रांची: झारखंड के ग्रामीणों इलाकों में विकास को गति देने में मुखिया और पंचायत सचिव को सहयोग करने वाले पंचायत सहायक फिर से आक्रोशित हैं. राज्य भर के 16 हजार से अधिक पंचायत सहायक आंदोलन की चेतावनी दी है.
रविवार को रांची में राज्य स्तरीय पंचायत सहायक संघ की बैठक हुई. जिसमें यह निर्णय लिया कि अगर सरकार और विभाग ने उनकी लंबित मांगें नहीं मानी और जल्द प्रोत्साहन भत्ता जारी नहीं किया तो वे चरणबद्ध आंदोलन करेंगे.
राज्य स्तरीय पंचायत सहायक संघ की प्रदेश कमेटी की बैठक के बाद अध्यक्ष चंद्रदीप कुमार ने बताया कि अभी तक विभागीय मार्गदर्शिका का पालन सभी जिला, प्रखंड में नहीं किया जा रहा है. साथ ही बहुत सारे जिला में अभी तक प्रोत्साहन राशि भी नहीं मिली है. कैबिनेट में जो घोषणा की गई थी वह अभी तक धरातल पर नहीं उतरा है.
चंद्रदीप कुमार ने बताया कि दो महीने से अधिक समय पहले विभागीय मार्गदर्शिका निकाली थी. वह आज तक धरातल पर लागू नहीं हो पाया है. पंचायत सहायकों को उनका प्रोत्साहन राशि (₹2500) मिल पाया है. पंचायत सहायकों ने बताया कि इतना ही नहीं 2019 से लेकर 2024 तक का प्रोत्साहन राशि भी सरकार ने नहीं दी है.
चंद्रदीप कुमार ने बताया कि सरकार के द्वारा सिर्फ काम लिया जा रहा है. आबुआ आवास, प्रधानमंत्री आवास, मनरेगा, भूमि संरक्षण, पंचायत भवन में प्रत्येक दिन बैठना पड़ रहा है. सरकार के द्वारा जो भी कैंप लगाया जाता है उसमें ड्यूटी देना पड़ता है. इतना काम करने के बावजूद 5 साल से प्रोत्साहन राशि बकाया है.
12 मार्च 2024 को कैबिनेट से घोषणा किया गया था प्रत्येक पंचायत सहयम को प्रति माह 2500 रुपये देने का प्रस्ताव पारित किया गया था. उसके अनुरूप भी लगभग 01 वर्ष से कोई राशि नहीं दिया गया है. पंचायत सहायकों ने कहा कि इन सब मांगों को लेकर फिर एक बार हम आंदोलन की राह पकड़ लेंगे और मांगें नहीं मानी गयी तो हम सभी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.
'घर बैठी महिलाओं को मंईयां सम्मान, हम पंचायत सहायक होने की सजा पा रहे'
सिमडेगा की पंचायत सहायक सुनीता देवी ने कहा कि सरकार एक ओर मंईयां सम्मान के तहत महिलाओं को 2500 रु. हर महीना दे रही है. लेकिन हम पंचायत सहायक हैं इसलिए हमें मंईयां सम्मान की नहीं मिल सकती. लेकिन यहां हमारी जैसी करीब 5000 पंचायत सहायकों को न मंईयां सम्मान की राशि मिल रही है और न ही अपने काम का प्रोत्साहन भत्ता.
इसे भी पढ़ें- बीडीओ और प्रमुख के बीच बढ़ा विवाद, अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे जनप्रतिनिधि
इसे भी पढ़ें- गढ़वा में मनरेगा कानून की उड़ रही धज्जियां, जेसीबी से हो रहा डोभा निर्माण
इसे भी पढ़ें- पंचायत सचिव पर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का आरोप, बीडीओ ने लगाई फटकार