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Palm Sunday के मौके पर जुलूस निकालने की अनुमति नहीं देने पर बिफरे AAP सांसद - OCCASION OF PALM SUNDAY IN DELHI

एक दशक से अधिक समय से वार्षिक क्रॉस वे का आयोजन शांति और अधिकारियों के साथ पूर्ण सहयोग के साथ किया जाता रहा है.

Palm Sunday के मौके पर जुलूस
Palm Sunday के मौके पर जुलूस (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : April 14, 2025 at 4:10 PM IST

3 Min Read

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस द्वारा कैथोलिक समूह को पाम संडे (Palm Sunday) के पवित्र अवसर पर जुलूस निकालने की अनुमति नहीं देने के निर्णय की आम आदमी पार्टी ने निंदा की है. आप सांसद संजय सिंह ने कहा यह अत्यंत निंदनीय है. ईसाईओं के पवित्र सप्ताह ( Easter) की शुरुआत का जश्न मनाया जाना चाहिए था, न कि हमारी राष्ट्रीय राजधानी में इसे अनावश्यक विवाद में बदलना चाहिए था. त्यौहार खुशियाँ फैलाने के अवसर होते हैं, न कि अधिकारों को नकारने के. दिल्ली पुलिस को एक पेशेवर बल के रूप में काम करना चाहिए, न कि अपने राजनीतिक आकाओं की आवाज बनकर.

दिल्ली के आर्चडायोसिस कैथोलिक एसोसिएशन (सीएएडी) ने ईसाइयों को वार्षिक क्रॉस जुलूस की अनुमति देने से इनकार करने के दिल्ली पुलिस के फैसले की निंदा की है. सीएएडी के प्रेसिडेंट एसी माइकल ने बयान जारी कर कहा कि कई वर्षों से पुलिस की अनुमति के साथ ईस्टर से पहले हर रविवार को शांतिपूर्वक आयोजित होने वाला यह पवित्र धार्मिक आयोजन लाखों कैथोलिकों के लिए गहरा आध्यात्मिक महत्व रखता है.

पुरानी दिल्ली के सेंट मैरी चर्च से गोले डाकखाना के सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल तक श्रद्धालु यीशु मसीह के दुख को याद करने के लिए प्रार्थनापूर्वक क्रॉस के 14 स्टेशनों का प्रदर्शन करते हैं. माइकल ने कहा कि रविवार को कानून और व्यवस्था तथा यातायात संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए पुलिस ने अनुमति देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि पुलिस ने ऐसे समय में हमें अनुमति देने से इनकार किया है, जब अन्य समुदायों और राजनीतिक समूहों को नियमित रूप से जुलूस और रैलियों के लिए अनुमति दी जाती है. यहां तक ​​कि वर्किंग डे में व्यस्तता के दौरान भी अनुमति दी जाती है. एसी माइकल ने कहा कि ईसाई अब सवाल करते हैं कि क्या धार्मिक स्वतंत्रता के उनके संवैधानिक अधिकार का समान रूप से सम्मान किया जा रहा है.

10 साल से निकला जा रहा है वार्षिक जुलूस: माइकल ने बताया कि एक दशक से अधिक समय से, वार्षिक क्रॉस वे का आयोजन अत्यंत अनुशासन, शांति और अधिकारियों के साथ पूर्ण सहयोग के साथ किया जाता रहा है. हमारे आयोजन से जुड़ी ट्रैफिक जाम या कानून और व्यवस्था की समस्या की एक बार भी शिकायत नहीं आई है. इस वर्ष अनुमति न देना पक्षपातपूर्ण और अनुचित लगता है, जो समान व्यवहार और धार्मिक स्वतंत्रता के सिद्धांत बाधित करता है.

दिल्ली और पूरे भारत में ईसाई हमेशा से शांतिपूर्ण, कानून का पालन करने वाला समुदाय रहे हैं. सीएएडी प्रेसिडेंट ने आगे कहा कि हम अधिकारियों से विवेकपूर्ण तरीके से कार्य करने और यह सुनिश्चित करने की अपील करते हैं कि न्याय और समानता कायम रहे. हम आग्रह करते हैं कि इस तरह की कार्रवाइयों से अल्पसंख्यकों के मन में बहिष्कार या संदेह की भावना पैदा न हो, जो राष्ट्र के ताने-बाने में सकारात्मक और शांतिपूर्ण तरीके से योगदान करते हैं.

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दिल्ली के आर्चडायोसिस कैथोलिक एसोसिएशन (सीएएडी) ने ईसाइयों को वार्षिक क्रॉस जुलूस की अनुमति देने से इनकार करने के दिल्ली पुलिस के फैसले की निंदा की है. सीएएडी के प्रेसिडेंट एसी माइकल ने बयान जारी कर कहा कि कई वर्षों से पुलिस की अनुमति के साथ ईस्टर से पहले हर रविवार को शांतिपूर्वक आयोजित होने वाला यह पवित्र धार्मिक आयोजन लाखों कैथोलिकों के लिए गहरा आध्यात्मिक महत्व रखता है.

पुरानी दिल्ली के सेंट मैरी चर्च से गोले डाकखाना के सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल तक श्रद्धालु यीशु मसीह के दुख को याद करने के लिए प्रार्थनापूर्वक क्रॉस के 14 स्टेशनों का प्रदर्शन करते हैं. माइकल ने कहा कि रविवार को कानून और व्यवस्था तथा यातायात संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए पुलिस ने अनुमति देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि पुलिस ने ऐसे समय में हमें अनुमति देने से इनकार किया है, जब अन्य समुदायों और राजनीतिक समूहों को नियमित रूप से जुलूस और रैलियों के लिए अनुमति दी जाती है. यहां तक ​​कि वर्किंग डे में व्यस्तता के दौरान भी अनुमति दी जाती है. एसी माइकल ने कहा कि ईसाई अब सवाल करते हैं कि क्या धार्मिक स्वतंत्रता के उनके संवैधानिक अधिकार का समान रूप से सम्मान किया जा रहा है.

10 साल से निकला जा रहा है वार्षिक जुलूस: माइकल ने बताया कि एक दशक से अधिक समय से, वार्षिक क्रॉस वे का आयोजन अत्यंत अनुशासन, शांति और अधिकारियों के साथ पूर्ण सहयोग के साथ किया जाता रहा है. हमारे आयोजन से जुड़ी ट्रैफिक जाम या कानून और व्यवस्था की समस्या की एक बार भी शिकायत नहीं आई है. इस वर्ष अनुमति न देना पक्षपातपूर्ण और अनुचित लगता है, जो समान व्यवहार और धार्मिक स्वतंत्रता के सिद्धांत बाधित करता है.

दिल्ली और पूरे भारत में ईसाई हमेशा से शांतिपूर्ण, कानून का पालन करने वाला समुदाय रहे हैं. सीएएडी प्रेसिडेंट ने आगे कहा कि हम अधिकारियों से विवेकपूर्ण तरीके से कार्य करने और यह सुनिश्चित करने की अपील करते हैं कि न्याय और समानता कायम रहे. हम आग्रह करते हैं कि इस तरह की कार्रवाइयों से अल्पसंख्यकों के मन में बहिष्कार या संदेह की भावना पैदा न हो, जो राष्ट्र के ताने-बाने में सकारात्मक और शांतिपूर्ण तरीके से योगदान करते हैं.

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