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अयोध्या में 84 कोसी परिक्रमा; यात्रा में शामिल होंगे एक हजार साधु संत, 21 दिन बाद सीताकुंड पर होगा समापन - AYODHYA 84 KOSI PARIKRAMA

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय पदाधिकारियों की ओर से यात्रा को किया जायेगा रवाना.

श्रीराम मंदिर अयोध्या
श्रीराम मंदिर अयोध्या (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : April 8, 2025 at 8:47 PM IST

5 Min Read

अयोध्या : 84 कोसी परिक्रमा यात्रा की शुरुआत 12 अप्रैल से हो रही है. यात्रा में इस वर्ष लगभग 1000 की संख्या में साधु संत व अन्य राम भक्त शामिल होंगे. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय पदाधिकारियों की ओर से यात्रा को झंडी दिखाकर मखौड़ा धाम के लिए रवाना किया जायेगा.

परिक्रमा यात्रा विश्व हिंदू परिषद के अनुषांगिक संगठन हनुमान मंडल के नेतृत्व में निकाल जाएगी. इसके लिए अब तक लगभग 400 से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन कर लिया है. देश के अलग-अलग राज्यों से भी लोग यात्रा में शामिल होने के लिए आ रहे हैं.



राम मंदिर निर्माण होने के बाद से अयोध्या सहित देश के विभिन्न हिस्सों से 84 कोसी परिक्रमा यात्रा में शामिल होने की रुचि बढ़ गई है. हनुमान मंडल की ओर से जारी सूचना के मुताबिक, 12 अप्रैल को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय पदाधिकारियों के द्वारा इस यात्रा को झंडी दिखाकर मखौड़ा धाम के लिए रवाना किया जायेगा, जोकि 22 दिनों के बाद अयोध्या के सीताकुंड पर पूरी होगी.

अयोध्या के विश्व हिंदू परिषद मुख्यालय कारसेवकपुरम से प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी परंपरागत रूप से हनुमान मंडल के संयोजन में 84 कोस की परिक्रमा प्रारंभ की गई. जारी सूचना के मुताबिक, इस परिक्रमा में विभिन्न प्रदेशों से आए भक्त जय श्रीराम की जयकारे के साथ मखौड़ा धाम के लिए प्रस्थान करेंगे.

मखौड़ा में रात्रि विश्राम के उपरांत सुबह दर्शन पूजन करके आगे रजवापुर रामगढ़खास, छावनी रामरेखा, देवकली हनुमान मंदिर, विशेषरगंज हनुमानबाग बस्ती से सरयू पारकर अयोध्या के शेरवाघाट, श्रृंगी श्रृषि आश्रम, महबूबगंज, गोसाईगंज, टिकरी, तारून, रामपुर, भगन सूर्यकुंड, दराबगंज, हेमा सराय, आस्तिकन, अमानीगंज, रौजागांव, पटरंगा से बाराबंकी जनपद के बेलखरा मे प्रवेश करेगी.

यहां से गोंडा जनपद के देवीगंज दुलारेगंज जम्मूदीप, भौरीगंज राजापुर पस्का (संत तुलसीदास की जन्मभूमि) बखरिया, उमरी डिक्सिर, अमदही जमदग्नि आश्रम, तुलसीपुर, नवाबगंज से जनपद बस्ती में पुनः वापसी रेहली, सिकंदरपुर होते हुये मखौड़ा पहुंचेगी. 21 दिन बाद यात्रा सरयू घाट होते हुए सीताकुंड पर पहुंचेगी, जहां इस यात्रा का समापन होगा. 5 मई को इस यात्रा में शामिल राम भक्त व साधु संत रामकोट की परिक्रमा करेंगे.

हनुमान मंडल के संयोजक सुरेंद्र कुमार बताते हैं कि यात्रा में शामिल होने वाले लोगों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है. अब तक लगभग 400 से अधिक लोगों ने अपना पंजीकरण कर भी लिया है. उन्होंने बताया कि इस यात्रा में तीन रथ शामिल किए जाएंगे. जिसमें एक रथ पर भगवान की प्रतिमाएं और साधु-संत कीर्तन भजन करते हुए निकलेंगे तो वहीं दूसरे रथ में एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई है, जिसके माध्यम से पड़ाव के दौरान राम कथाओं को दिखाया जाएगा.

राम मंदिर में लगेंगी सफेद संगमरमर की मूर्तियां : राम मंदिर के निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है. 15 दिन में शिखर के निर्माण कार्य को भी पूरा कर लिया जाएगा, वहीं दूसरी ओर मंदिर परिसर में लगने वाली सभी मूर्तियों को जयपुर से अयोध्या शिफ्ट करने की भी तैयारी शुरू कर दी गई है. मिली जानकारी के मुताबिक, 25 अप्रैल तक सभी मूर्तियों को मंदिर परिसर में पहुंचाया जाएगा. इसके बाद तय लग्न और मुहूर्त पर मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा.



राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर के अलावा परकोटे में 6 मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें शिव, गणेश, हनुमान, सूर्य, माता भगवती और माता अन्नपूर्णा विराजमान होंगे. इसके अलावा परिसर में कुबेश्वर महादेव, शेषावतार मंदिर और सप्त ऋषियों के मंदिरों का भी निर्माण कर जा रहा है. जिसमें महर्षि वाल्मीकि, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य और अहिल्या, निषाद राज और शबरी का मंदिर बन रहा है. इन मंदिरों में स्थापित होने वाली मूर्तियां के निर्माण का कार्य भी पूरा हो चुका है.



मूर्तिकार सत्यनारायण पांडे बताते हैं कि सभी मूर्तियों को संगमरमर के पत्थरों पर तैयार किया गया है. यह पत्थर हजार वर्ष तक सुरक्षित रहेंगे. इन्हें तैयार करने के लिए ट्रस्ट के द्वारा लिखित अनुबंध किया गया था, जोकि समय सीमा में पूरा कर उन्हें अयोध्या पहुंचाने के लिए कहा गया है. बीते माह ट्रस्ट का डेलिगेशन जयपुर आया था. सभी मूर्तियों को देखने के बाद अब उनको अस्थाई रूप प्रदान करने के लिए पहुंचाया जाएगा. मूर्तियों को मार्च में ही पहुंचा जाना था, लेकिन कार्यों के पूर्ण न होने के कारण इन मूर्तियों को अब अप्रैल माह में शिफ्ट कर दिया जाएगा.

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि राम मंदिर और परकोटा के मंदिरों का कार्य भी अंतिम चरण में है. यह सभी कार्यों को पूरा किए जाने के बाद मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा, इसके बाद एक शुभ मुहूर्त पर प्राण प्रतिष्ठा होगी.

यह भी पढ़ें : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 84 कोसी परिक्रमा में दिखा संतों का उत्साह, 22 दिनों में 5 जिलों से होकर गुजरी टोली

अयोध्या : 84 कोसी परिक्रमा यात्रा की शुरुआत 12 अप्रैल से हो रही है. यात्रा में इस वर्ष लगभग 1000 की संख्या में साधु संत व अन्य राम भक्त शामिल होंगे. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय पदाधिकारियों की ओर से यात्रा को झंडी दिखाकर मखौड़ा धाम के लिए रवाना किया जायेगा.

परिक्रमा यात्रा विश्व हिंदू परिषद के अनुषांगिक संगठन हनुमान मंडल के नेतृत्व में निकाल जाएगी. इसके लिए अब तक लगभग 400 से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन कर लिया है. देश के अलग-अलग राज्यों से भी लोग यात्रा में शामिल होने के लिए आ रहे हैं.



राम मंदिर निर्माण होने के बाद से अयोध्या सहित देश के विभिन्न हिस्सों से 84 कोसी परिक्रमा यात्रा में शामिल होने की रुचि बढ़ गई है. हनुमान मंडल की ओर से जारी सूचना के मुताबिक, 12 अप्रैल को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय पदाधिकारियों के द्वारा इस यात्रा को झंडी दिखाकर मखौड़ा धाम के लिए रवाना किया जायेगा, जोकि 22 दिनों के बाद अयोध्या के सीताकुंड पर पूरी होगी.

अयोध्या के विश्व हिंदू परिषद मुख्यालय कारसेवकपुरम से प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी परंपरागत रूप से हनुमान मंडल के संयोजन में 84 कोस की परिक्रमा प्रारंभ की गई. जारी सूचना के मुताबिक, इस परिक्रमा में विभिन्न प्रदेशों से आए भक्त जय श्रीराम की जयकारे के साथ मखौड़ा धाम के लिए प्रस्थान करेंगे.

मखौड़ा में रात्रि विश्राम के उपरांत सुबह दर्शन पूजन करके आगे रजवापुर रामगढ़खास, छावनी रामरेखा, देवकली हनुमान मंदिर, विशेषरगंज हनुमानबाग बस्ती से सरयू पारकर अयोध्या के शेरवाघाट, श्रृंगी श्रृषि आश्रम, महबूबगंज, गोसाईगंज, टिकरी, तारून, रामपुर, भगन सूर्यकुंड, दराबगंज, हेमा सराय, आस्तिकन, अमानीगंज, रौजागांव, पटरंगा से बाराबंकी जनपद के बेलखरा मे प्रवेश करेगी.

यहां से गोंडा जनपद के देवीगंज दुलारेगंज जम्मूदीप, भौरीगंज राजापुर पस्का (संत तुलसीदास की जन्मभूमि) बखरिया, उमरी डिक्सिर, अमदही जमदग्नि आश्रम, तुलसीपुर, नवाबगंज से जनपद बस्ती में पुनः वापसी रेहली, सिकंदरपुर होते हुये मखौड़ा पहुंचेगी. 21 दिन बाद यात्रा सरयू घाट होते हुए सीताकुंड पर पहुंचेगी, जहां इस यात्रा का समापन होगा. 5 मई को इस यात्रा में शामिल राम भक्त व साधु संत रामकोट की परिक्रमा करेंगे.

हनुमान मंडल के संयोजक सुरेंद्र कुमार बताते हैं कि यात्रा में शामिल होने वाले लोगों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है. अब तक लगभग 400 से अधिक लोगों ने अपना पंजीकरण कर भी लिया है. उन्होंने बताया कि इस यात्रा में तीन रथ शामिल किए जाएंगे. जिसमें एक रथ पर भगवान की प्रतिमाएं और साधु-संत कीर्तन भजन करते हुए निकलेंगे तो वहीं दूसरे रथ में एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई है, जिसके माध्यम से पड़ाव के दौरान राम कथाओं को दिखाया जाएगा.

राम मंदिर में लगेंगी सफेद संगमरमर की मूर्तियां : राम मंदिर के निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है. 15 दिन में शिखर के निर्माण कार्य को भी पूरा कर लिया जाएगा, वहीं दूसरी ओर मंदिर परिसर में लगने वाली सभी मूर्तियों को जयपुर से अयोध्या शिफ्ट करने की भी तैयारी शुरू कर दी गई है. मिली जानकारी के मुताबिक, 25 अप्रैल तक सभी मूर्तियों को मंदिर परिसर में पहुंचाया जाएगा. इसके बाद तय लग्न और मुहूर्त पर मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा.



राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर के अलावा परकोटे में 6 मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें शिव, गणेश, हनुमान, सूर्य, माता भगवती और माता अन्नपूर्णा विराजमान होंगे. इसके अलावा परिसर में कुबेश्वर महादेव, शेषावतार मंदिर और सप्त ऋषियों के मंदिरों का भी निर्माण कर जा रहा है. जिसमें महर्षि वाल्मीकि, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य और अहिल्या, निषाद राज और शबरी का मंदिर बन रहा है. इन मंदिरों में स्थापित होने वाली मूर्तियां के निर्माण का कार्य भी पूरा हो चुका है.



मूर्तिकार सत्यनारायण पांडे बताते हैं कि सभी मूर्तियों को संगमरमर के पत्थरों पर तैयार किया गया है. यह पत्थर हजार वर्ष तक सुरक्षित रहेंगे. इन्हें तैयार करने के लिए ट्रस्ट के द्वारा लिखित अनुबंध किया गया था, जोकि समय सीमा में पूरा कर उन्हें अयोध्या पहुंचाने के लिए कहा गया है. बीते माह ट्रस्ट का डेलिगेशन जयपुर आया था. सभी मूर्तियों को देखने के बाद अब उनको अस्थाई रूप प्रदान करने के लिए पहुंचाया जाएगा. मूर्तियों को मार्च में ही पहुंचा जाना था, लेकिन कार्यों के पूर्ण न होने के कारण इन मूर्तियों को अब अप्रैल माह में शिफ्ट कर दिया जाएगा.

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि राम मंदिर और परकोटा के मंदिरों का कार्य भी अंतिम चरण में है. यह सभी कार्यों को पूरा किए जाने के बाद मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा, इसके बाद एक शुभ मुहूर्त पर प्राण प्रतिष्ठा होगी.

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