रांचीः राजधानी रांची में पुलिस के द्वारा पिछले 1 साल के दौरान नशे के तस्करों के खिलाफ रिकॉर्ड कार्रवाई की गई है. लेकिन नशे के कारोबार में महिलाओं की एंट्री ने पुलिस की चिंता बढ़ा दी है. पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि कल तक जो महिलाएं ब्राउन शुगर जैसे मादक पदार्थों का डिस्ट्रीब्यूशन का काम करती थी, वह अब सीधे इस गंदे धंधे से जुड़ने लगी है.
महिला तस्करों की संख्या बढ़ी
नशे के कारोबार में महिलाओं की एंट्री ने पुलिस की चिंता बढ़ा दी है. न सिर्फ राजधानी रांची बल्कि राज्य के अलग-अलग इलाकों से लगातार फीमेल्स ड्रग पैडलर पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए जा रहे हैं. पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए नशे के तस्कर महिलाओं का इस्तेमाल करते रहे हैं, लेकिन पुलिस के हालिया जांच में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है.
जांच में यह बात सामने आई है कि कल तक जो महिलाएं ड्रग्स पैडलर के तौर पर डिस्ट्रीब्यूशन का काम किया करती थी, वह अब सीधे नशे के तस्करी से जुड़ गई हैं. हाल के दिनों में कई ऐसी महिला तस्कर पकड़ी गई है, जो पहले बड़े तस्करों से ब्राउन शुगर जैसे मादक पदार्थ लेकर उसकी सप्लाई किया करती थी. लेकिन कारोबार में मुनाफा को देखते हुए अब वे नशे की दुनिया में सीधे भागीदार बनने की कोशिश करने लगी है.
डीआईजी सह एसएसपी रांची चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पूर्व में जो महिलाएं मादक पदार्थों के डिस्ट्रीब्यूशन का काम करती थी, उनमें से कई अब सीधे ड्रग्स खरीद कर उसकी सप्लाई दूसरों से करवा रही है. इसी सप्ताह कोतवाली थाना क्षेत्र से ऐसी ही एक महिला को गिरफ्तार भी किया गया.
अधिक मुनाफा के चक्कर मे फंसी महिलाएं
जानकार बताते हैं कि जो महिलाएं मादक पदार्थों के डिस्ट्रीब्यूशन का काम करती थी, उन्हें उसकी एवज में मुश्किल से 500 से 1000 रुपए मिला करते थे. क्योंकि मादक पदार्थों के डिस्ट्रीब्यूशन के दौरान उन्हें यह पता चल चुका था कि धंधे में काफी कमाई है. कमाई तब और ज्यादा हो जाएगी जब बड़े ड्रग्स तस्करों से सीधे मादक पदार्थ खरीद कर उसे बाजार में बेचा जाए.
इसी लालच के चक्कर में राजधानी रांची में कई ऐसी महिलाएं जो पहले ड्रग्स पेडलर के तौर पर डिस्ट्रीब्यूशन का काम किया करती थी अब सीधे-सीधे इस कारोबार से जुड़ गई है.
पुलिस से बचने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल
पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए नशे के कारोबारी महिलाओं का भी इस्तेमाल लगातार करते रहे हैं. महिलाएं अपने कपड़ों में छुपा कर गांजा, अफीम, ब्राउन शुगर और नशीली टेबलेट को अपने ग्राहकों तक पहुचाती है. इसके दो तरीके होते हैं पहले में ड्रग्स बेचने वाली महिलाओं का एक स्थान निश्चित होता है, जहां वे पहले से खड़ी रहती हैं और खरीदार उन तक पहुंच कर आसानी से ड्रग्स खरीद कर अपने साथ ले जाते हैं. दूसरे में महिलाएं अपने ग्राहकों तक खुद पहुच कर उन्हें ड्रग्स की सप्लाई करती है.
डीआईजी सह एसएसपी रांची चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि महिलाएं कम मात्रा में पैक कर बिकने वाले मादक पदार्थो को महिलाएं, अपने कपड़े में छुपा कर उसका वितरण करती है. सार्वजनिक स्थानों पर ऐसी महिलाओं को चेक करना काफी मुश्किल होता है लेकिन इसके लिए भी व्यवस्था बनाई गई है. यही वजह है कि लगातार महिला ड्रग्स पैडलर और तस्कर दोनों ही गिरफ्तार हो रहे हैं.
प्यार में पड़ कर भी कई बनी ड्रग्स तस्कर
रांची में ड्रग्स तस्करी का एक और नया पैटर्न सामने है, जिसमे ब्राउन शुगर की खरीद बिक्री करने के लिए तस्कर पहले लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाते हैं और पैसा कमाने का प्रलोभन देकर उनसे बाजार में ब्राउन शुगर की बिक्री करवाते हैं. जानकारी के अनुसार रांची में आधा दर्जन से अधिक लड़कियां इस धंधे से जुड़ी हुई हैं, जिनकी तलाश पुलिस के द्वारा सरगर्मी के साथ की जा रही है.
पिछले सप्ताह रांची के कोतवाली और सुखदेवनगर थाना क्षेत्र से पांच ड्रग्स तस्करों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार आरोपी सेजल खान और सूरज कुमार ने पूछताछ में इस बात का खुलासा भी किया है. पुलिस को यह पता चला है कि सूरज ने सेजल को पहले प्रेमजाल में फंसाया. इसके बाद उससे ब्राउन शुगर की बिक्री करवाने लगा. उसने सेजल से यह भी कहा था कि वह इस धंधे में और भी लड़कियों को जोड़े ताकि शहरभर में वह ब्राउन शुगर की सप्लाई कर सके.
कुछ लड़कियों से आरोपी सूरज सेजल के माध्यम से भेंट भी कर चुका है. सबसे हैरानी की बात यह है कि सेजल खान की बड़ी बहन को भी ड्रग्स तस्करी के धंधे में शामिल करवाया गया था. अब पुलिस उन लड़कियों के बारे में भी जानकारी इक्ट्ठा कर रही है.
कई को बनाया ड्रग्स एडिक्टेड, फिर शुरू करवाई तस्करी
ड्रग्स तस्करी का एक सबसे खतरनाक पहलू यह भी है कि इस धंधे में नव युवतियों को शामिल करने के लिए उन्हें पहले ड्रग एडिक्ट बना दिया जाता है. तत्कालीन एसएसपी किशोर कौशल के द्वारा 2023 में रांची के पंडरा इलाके से 100 पुड़िया ब्राउन शुगर के साथ मां बेटी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
जांच में यह बात सामने आई है कि गिरफ्तार अनु पूर्ति पहले से ड्रग्स एडिक्ट थी. अनु को उसकी मां ने ही उसे इस धंधे में शामिल किया था. सबसे हैरानी की बात तो यह है कि ड्रग्स के साथ पकड़ी गई अनु की मां एनी बरला खूंटी के स्कूल में टीचर थी. अनु के ड्रग एडिक्ट होने की वजह से वह नशे के तस्करों के संपर्क में आई और फिर ड्रग पैडलर बन गई.
दरअसल राजधानी रांची में ड्रग्स तस्करों ने तेजी से अपना पांव पसारा है. हर कोने में नशीली पाउडर के एजेंट हैं, जिन्हें, तस्करों ने पहले ब्राउन शुगर का एडिक्टेड बनाया, इसके बाद उनसे तस्करी कराई जा रही है. दो साल पहले रांची के बरियातू इलाके पकड़े गए छह ड्रग्स पैडलर में एक ऐसा भी था, जो थाने के पुलिसकर्मियों को बार-बार हाथ जोड़कर आग्रह करते हुए ब्राउन शुगर मांग रहा था.
मॉडल से लेकर आम महिलाएं तक शामिल है धंधे में
राजधानी रांची में महिलाओं के द्वारा ड्रग पैडलर के रूप में काम करने शुरुवात लगभग दो साल पूर्व से शुरू हुई थी. मशहूर मॉडल ज्योति भारद्वाज को पुलिस ने ड्रग्स के तस्करी के केस में गिरफ्तार किया तब यह बात निकलकर सामने आई कि 1 दर्जन से ज्यादा महिलाएं इस धंधे में शामिल है सबसे हैरानी की बात तो यह है कि जेल से बाहर निकलने के बाद मॉडल ज्योति भारद्वाज एक बार फिर से इसी धंधे में लिप्त हो गई थी जिसके बाद पुलिस ने उसे दोबारा गिरफ्तार किया था .दूसरी बार तो ज्योति भारद्वाज की मां को भी ड्रग्स केस में गिरफ्तार किया गया था.साल 2024 में बीआईटी ओपी क्षेत्र से उर्मिला देवी और उसके बहनोई केसवर हजाम को गिरफ्तार किया गया था ,दोनो जीजा साली मिलकर ड्रग्स बेचा करते थे.2024 में ही दिल्ली के शातिर अपराधी आशीष सैम्युल जार्ज उर्फ जार्ज बुश को रांची में ब्लैक स्टोन ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया गया था. दो साल पहले झारखंड एटीएस की टीम ने महिला ड्रग पेडलर सुनीता देवी के साथ तस्करों को गिरफ्तार किया था.पिछले दो सालों बात करें तो राजधानी रांची की पुलिस ने महिला ड्रग्स तस्कर कर रिजवाना ताज ,शांति देवी , ज्योति भारद्वाज सहित एक दर्जन महिला ड्रग पेडलर को जेल भेजा है.
12 से ज्यादा अभी भी है एक्टिव, 250 से 500 में बिकती है एक पुड़िया
पुलिस के पास यह रिपोर्ट है कि अभी भी इस धंधे में कई महिलाएं काम कर रही हैं. इस धंधे के पीछे एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है, जिसका लिंक दूसरे राज्यों से भी जुड़ा हुआ है. जानकारी के अनुसार शांति देवी, नरगिस, ज्योति भारद्वाज जैसी महिलाएं इस तलाब की छोटी मछलियां हैं. कई रसूखदार महिलाएं भी इस धंधे में सक्रिय हैं, जिनकी तलाश पुलिस को भी है.
पुलिस की पूछताछ में महिला तस्करों ने यह खुलासा किया है कि ब्राउन शुगर सबसे ज्यादा राजधानी में बेचा जाता है. 250, 300 और 500 की बनी पुड़िया में ब्राउन शुगर बेचा जाता है. रांची के इस्लामनगर, कर्बला चौक स्थित पॉलिटेक्निक बस्ती, डोम टोली, हिंदपीढ़ी का नदी ग्राउंड, छोटा तालाब, रतन टॉकीज, किशोरगंज, पिस्का मोड़, मधुकम, पुंदाग, अरगोड़ा और आईटीआई बस स्टैंड के पास बड़े ही आसानी से ड्रग्स मिल जाते हैं.
क्या कर रही पुलिस करवाई
आपको बता दें कि रांची पुलिस ने पिछले दो सालों के भीतर करोड़ों रुपए के अफीम और ड्रग्स जब्त किए हैं. इसके अलावा दर्जनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. जिसमें महिला तस्कर भी शामिल रही है. यहां तक कि नशे के तस्करों पर सीसीए के तहत भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. उनकी संपत्ति भी जब्त करने की कार्रवाई शुरू होने वाली है.
रांची डीआईजी सह एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा के अनुसार यह सही है कि महिलाओं का प्रयोग कर राजधानी रांची में ड्रग्स का कारोबार किया जा रहा है. इस मामले को लेकर पुलिस बेहद सतर्क है. पुलिस के पास इसकी जानकारी भी है कि कुछ महिला ड्रग्स पैडलर अब सीधे ड्रग से कारोबार से जुड़ गई है. लेकिन सबके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है यही वजह है कि लगातार गिरफ्तारियां भी हो रही हैं.
एसएसपी के अनुसार यह कार्रवाई लगातार चल रही है और जब तक नशे के तस्करों पर पूरी तरह से नकेल न कस लिया जाए कार्रवाई लगातार जारी रहेगी.
ये भी पढ़ेंः
रांची में ब्राउन शूगर बेचने वाले चार ड्रग्स पैडलर गिरफ्तार, सासाराम रैकेट का भंडाफोड़!
रांची पुलिस के हत्थे चढ़े पांच ड्रग्स पैडलर, ब्राउन शुगर बरामद
जंगी एप का तिलस्म तोड़ने की कागार पर झारखंड पुलिस, कुख्यात अपराधी से लेकर ड्रग्स तस्कर राडार पर