नारायणपुर/बलौदाबाजार : छत्तीसगढ़ के जंगलों में वन्यजीवों पर खतरा मंडरा रहा है.शिकारी अक्सर वन्यजीवों की तस्करी करने की फिराक में रहते हैं.कई बार ये कामयाब भी हो जाते हैं. लेकिन वन विभाग ऐसे शिकारियों पर शिकंजा कसने के लिए नई प्लानिंग कर रहा है.जिसमें उसे बड़ी कामयाबी भी मिल रही है. ताजा मामले में नारायणपुर और बलौदाबाजार जिले में वनविभाग की टीम ने कार्रवाई की है.
नारायणपुर जिले में वन्यजीव तस्करी के खिलाफ वन विभाग ने पैंगोलिन की खाल के अवैध व्यापार में लिप्त तीन तस्करों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. वहीं एक आरोपी अफरा-तफरी का फायदा उठाकर फरार हो गया. वन विभाग की कार्रवाई किसी थ्रिलर फिल्म के दृश्य की तरह नजर आई, जिसमें सादे कपड़ों में टीम ने पहले संदिग्धों की पहचान की इसके बाद सभी को गिरफ्तार किया.


सादे कपड़ों में वन विभाग की टीम ने जमाई सेटिंग : मुखबिरों से लगातार मिल रही खुफिया जानकारी के आधार पर नारायणपुर वन विभाग के DFO के निर्देश पर SDO अशोक सोनवानी के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई. इनपुट मिला था कि पुराना बस स्टैंड इलाके में पैंगोलिन सहित अन्य वन्यजीवों की खालों की अवैध खरीद-बिक्री की तैयारी है.टीम ने इलाके में सादे कपड़ों में निगरानी शुरू की और संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त दो युवकों पर नजर रखी. जब विभाग को तस्करों का मोबाइल नंबर मिला और उस पर कॉल किया गया, तो उसी वक्त दोनों संदिग्धों का मोबाइल बज उठा. मौका देख टीम ने तुरंत दोनों को धर दबोचा.
युवकों के पास से एक बैग में पैंगोलिन की खाल दो पॉलिथीन बैगों में बरामद हुई. पूछताछ में उन्होंने अपने एक अन्य संपर्क का नंबर दिया. चालाकी से वन कर्मियों ने उनके मोबाइल से कॉल कर अगली कड़ी तक पहुंच बनाई.इसके बाद बॉस शिल्प के सामने दो और तस्करों को गिरफ्तार कर लिया, जिनके पास से भी पैंगोलिन की खाल मिली.
फरार आरोपी और आगे की कार्रवाई: इसी दौरान एक आरोपी अफरा-तफरी में हाथ छुड़ाकर एक फरार हो गया. वनकर्मियों ने उसका पीछा किया, लेकिन वह चकमा देकर निकल गया. उसकी सूचना नारायणपुर पुलिस को दे दी गई है और तलाश जारी है. गिरफ्तार आरोपियों में तुलसी राम सलाम, महरू मांडवी और धनु राम को न्यायालय में पेश किया गया है. फरार आरोपी की पहचान मान सिंह निवासी बेड़मा पाल के रूप में हुई है. आरोपियों के पास से चार मोबाइल फोन, दो दोपहिया वाहन और कुल 11.760 किलोग्राम पैंगोलिन की खाल बरामद की गई है.

रहवास और संकट की स्थिति:भारत में पैंगोलिन की दो प्रजातियाँ पाई जाती हैं—इंडियन पैंगोलिन (Manis crassicaudata) और चाइनीज पैंगोलिन (Manis pentadactyla). ये प्रजातियां घने जंगलों, बांस के झुरमुटों और पहाड़ी इलाकों में पाई जाती हैं. अत्यधिक शिकार और तस्करी के चलते यह प्राणी IUCN की रेड लिस्ट में "संवेदनशील से गंभीर संकटग्रस्त" श्रेणी में शामिल है.

कानूनी प्रावधान: भारत में पैंगोलिन वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची-I के तहत संरक्षित है. इसके शिकार, खाल, मांस या शल्क की खरीद-बिक्री या परिवहन पर सख्त प्रतिबंध है. दोष सिद्ध होने पर 7 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है. नारायणपुर वन विभाग की यह कार्रवाई वन्यजीव तस्करी के खिलाफ एक बड़ा संदेश है. इस ऑपरेशन से यह भी साबित होता है कि पैंगोलिन जैसे संकटग्रस्त प्राणियों को बचाने के लिए सजगता और सूझबूझ से ही तस्करी की कड़ियों को तोड़ा जा सकता है. फरार आरोपी की तलाश जारी है और उम्मीद जताई जा रही है कि उनके मोबाइल की जांच से इस अवैध नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने में मदद मिलेगी. वन्यजीवों की रक्षा सिर्फ सरकार की नहीं, समाज की भी जिम्मेदारी है.
बलौदाबाजार में शिकारी गिरफ्तार : बलौदाबाजार जिले के अर्जुनी परिक्षेत्र के गहरे जंगल में सक्रिय एक शिकारी गिरोह का खुलासा हुआ है. चार आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. ये सभी जंगली सुअर का शिकार कर मांस बेचने की तैयारी में थे. वन विभाग की टीम अर्जुनी रेंज में रात्रि गश्त कर रही थी. यह इलाका हाथियों के मूवमेंट के कारण पहले से हाई अलर्ट पर है. तभी टीम को एक संदिग्ध व्यक्ति जंगल में भटकता मिला. जब उसकी तलाशी लेकर सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसके तीन साथी जंगली सुअर का शिकार कर चुके हैं और मांस बेचने के फिराक में है. इसके बाद वन विभाग ने तत्काल अन्य तीन आरोपियों को घेराबंदी कर पकड़ लिया.
यह सिर्फ शिकार का मामला नहीं है, यह जंगल और जैवविविधता के खिलाफ अपराध है.हमने टीम को निर्देश दिए हैं कि पूरे अर्जुनी रेंज में सतत गश्त हो. जंगली जानवरों को नुकसान पहुंचाने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा- अनिल वर्मा, एसडीओ वनविभाग
जंगल में पसरा सन्नाटा : इस कार्रवाई के बाद अर्जुनी, बेरला, कर्रा और टोनाटोनी गांव के पास के जंगलों में रहने वाले शिकारियों में खलबली मच गई है. वन विभाग की लगातार दबिश और चौकसी ने उनकी गतिविधियों पर अंकुश लगाया है. ग्रामीणों ने भी विभाग की इस तत्परता की सराहना की है.
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