लोग हैं, जो पूरे गर्मी के दौरान पक्षियों की सेवा में जुटे रहते हैं. पक्षियों के लिए सकोरे टांगते हैं. जगह-जगह उनका पेट भरने के लिए दाने रखते हैं.

पूरी गर्मी में पक्षियों के लिए दाना-पानी

ऐसे ही पक्षी प्रेमी हैं पन्ना जिले के पवई विकासखंड के माध्यमिक शाला नारायणपुरा के शिक्षक सतानंद पाठक. राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित सतानंद पाठक पूरी गर्मी के मौसम के दौरान पक्षियों के लिए पेड़ों पर सकोरे टांगते हैं. उनमें रोजाना पानी भरते हैं. साथ ही चिड़ियों के लिए दाने की भी व्यवस्था करते हैं. चूंकि गर्मी के मौसम में स्कूलों में अवकाश हो जाते हैं. इसलिए शिक्षक सतानंद पाठक पूरी छुट्टियों के दौरान पक्षियों की सेवा लगे रहते हैं. वह इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं कि जहां पर सकोरे रखे गए हैं, उनमें नियमित रूप से पानी होना चाहिए. उनकी देखादेखी और लोगों ने भी ये काम शुरू कर दिया है.

पक्षियों के लिए दाना पानी देने की अपील करते संगठन (ETV BHARAT)

पक्षियों को दाना-पानी देने की प्रेरणा कैसे मिली

शिक्षक सतनानंद पाठक हर साल 300 से 400 सकोरे टांगते हैं. वह बताते हैं "8 साल पहले गर्मियों के दिनों में दाबाई बाग सिमरिया में एक पक्षी को पानी के लिए तड़पते देखा तो इस दृश्य ने उन्हें झकझोर रख दिया. वह पक्षी प्यास से बेहाल था. तेज धूप होने से वह तड़प रहा था. ये देखकर उन्होंने उस पक्षी को उठाया और फिर उसे पानी पिलाया. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. उस दिन से मुझे लगा कि लगा कि पक्षियों के लिए हमें सकोरे रखना चाहिए. इसके बाद हमने हर साल सकोरे टांगना शुरू कर दिए."

शिक्षक ने पक्षी प्रेमियों का ग्रुप बनाया

शिक्षक सतानंद पाठक बताते हैं "पक्षियों को दाना-पानी अभियान नाम से एक ग्रुप बनाया है. इसमें कई शिक्षक जुड़े हैं. सभी लोग सकोरा अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करते हैं. इसके चलते आज तक कई स्थानों पर सकोरे टांगे जा चुके हैं. स्कूलों के अलावा अस्पताल, सरकारी कार्यालय, बगीचों के पेड़ों पर सकोरे लगाए गए हैं. यहां दाना-पानी रखने की व्यवस्था की है. इसके साथ ही स्कूल में बच्चों के बीच प्रतियोगिता आयोजित कराई गई."

पवई (पन्ना): इस भीषण गर्मी में किसी भी जीव की प्यास बुझाने से बड़ा पुण्य कोई और नहीं हो सकता. इस झुलसते मौसम में पक्षियों को पानी नहीं मिलता. कई जगहों पर पक्षियों को प्यास से दम तोड़ते देखा जा सकता है. इसी को देखते हुए कुछ लोग पक्षियों को लिए पूरे साल दाना और पानी की व्यवस्था करते हैं. खासकर गर्मी के मौसम में ऐसे कई लोग हैं, जो पूरे गर्मी के दौरान पक्षियों की सेवा में जुटे रहते हैं. पक्षियों के लिए सकोरे टांगते हैं. जगह-जगह उनका पेट भरने के लिए दाने रखते हैं.

पूरी गर्मी में पक्षियों के लिए दाना-पानी

ऐसे ही पक्षी प्रेमी हैं पन्ना जिले के पवई विकासखंड के माध्यमिक शाला नारायणपुरा के शिक्षक सतानंद पाठक. राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित सतानंद पाठक पूरी गर्मी के मौसम के दौरान पक्षियों के लिए पेड़ों पर सकोरे टांगते हैं. उनमें रोजाना पानी भरते हैं. साथ ही चिड़ियों के लिए दाने की भी व्यवस्था करते हैं. चूंकि गर्मी के मौसम में स्कूलों में अवकाश हो जाते हैं. इसलिए शिक्षक सतानंद पाठक पूरी छुट्टियों के दौरान पक्षियों की सेवा लगे रहते हैं. वह इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं कि जहां पर सकोरे रखे गए हैं, उनमें नियमित रूप से पानी होना चाहिए. उनकी देखादेखी और लोगों ने भी ये काम शुरू कर दिया है.

पक्षियों के लिए दाना पानी देने की अपील करते संगठन (ETV BHARAT)

पक्षियों को दाना-पानी देने की प्रेरणा कैसे मिली

शिक्षक सतनानंद पाठक हर साल 300 से 400 सकोरे टांगते हैं. वह बताते हैं "8 साल पहले गर्मियों के दिनों में दाबाई बाग सिमरिया में एक पक्षी को पानी के लिए तड़पते देखा तो इस दृश्य ने उन्हें झकझोर रख दिया. वह पक्षी प्यास से बेहाल था. तेज धूप होने से वह तड़प रहा था. ये देखकर उन्होंने उस पक्षी को उठाया और फिर उसे पानी पिलाया. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. उस दिन से मुझे लगा कि लगा कि पक्षियों के लिए हमें सकोरे रखना चाहिए. इसके बाद हमने हर साल सकोरे टांगना शुरू कर दिए."

शिक्षक ने पक्षी प्रेमियों का ग्रुप बनाया

शिक्षक सतानंद पाठक बताते हैं "पक्षियों को दाना-पानी अभियान नाम से एक ग्रुप बनाया है. इसमें कई शिक्षक जुड़े हैं. सभी लोग सकोरा अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करते हैं. इसके चलते आज तक कई स्थानों पर सकोरे टांगे जा चुके हैं. स्कूलों के अलावा अस्पताल, सरकारी कार्यालय, बगीचों के पेड़ों पर सकोरे लगाए गए हैं. यहां दाना-पानी रखने की व्यवस्था की है. इसके साथ ही स्कूल में बच्चों के बीच प्रतियोगिता आयोजित कराई गई."

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