ETV Bharat / state

पाकिस्तानी शरणार्थी कैंप में मिली सुरों की रानी फूलवंती, पहले ही गाने से मचाई धूम - PAKISTANI REFUGEE SINGER PHOOLWANTI

पाकिस्तान से भारत पहुंची फूलवंती गाती है तो लगता है जैसे बागों में फूल खिल रहे हों. ऐसी कई प्रतिभाएं पाकिस्तान में जुल्म की शिकार.

Pakistani refugee singer Phoolwanti
पाकिस्तानी शरणार्थी फूलवंती ने पहले ही गाने से मचाई धूम (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : June 6, 2025 at 11:19 AM IST

Updated : June 6, 2025 at 12:34 PM IST

5 Min Read

इंदौर (सिद्धार्थ माछीवाल) : आजादी के बाद से ही हिंदुओं के लिए अत्याचार की सरजमीं बने पाकिस्तान में हिंदू बहन-बेटियों का जीना दूभर है. अब हर साल सैकड़ों पाकिस्तानी हिंदू परिवारों की महिलाएं टूरिस्ट वीजा पर भारत पहुंचकर शरणार्थी कैम्पों में शरण ले रही हैं. दिल्ली के शरणार्थी कैम्प रहने वाली ऐसी ही एक पाकिस्तानी शरणार्थी इंदौर पहुंचकर सिंगर बन गई. उसका गाया हुआ गाना पाकिस्तानी शरणार्थियों पर आधारित आगामी फिल्म '2020 दिल्ली' में सुनाई देगा.

पाकिस्तानी शरणार्थी कैंप में मिली स्वरकोकिला

दरअसल, पाकिस्तान में हिंदू महिलाओं की सामाजिक स्थिति और अत्याचार पर आधारित विषय पर इंदौर के फिल्म निर्माता देवेंद्र मालवीय द्वारा 2020 दिल्ली बनाई जा रही है. फिल्म के लिए जब शरणार्थियों की वास्तविक स्थिति देखने मालवीय को दिल्ली के सिगनेचर ब्रिज स्थित शरणार्थी कैंप में करीब 1200 शरणार्थियों के बीच गए तो एक ऐसी लड़की मिली, जो अपने भजन के माध्यम से भारत में शरण की गुहार लगा रही थी. इस दौरान चर्चा में फूलवती ने बताया "वह सिंगर बनना चाहती है. इसके बाद उसने भजन गाया तो इसे सुनकर सभी आश्चर्यचकित रह गए."

पाकिस्तानी शरणार्थी फूलवंती (ETV BHARAT)

फिल्म निर्माता देवेंद्र मालवीय ने दिया ब्रेक

इसके बाद इस बेटी के दर्द को फिल्म के गाने के रूप में एडजस्ट करने का फैसला किया गया. दिल्ली के शरणार्थी कैंप से फूलवंती ने इंदौर पहुंचकर फिल्म 2020 दिल्ली के लिए अपना पहला गाना रिकॉर्ड किया. माना जा रहा है कि वह फिल्म के आते ही चर्चित होगा. दरअसल, यह पहला मौका है जब धार्मिक वीजा पर भारत पहुंची किसी पाकिस्तानी बेटी को अपनी फरियाद इंदौर में बन रही एक फिल्म में प्रदर्शित करने का मौका मिला है. इतना ही नहीं अपने गानों की बदौलत फूलवंती अब उन बेटियों की कहानी भी बयां करने में कामयाब रही है, जो पाकिस्तान में शोषण और अत्याचार की शिकार होने से पहले भारत की शरण लेना चाहती हैं.

पाकिस्तानी शरणार्थी कैंप में मिली स्वरकोकिला (ETV BHARAT)

पाकिस्तान से 8 बहनें और 2 भाई भारत आये

फूलवंती का परिवार 8 महीने पहले अगस्त 2024 में तीर्थ वीजा पर पाकिस्तान के सिंध प्रांत से दिल्ली पहुंचा. ये लोग अब किसी भी कीमत पर पाकिस्तान नहीं लौटना चाहते. शरणार्थी कैंप में उसकी अन्य 8 बहनें और दो भाई भारत आये हैं. छोटा भाई मूलचंद फूलवंती के साथ इंदौर में मौजूद है, जो भारत और खासकर इंदौर आकर बहुत खुश है. दोनों बताते हैं "पाकिस्तान में उनके पिता ने सभी बच्चों को भारत भेजने के लिए वीजा की तैयारी की थी लेकिन वह खुद किसी कारणवश नहीं आ पाए. लेकिन उनके जैसे तमाम माता-पिता की पाकिस्तान में कोशिश यही है कि उनकी बेटियां भले पाकिस्तान से उड़कर भारत पहुंच जाएं लेकिन पाकिस्तान में किसी भी कीमत पर बर्बाद होने के लिए न रह जाएं. इस स्थिति के चलते हर महीने पाकिस्तान के विभिन्न इलाकों से धार्मिक पर्यटन के आधार पर कई पाकिस्तानी हिंदू दिल्ली, जोधपुर जैसे इलाकों में पहुंचते हैं और फिर शरणार्थी कैंपों में ठहर जाते हैं."

सालाना 500 से 600 लोग पहुंच रहे शरणार्थी कैंपों में

दरअसल, पाकिस्तान से भारत आना किसी भी हिंदू के लिए बहुत मुश्किल है लेकिन भारत के गंगा स्नान आदि तीर्थ स्थान में अस्थि विसर्जन और स्नान करने के लिए पाकिस्तान से 3 महीने का तीर्थ विजा मिल जाता है. इस आधार पर वीजा लेने वालों में हर महीने 30 से 40 लोग भारत आ रहे हैं, जिनकी संख्या तेजी से बढ़ी है. हालांकि बीते दिनों ऑपरेशन सिंदूर के बाद से फिलहाल धार्मिक वीजा पर भी रोक लग गई है. लिहाजा, शरणार्थी कैंपों में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू अब अपने परिजनों के लिए चिंतित हैं.

Pakistani refugee singer Phoolwanti
फिल्म निर्माता देवेंद्र मालवीय ने दिया ब्रेक (ETV BHARAT)

पाकिस्तान में कैसे हैं हिंदुओं के हालात

फूलबंती और मूलचंद बताते हैं "पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जिस इलाके में रहते हैं, वहां 10 साल से लाइट नहीं है. इसके बावजूद उन्होंने दिए की रोशनी में पढ़ाई-लिखाई करके हायर सेकेंडरी पास की है. इतना ही नहीं, वे दोनों फर्राटेद्दार अंग्रेजी में भी बात करते हैं." मूलचंद बताता है "पाकिस्तान में योग्य होते हुए भी हिंदुओं को नौकरी नहीं मिलती. जबकि मुस्लिमों को प्राथमिकता दी जाती है, वहां हिंदू परिवारों की बहन-बेटियां उठा ली जाती हैं और उनके परिजन जब पुलिस से गुहार लगाते हैं तो उनकी सुनवाई नहीं होती." उन्होंने बताया "कमीशन ऑफ़ इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम ह्यूमन राइट की रिपोर्ट के अनुसार ही पाकिस्तान में हर साल 1000 हिंदू और क्रिश्चियन लड़कियां उठा ली जाती हैं, जिनका जबरिया धर्मांतरण कराया जाता है या फिर वह अमानवीयता की शिकार हो जाती हैं."

इंदौर (सिद्धार्थ माछीवाल) : आजादी के बाद से ही हिंदुओं के लिए अत्याचार की सरजमीं बने पाकिस्तान में हिंदू बहन-बेटियों का जीना दूभर है. अब हर साल सैकड़ों पाकिस्तानी हिंदू परिवारों की महिलाएं टूरिस्ट वीजा पर भारत पहुंचकर शरणार्थी कैम्पों में शरण ले रही हैं. दिल्ली के शरणार्थी कैम्प रहने वाली ऐसी ही एक पाकिस्तानी शरणार्थी इंदौर पहुंचकर सिंगर बन गई. उसका गाया हुआ गाना पाकिस्तानी शरणार्थियों पर आधारित आगामी फिल्म '2020 दिल्ली' में सुनाई देगा.

पाकिस्तानी शरणार्थी कैंप में मिली स्वरकोकिला

दरअसल, पाकिस्तान में हिंदू महिलाओं की सामाजिक स्थिति और अत्याचार पर आधारित विषय पर इंदौर के फिल्म निर्माता देवेंद्र मालवीय द्वारा 2020 दिल्ली बनाई जा रही है. फिल्म के लिए जब शरणार्थियों की वास्तविक स्थिति देखने मालवीय को दिल्ली के सिगनेचर ब्रिज स्थित शरणार्थी कैंप में करीब 1200 शरणार्थियों के बीच गए तो एक ऐसी लड़की मिली, जो अपने भजन के माध्यम से भारत में शरण की गुहार लगा रही थी. इस दौरान चर्चा में फूलवती ने बताया "वह सिंगर बनना चाहती है. इसके बाद उसने भजन गाया तो इसे सुनकर सभी आश्चर्यचकित रह गए."

पाकिस्तानी शरणार्थी फूलवंती (ETV BHARAT)

फिल्म निर्माता देवेंद्र मालवीय ने दिया ब्रेक

इसके बाद इस बेटी के दर्द को फिल्म के गाने के रूप में एडजस्ट करने का फैसला किया गया. दिल्ली के शरणार्थी कैंप से फूलवंती ने इंदौर पहुंचकर फिल्म 2020 दिल्ली के लिए अपना पहला गाना रिकॉर्ड किया. माना जा रहा है कि वह फिल्म के आते ही चर्चित होगा. दरअसल, यह पहला मौका है जब धार्मिक वीजा पर भारत पहुंची किसी पाकिस्तानी बेटी को अपनी फरियाद इंदौर में बन रही एक फिल्म में प्रदर्शित करने का मौका मिला है. इतना ही नहीं अपने गानों की बदौलत फूलवंती अब उन बेटियों की कहानी भी बयां करने में कामयाब रही है, जो पाकिस्तान में शोषण और अत्याचार की शिकार होने से पहले भारत की शरण लेना चाहती हैं.

पाकिस्तानी शरणार्थी कैंप में मिली स्वरकोकिला (ETV BHARAT)

पाकिस्तान से 8 बहनें और 2 भाई भारत आये

फूलवंती का परिवार 8 महीने पहले अगस्त 2024 में तीर्थ वीजा पर पाकिस्तान के सिंध प्रांत से दिल्ली पहुंचा. ये लोग अब किसी भी कीमत पर पाकिस्तान नहीं लौटना चाहते. शरणार्थी कैंप में उसकी अन्य 8 बहनें और दो भाई भारत आये हैं. छोटा भाई मूलचंद फूलवंती के साथ इंदौर में मौजूद है, जो भारत और खासकर इंदौर आकर बहुत खुश है. दोनों बताते हैं "पाकिस्तान में उनके पिता ने सभी बच्चों को भारत भेजने के लिए वीजा की तैयारी की थी लेकिन वह खुद किसी कारणवश नहीं आ पाए. लेकिन उनके जैसे तमाम माता-पिता की पाकिस्तान में कोशिश यही है कि उनकी बेटियां भले पाकिस्तान से उड़कर भारत पहुंच जाएं लेकिन पाकिस्तान में किसी भी कीमत पर बर्बाद होने के लिए न रह जाएं. इस स्थिति के चलते हर महीने पाकिस्तान के विभिन्न इलाकों से धार्मिक पर्यटन के आधार पर कई पाकिस्तानी हिंदू दिल्ली, जोधपुर जैसे इलाकों में पहुंचते हैं और फिर शरणार्थी कैंपों में ठहर जाते हैं."

सालाना 500 से 600 लोग पहुंच रहे शरणार्थी कैंपों में

दरअसल, पाकिस्तान से भारत आना किसी भी हिंदू के लिए बहुत मुश्किल है लेकिन भारत के गंगा स्नान आदि तीर्थ स्थान में अस्थि विसर्जन और स्नान करने के लिए पाकिस्तान से 3 महीने का तीर्थ विजा मिल जाता है. इस आधार पर वीजा लेने वालों में हर महीने 30 से 40 लोग भारत आ रहे हैं, जिनकी संख्या तेजी से बढ़ी है. हालांकि बीते दिनों ऑपरेशन सिंदूर के बाद से फिलहाल धार्मिक वीजा पर भी रोक लग गई है. लिहाजा, शरणार्थी कैंपों में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू अब अपने परिजनों के लिए चिंतित हैं.

Pakistani refugee singer Phoolwanti
फिल्म निर्माता देवेंद्र मालवीय ने दिया ब्रेक (ETV BHARAT)

पाकिस्तान में कैसे हैं हिंदुओं के हालात

फूलबंती और मूलचंद बताते हैं "पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जिस इलाके में रहते हैं, वहां 10 साल से लाइट नहीं है. इसके बावजूद उन्होंने दिए की रोशनी में पढ़ाई-लिखाई करके हायर सेकेंडरी पास की है. इतना ही नहीं, वे दोनों फर्राटेद्दार अंग्रेजी में भी बात करते हैं." मूलचंद बताता है "पाकिस्तान में योग्य होते हुए भी हिंदुओं को नौकरी नहीं मिलती. जबकि मुस्लिमों को प्राथमिकता दी जाती है, वहां हिंदू परिवारों की बहन-बेटियां उठा ली जाती हैं और उनके परिजन जब पुलिस से गुहार लगाते हैं तो उनकी सुनवाई नहीं होती." उन्होंने बताया "कमीशन ऑफ़ इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम ह्यूमन राइट की रिपोर्ट के अनुसार ही पाकिस्तान में हर साल 1000 हिंदू और क्रिश्चियन लड़कियां उठा ली जाती हैं, जिनका जबरिया धर्मांतरण कराया जाता है या फिर वह अमानवीयता की शिकार हो जाती हैं."

Last Updated : June 6, 2025 at 12:34 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.