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नूंह में IMT ROJKA भूमि अधिग्रहण मामला: सीएम से किसानों की जल्द हो सकती है मुलाकात, डीसी ने दिया आश्वासन - NUH IMT ROJKA LAND ACQUISITION CASE

नूंह में आईएमटी रोजका मेव भूमि अधिग्रहण के मामले में मुख्यमंत्री के साथ किसानों की जल्द वार्ता हो सकती है.

Farmers are angry over IMT Rojka Meo land acquisition issue
आईएमटी रोजका मेव भूमि अधिग्रहण मुद्दे पर किसानों में आक्रोश (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : April 2, 2025 at 7:05 PM IST

4 Min Read

नूंहः हरियाणा के नूंह जिले में उद्योग लगाने के लिए सरकार की ओर से कई गांवों के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है. अधिग्रहित जमीन पर आईएमटी रोजका मेव नामक कंपनी की ओर से प्लांट निर्माण जारी है. दूसरी ओर 9 गांवों के किसान जमीन के बदले मुआवजे की राशि कम बताकर आंदोलनरत हैं. नूंह डीसी विश्राम कुमार मीणा सहित कई अधिकारियों के साथ वार्ता के बाद भी मामला शांत नहीं हो पा रहा है. जिला प्रशासन की पहल पर इस मामले में जल्द किसानों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से हो सकती है.

सीएम से मुलाकात के लिए मांगा गया है समयः आईएमटी रोजका मेव भूमि अधिग्रहण में कम मुआवजा मिलने की बात कह कर कई महीने से किसान धरना दे रहे हैं. आंदोलनरत 9 गांव के किसानों को ईद उल फितर के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात का आश्वासन जिला प्रशासन की ओर से दिया गया था. जिला प्रशासन की ओर से सरकार को अवगत करा दिया गया है. उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कहा किसान विकास कार्यों में रुकावट ना डालें. जो किसान मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी बात रखना चाहते हैं. उनके लिए प्रयास जारी है. जैसे ही मुख्यमंत्री सचिवालय से मुलाकात के लिए तारीख और स्थान निश्चित होगा, वैसे ही किसानों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात मुख्यमंत्री से कराई जाएगी. इस बात पर जिला प्रशासन का पूरा फोकस है.

आईएमटी रोजका मेव भूमि अधिग्रहण मामले में मुख्यमंत्री से मिलेंगे किसान (Etv Bharat)

104 किसानों की हुई थी गिरफ्तारीः बता दें कि रमजान के महीने में किसानों ने आईएमटी रोजका मेव का कामकाज रुकवा दिया था. काम बंद होने के बाद काफी बवाल हुआ था और 104 किसानों को गिरफ्तार भी किया गया था. गिरफ्तार किसानों में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक थी. उसके बाद किसानों ने धरना स्थल पर विरोध प्रदर्शन किया था. भाकियू युवा प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद ने विरोध प्रदर्शन में शिरकत कर शासन और किसानों के बीच बातचीत की मध्यस्थता की थी. उस समय नूंह के एसडीएम अश्वनी कुमार ने किसानों को भरोसा दिलाया था कि 7 अप्रैल से पहले-पहले किसानों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से करा दी जाएगी.

मामले की सीबीआई जांच की मांगः किसानों ने बुधवार को फिर से सरकार के खिलाफ न केवल नारेबाजी की बल्कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच तक की मांग कर डाली. किसानों ने कहा कि एचएसआईआईडीसी के अधिकारी सिर्फ एक तरफ की बात सुन रहे हैं. किसानों की बात नहीं सुनी जा रही है. किसान मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलकर अपनी बात रखना चाहता हैं. किसानों को अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए.


किसान उचित मुआवजे की कर रहे हैं मांगः बता दें कि वर्ष 2010 में 9 गांव की तकरीबन 1600 एकड़ भूमि का अधिग्रहण आईएमटी रोजका मेव के लिए किया गया था. किसानों को पहले 25 लाख और बाद में 21 लाख रुपए बढ़ाकर मुआवजा देने का भरोसा दिलाया गया था. किसानों का कहना है कि उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिला है, जिसके लिए वह लगातार संघर्ष कर रहे हैं. जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा, तब तक उनका विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा. अब इस मामले में उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा के बयान से इतना तो साफ है कि आने वाले तीन-चार दिनों में किसानों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से हो सकती है.

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नूंहः हरियाणा के नूंह जिले में उद्योग लगाने के लिए सरकार की ओर से कई गांवों के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है. अधिग्रहित जमीन पर आईएमटी रोजका मेव नामक कंपनी की ओर से प्लांट निर्माण जारी है. दूसरी ओर 9 गांवों के किसान जमीन के बदले मुआवजे की राशि कम बताकर आंदोलनरत हैं. नूंह डीसी विश्राम कुमार मीणा सहित कई अधिकारियों के साथ वार्ता के बाद भी मामला शांत नहीं हो पा रहा है. जिला प्रशासन की पहल पर इस मामले में जल्द किसानों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से हो सकती है.

सीएम से मुलाकात के लिए मांगा गया है समयः आईएमटी रोजका मेव भूमि अधिग्रहण में कम मुआवजा मिलने की बात कह कर कई महीने से किसान धरना दे रहे हैं. आंदोलनरत 9 गांव के किसानों को ईद उल फितर के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात का आश्वासन जिला प्रशासन की ओर से दिया गया था. जिला प्रशासन की ओर से सरकार को अवगत करा दिया गया है. उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कहा किसान विकास कार्यों में रुकावट ना डालें. जो किसान मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी बात रखना चाहते हैं. उनके लिए प्रयास जारी है. जैसे ही मुख्यमंत्री सचिवालय से मुलाकात के लिए तारीख और स्थान निश्चित होगा, वैसे ही किसानों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात मुख्यमंत्री से कराई जाएगी. इस बात पर जिला प्रशासन का पूरा फोकस है.

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104 किसानों की हुई थी गिरफ्तारीः बता दें कि रमजान के महीने में किसानों ने आईएमटी रोजका मेव का कामकाज रुकवा दिया था. काम बंद होने के बाद काफी बवाल हुआ था और 104 किसानों को गिरफ्तार भी किया गया था. गिरफ्तार किसानों में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक थी. उसके बाद किसानों ने धरना स्थल पर विरोध प्रदर्शन किया था. भाकियू युवा प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद ने विरोध प्रदर्शन में शिरकत कर शासन और किसानों के बीच बातचीत की मध्यस्थता की थी. उस समय नूंह के एसडीएम अश्वनी कुमार ने किसानों को भरोसा दिलाया था कि 7 अप्रैल से पहले-पहले किसानों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से करा दी जाएगी.

मामले की सीबीआई जांच की मांगः किसानों ने बुधवार को फिर से सरकार के खिलाफ न केवल नारेबाजी की बल्कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच तक की मांग कर डाली. किसानों ने कहा कि एचएसआईआईडीसी के अधिकारी सिर्फ एक तरफ की बात सुन रहे हैं. किसानों की बात नहीं सुनी जा रही है. किसान मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलकर अपनी बात रखना चाहता हैं. किसानों को अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए.


किसान उचित मुआवजे की कर रहे हैं मांगः बता दें कि वर्ष 2010 में 9 गांव की तकरीबन 1600 एकड़ भूमि का अधिग्रहण आईएमटी रोजका मेव के लिए किया गया था. किसानों को पहले 25 लाख और बाद में 21 लाख रुपए बढ़ाकर मुआवजा देने का भरोसा दिलाया गया था. किसानों का कहना है कि उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिला है, जिसके लिए वह लगातार संघर्ष कर रहे हैं. जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा, तब तक उनका विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा. अब इस मामले में उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा के बयान से इतना तो साफ है कि आने वाले तीन-चार दिनों में किसानों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से हो सकती है.

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