रायपुर: छत्तीसगढ़ के नामी कृषि विश्वविद्यालय में शुमार रायपुर का इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार यह यूनिवर्सिटी सुर्खियों में भ्रष्टाचार के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शन को लेकर है. इस यूनिवर्सिटी में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर एनएसयूआई ने सोमवार की दोपहर को एक अनोखी बारात निकाली. इस विरोध प्रदर्शन में गाजे बाजे के साथ साथ प्रतीकात्मक रूप से प्रदेश के कई मंत्री और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीश चंदेल भी शामिल हुए.
कुलपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन: कुलपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया. इसमें कुलपति को दूल्हा बनाया गया था और कुलपति की शादी भ्रष्टाचार से कराई गई. जिसमें बतौर दहेज के रूप में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने 7 करोड़ रुपए दहेज भी दिए. इस प्रदर्शन के बाद भी अगर इस मामले में जांच नहीं होती है, तो एनएसयूआई आने वाले दिनों में शिक्षा को बचाने के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन से लेकर राजभवन तक पैदल मार्च करने के साथ ही कुलपति गिरीश चंदेल की इस्तीफा की मांग करेंगे.
कुलपति गिरीश चंदेल का घोटाला से पुराना नाता है. इक्यूबेशन सेंटर बनाने के लिए टेंडर किसी और फर्म को दिए गए थे और पेमेंट किसी और फर्म को किया गया है. इसके साथ ही रोटी मेकर खरीदी में घोटाला, सीसीटीवी कैमरा खरीदी में घोटाला. ऐसे कई तरह के घोटाले हैं, जो कुलपति गिरीश चंदेल के द्वारा किए जा रहे थे. भ्रष्टाचार से उनका संबंध बनते जा रहा था. इसलिए आज उसके इस संबंध को वैवाहिक संबंध के रूप में प्रस्तुत किया गया है.- हेमंत पाल, जिला महामंत्री, NSUI रायपुर

मंत्रियों को बनाया गया बाराती: हेमंत पाल ने आगे बताया कि इस बारात में मंत्रियों को बाराती बनाया गया है. जिसमें प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव, कृषि मंत्री राम विचार नेताम, वित्त मंत्री ओपी चौधरी शामिल हैं. इस प्रदर्शन के बाद भी अगर घोटाले की जांच नहीं होती है तो आने वाले दिनों में एनएसयूआई शिक्षा को बचाने के लिए राजभवन तक पैदल मार्च करेगा. राजभवन से कुलपति के इस्तीफे की मांग करेंगे.

इस तरह खत्म हुआ विरोध प्रदर्शन: एनएसयूआई के प्रदर्शन को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम करके रखे हुए थे. प्रशासनिक भवन के मेन गेट पर ताला लगा दिया गया था. जिससे जिप्सी पर सवार दूल्हा राजा आगे नहीं बढ़ पाए. इसके साथ ही घोड़ी में दूल्हे राजा को बैठाकर बारात निकालने की तैयारी एनएसयूआई ने की थी. लेकिन पुलिस ने इसकी अनुमति भी एनएसयूआई को नहीं दी. इस वजह से एनएसयूआई को मोटरसाइकिल पर दूल्हे राजा की बारात निकालनी पड़ी.
