नूंह: गुरुग्राम-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग बनने का रास्ता अब पूरी तरह से साफ हो गया है. इसी वर्ष अगस्त - सितंबर में राष्ट्रीय राजमार्ग 248ए पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. इस सड़क निर्माण को एक वर्ष की अवधि में पूरा कर लिया जाएगा. कुल मिलाकर साल 2026 तक नूंह - नौगावां राजस्थान बॉर्डर तक अब इलाके के लोगों को फोरलेन सड़क मिलने जा रही है.
सड़क निर्माण के लिए 480 करोड़ रुपए स्वीकृत : उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने गुरुवार को मासिक प्रेसवार्ता के दौरान इस बात का खुलासा किया है. उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने बताया कि नूंह - नौगावां राजस्थान बॉर्डर तक 555 करोड़ रुपए का प्रपोजल केंद्र सरकार को भेजा गया था, जिसमें से 480 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है. जहां तक तकनीकी रुकावट की बात है, वन विभाग सहित एक अन्य विभाग की तकनीकी रुकावट को भी पूरी तरह से दूर कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि तकरीबन चार-पांच महीने बाद इस सड़क पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. तकरीबन 57 किलोमीटर लंबा यह सड़क मार्ग अब जल्दी ही बनकर तैयार हो जाएगा.
स्थानीय लोगों ने दिया 'खूनी मार्ग' का नाम : बता दें कि इस मार्ग पर सड़क हादसे अधिक होते हैं, इसलिए इलाके के लोगों ने पिछले करीब एक दशक से इस सड़क मार्ग को खूनी मार्ग का नाम दिया हुआ है. लंबे समय से इसके फोरलेन बनाने की मांग उठ रही थी. लोक निर्माण विभाग इस सड़क मार्ग को बनाने का काम करेगा. अब सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो चुकी हैं. डीपीआर जैसे ही बनकर तैयार होगी तुरंत इसका टेंडर होगा और इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा. उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि 1 साल की समय सीमा की अवधि के अंदर इसको ठेकेदार द्वारा बनाया जाएगा. 30 मार्च को भारत सरकार ने इस राष्ट्रीय राजमार्ग 248ए को स्वीकृति प्रदान की थी. इलाके के लोगों की यह लंबे समय की मांग अब जल्दी ही पूरी हो जाएगी.
सड़क के लिए हुए धरना-प्रदर्शन : बता दें कि यह सड़क जिले की सबसे व्यस्ततम सड़क है. यह सड़क चौड़ी कम होने के कारण और खराब होने के कारण हादसों का गढ़ बनती जा रही है. इसके लिए इलाके के लोगों ने पैदल यात्रा से लेकर धरना - प्रदर्शन तक किया और स्थानीय नेताओं ने इस मांग को मजबूती से विधानसभा में उठाया और विधायक आफताब अहमद ने इसको लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भी पत्र लिखा था. जिसके बाद मेवातवासियों के लिए यह खबर 2025 में सबसे बड़ी राहत देने वाली है.
राष्ट्रीय राजमार्ग की लाइटों को किया जाएगा ठीक : उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने आगे कहा कि पिछले तीन - चार महीने में नूंह शहर में इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए कई बैठकें हो चुकी हैं. पलवल टी पॉइंट से सचिवालय नूंह की तरफ सड़क पर स्ट्रीट लाइट, नूंह - मेडिकल कॉलेज तक स्ट्रीट लाइटें अब पूरी तरह से ठीक हो चुकी हैं. जल्दी ही गुरुग्राम - अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नगर परिषद नूंह क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली लाइटों को ठीक कर दिया जाएगा. पहले नगर परिषद नूंह और लोक निर्माण विभाग के बीच के विवाद था, जिसे दूर कर दिया गया है. मुख्य मार्ग पर लाइट ऑर्डर कर दी है. अप्रैल के महीने में मुख्य मार्ग पर लाइट लगा दी जाएंगी. शहर में कहीं पर भी अगर अंधेरा रहता है तो वहां पर भी स्ट्रीट लाइट लगाई जाएंगी.
जिले में कई जगह बनेंगे मॉडल शौचालय : उन्होंने कहा कि नूंह शहर में साफ शौचालय और आदर्श शौचालय की ग्रांट मिल चुकी है. अप्रैल महीने में टेंडर लगाकर नई जगह पर मॉडल शौचालय बनाया जाएगा, ताकि आम नागरिकों को सुविधा मिल सके. उन्होंने कहा कि नगर परिषद नूंह "दिव्य नगर योजना" में तीन परियोजना पर काम कर रही है. कंसलटेंट हायर कर लिया है, उसको लेकर आज बैठक है. शहर में ऑडिटोरियम कम लाइब्रेरी, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और नगर परिषद नूंह का नया भवन बनाया जाएगा. इसके लिए कंसल्टेंट हायर कर लिया गया है. 248ए के सौंदर्यकरण पर भी विशेष फोकस किया जा रहा है. इन चारों बड़ी परियोजनाओं पर नूंह शहर में काम हो जाएगा और जल्दी ही उसके लिए इस्टीमेट तैयार करके उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा.
नूंह जिला मुख्यालय भी नहीं लगता शहर जैसा : बता दें कि 2005 में मेवात जिला वजूद में आया था. भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में आई तो जिले का नाम मेवात से बदलकर नूंह रख दिया गया, लेकिन विकास के एतबार से नूंह शहर की सूरत नहीं बदल सकी. आज भी जिला मुख्यालय नूंह किसी शहर की तरह नहीं बल्कि किसी गांव की तरह नजर आता है. अब नूंह शहर को शहर की तरह चमकाने और साफ-सुथरा बनाने के लिए प्रयास शुरू हो गया है. जिसका असर आने वाले कुछ महीनो में नूंह शहर में दिखाई देगा.
दूषित पानी पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी : करीब एक दशक से नूंह जिले की नहरों - रजवाहों में जो दूषित, काला और केमिकल युक्त पानी सिंचाई के लिए सप्लाई किया जा रहा था, उसको लेकर अब नायब सिंह सैनी सरकार पूरी तरह से संजीदा दिखाई दे रही है. उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि बहुत ही गंभीर विषय है. मुख्यमंत्री ने 15 मार्च 2025 को फ्लड कंट्रोल की बैठक में दिशा-निर्देश दिए थे. इस दिशा में डिविजनल कमिश्नर फरीदाबाद ने तीनों जिलों की एक बैठक ली है. मंडल आयुक्त गुरुग्राम ने भी पिछले सप्ताह इस बारे में बैठक ली है. स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि जितने भी ड्रेन का नेटवर्क के सोर्स पॉइंट, फैक्ट्रियों द्वारा पानी को ट्रीट नहीं करके ड्रेन में डालने जैसे विषयों पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए.
एक दशक से आ रहा गंदा पानी : बता दें कि मेवात की नहरों में पिछले करीब एक दशक से बहुत ही गंदा पानी सप्लाई किया जा रहा था, जो न केवल फसलों के लिए नुकसानदायक था बल्कि मवेशियों को भी पीने योग्य नहीं था. इस बात को इलाके के विधायकों ने विधानसभा क्षेत्र के दौरान भी मजबूती से रखा था. कई बार इलाके के लोग शहरों में केमिकल युक्त पानी आने की शिकायत करते रहे हैं, लेकिन देर से ही सही अब नायब सिंह सैनी सरकार मेवात की नहरों में आने वाले गंदे पानी को लेकर पूरी तरह से सीरियस है और जल्दी ही इसका असर धरातल पर देखने को मिलेगा.
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