पटना : बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराए वाहन चला रहे हैं तो ऐसे वाहन मालिक सावधान हो जाएं. बिहार परिवहन विभाग अब राज्य के स्मार्ट सिटी वाले शहरों- पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और बिहारशरीफ में बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराए वाहन चलाने वालों का एएनपीआर कैमरा के माध्यम से ऑटोमेटिक चालान कटेगा.
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराएं वरना चालान कटेगा : यह चालान एक दिन में एक ही बार कटेगा. निर्गत ई चालान की राशि जमा करने के लिए विभाग द्वारा एक दिन का अनुग्रह अवधि (ग्रेस पीरियड) दिया जाएगा. इस अवधि के बाद दूसरी एवं उसके बाद उल्लंघन के लिए शमन के रूप में ई चालान भेजेगा.

सभी टोल प्लाजा पर ऑटोमेटिक चालान : परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि जिन वाहनों का बीमा प्रमाण पत्र अपडेट नहीं है. उन वाहनों पर मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा 196 के तहत शमन के रूप में ई चालान निर्गत करने का प्रावधान है. पूर्व से टोल प्लाजा पर ई डिटेक्शन सिस्टम के माध्यम से बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के वाहनों का ऑटोमेटिक चालान काटा जा रहा है. इसके साथ ही हैंड हेल्ड डिवाइस के माध्यम से चालान निर्गत किया जाता है.
''वाहन मालिकों एवं चालकों से अपील की है कि एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपने वाहन का इंश्योरेंस कराएं. सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें.''- संजय अग्रवाल, परिवहन सचिव, बिहार
थर्ड पार्टी बीमा कराना है अनिवार्य : परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि सभी वाहन मालिकों को अपने वाहन का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना अनिवार्य है. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराने से न केवल वित्तीय सुरक्षा मिलती है, बल्कि एक्सीडेंट होने पर घायल पीड़ितों को भी मदद मिलती है. गाड़ी का इंश्योरेंस नहीं होने पर जुर्माना का प्रावधान है, साथ ही एक्सीडेंट होने पर घायल के इलाज का खर्च और मृत्यु होने की स्थिति में कम से कम 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का प्रावधान है.
थर्ड पार्टी बीमा के लाभ:-
- वित्तिय सुरक्षा : तीसरे पक्ष का बीमा दुर्घटना या किसी अन्य की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में बीमाधारक को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है.
- मुकदमों से सुरक्षा : यह बीमाधारक को तीसरे पक्ष द्वारा दायर किए गए मुकदमों से सुरक्षा प्रदान करता है.
- शांति : यह बीमाधारक को दुर्घटना होने पर आश्वस्त करता है कि वे कवर हैं.
- संपत्ति की सुरक्षा : यह बीमाधारक की संपत्ति को मुकदमे की स्थिति में जब्त होने से सुरक्षित रखता है.
- मुआवजा प्राप्त करने में मदद : यह बीमाधारक को हुए नुकसान या नुकसान के लिए मुआवजा प्राप्त करने में मदद करता है.
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