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सरकार ने नहीं की पर्ची पर शुल्क लगाने की सिफारिश, फिर किसने लिया ये निर्णय - 10 RS FEES ON SLIP IN GOVT HOSPITAL

अब अस्पतालों में पर्ची पर 10 रुपये शुल्क लगेगा. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

पर्ची शुल्क पर सरकार की तरफ से कोई रिकमेंडेशन: सीएम सुक्खू
पर्ची शुल्क पर सरकार की तरफ से कोई रिकमेंडेशन: सीएम सुक्खू (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : June 5, 2025 at 1:54 PM IST

Updated : June 5, 2025 at 2:18 PM IST

3 Min Read

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पर्ची के 10 रुपए का शुल्क लगाया गया है. हिमाचल प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में अब पर्ची बनवाने के लिए ₹10 देने होंगे. इसके अलावा अस्पताल में जो टेस्ट निशुल्क होते थे, उसके भी अब मरीजों को पैसे देने होंगे. स्वास्थ्य विभाग ने हिमाचल प्रदेश के सभी अस्पतालों में इसकी नोटिफिकेशन जारी कर दी है. वीरवार 5 जून से सभी अस्पतालों में शुल्क लेना शुरू कर दिया जाएगा.

सरकारी अस्तपाल में इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों से पर्ची और जांच के पैसे लिए जाएंगे, लेकिन इनमें कई लोगों को इस दायरे से बाहर रखा गया है. जैसे की बीपीएल परिवार के मरीज, कैंसर पीड़ित, 60 साल से ऊपर की महिला, गर्भवती और नवजात शिशु, दिव्यांग, विधवा और उनके बच्चे और निराश्रित बच्चे सहित अन्य श्रेणियों के मरीजों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. अस्पताल में पहले पर्ची निशुल्क बनती थी, लेकिन अब मरीजों से ₹10 वसूले जा रहे हैं इसको लेकर विपक्ष भी हमलावर हो गया है. विपक्ष का आरोप है कि सरकार जनता पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है. वहीं, इस विषय पर मुख्यमंत्री ने अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आए और इसे अस्पतालों की ओर से लिया गया फैसला बताया.

अस्पतालों में पर्ची पर 10 रुपये शुल्क लगने पर सीएम ने दी प्रतिक्रिया (ETV Bharat)

सरकार की तरफ से नहीं कोई रिकमेंडेशन

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 'इसे लेकर सरकार की तरफ से कोई रिकमेंडेशन नहीं है. हमने अस्पतालों को स्वायत्त कर दिया है. अस्पताल प्रशासन अगर सफाई और अन्य व्यवस्थाएं मेंटेन रखना चाहता है तो वो पर्ची के 10 रुपये लगा सकता है. वहीं, अगर हॉस्पिटल पर्ची के 10 रुपये नहीं लगाना चाहता उनके अपने संसाधन और अपनी आय है तो पर्ची पर शुल्क लगाने की जरूरत भी नहीं है. ये अस्पताल की रोगी कल्याण समिति, जिसमें स्थानीय लोग होते हैं उसे तय करना है. सरकार की तरफ इसे थोपा नहीं गया है. कैबिनेट सब कमेटी ने सुझाव में कहा कि सभी अस्पतालों की रोगी कल्याण समिति को स्वायत होने चाहिए, ताकि वो अस्पताल में सफाई व्यवस्था और मेंटेनेंस के लिए पर्ची लगा भी सकते हैं और नहीं भी.' वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि सिरमौर में एक महिला कोरोना संक्रमित पाई गई है. ये महिला कहीं बाहर नहीं गई थी और न ही इसकी कोई हिस्ट्री है. इसके बाद भी ये महिला कोरोना संक्रमित कैसे हुई इसकी जांच की जा रही है. कई बार टेस्ट में भी चूक हो जाती है.

ये भी पढ़ें: अब हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में नहीं मिलेगा मुफ्त इलाज, पर्ची सहित टेस्ट के भी देने होंगे पैसे

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पर्ची के 10 रुपए का शुल्क लगाया गया है. हिमाचल प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में अब पर्ची बनवाने के लिए ₹10 देने होंगे. इसके अलावा अस्पताल में जो टेस्ट निशुल्क होते थे, उसके भी अब मरीजों को पैसे देने होंगे. स्वास्थ्य विभाग ने हिमाचल प्रदेश के सभी अस्पतालों में इसकी नोटिफिकेशन जारी कर दी है. वीरवार 5 जून से सभी अस्पतालों में शुल्क लेना शुरू कर दिया जाएगा.

सरकारी अस्तपाल में इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों से पर्ची और जांच के पैसे लिए जाएंगे, लेकिन इनमें कई लोगों को इस दायरे से बाहर रखा गया है. जैसे की बीपीएल परिवार के मरीज, कैंसर पीड़ित, 60 साल से ऊपर की महिला, गर्भवती और नवजात शिशु, दिव्यांग, विधवा और उनके बच्चे और निराश्रित बच्चे सहित अन्य श्रेणियों के मरीजों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. अस्पताल में पहले पर्ची निशुल्क बनती थी, लेकिन अब मरीजों से ₹10 वसूले जा रहे हैं इसको लेकर विपक्ष भी हमलावर हो गया है. विपक्ष का आरोप है कि सरकार जनता पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है. वहीं, इस विषय पर मुख्यमंत्री ने अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आए और इसे अस्पतालों की ओर से लिया गया फैसला बताया.

अस्पतालों में पर्ची पर 10 रुपये शुल्क लगने पर सीएम ने दी प्रतिक्रिया (ETV Bharat)

सरकार की तरफ से नहीं कोई रिकमेंडेशन

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 'इसे लेकर सरकार की तरफ से कोई रिकमेंडेशन नहीं है. हमने अस्पतालों को स्वायत्त कर दिया है. अस्पताल प्रशासन अगर सफाई और अन्य व्यवस्थाएं मेंटेन रखना चाहता है तो वो पर्ची के 10 रुपये लगा सकता है. वहीं, अगर हॉस्पिटल पर्ची के 10 रुपये नहीं लगाना चाहता उनके अपने संसाधन और अपनी आय है तो पर्ची पर शुल्क लगाने की जरूरत भी नहीं है. ये अस्पताल की रोगी कल्याण समिति, जिसमें स्थानीय लोग होते हैं उसे तय करना है. सरकार की तरफ इसे थोपा नहीं गया है. कैबिनेट सब कमेटी ने सुझाव में कहा कि सभी अस्पतालों की रोगी कल्याण समिति को स्वायत होने चाहिए, ताकि वो अस्पताल में सफाई व्यवस्था और मेंटेनेंस के लिए पर्ची लगा भी सकते हैं और नहीं भी.' वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि सिरमौर में एक महिला कोरोना संक्रमित पाई गई है. ये महिला कहीं बाहर नहीं गई थी और न ही इसकी कोई हिस्ट्री है. इसके बाद भी ये महिला कोरोना संक्रमित कैसे हुई इसकी जांच की जा रही है. कई बार टेस्ट में भी चूक हो जाती है.

ये भी पढ़ें: अब हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में नहीं मिलेगा मुफ्त इलाज, पर्ची सहित टेस्ट के भी देने होंगे पैसे

Last Updated : June 5, 2025 at 2:18 PM IST
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