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नीतीश कुमार का बिहार चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक, फॉरवार्ड वोटरों को खुश करने के लिए बनाया सवर्ण आयोग - UPPER CASTE COMMISSION IN BIHAR

लंबे इंतजार के बाद बिहार में स्वर्ण आयोग के गठन को मंजूरी दे दी गई है. महाचंद्र प्रसाद सिंह को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.

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बिहार में बना सवर्ण आयोग. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 30, 2025 at 8:20 PM IST

3 Min Read

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सवर्ण आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है. राज्यपाल की स्वीकृति के बाद भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधान पार्षद महाचंद्र प्रसाद सिंह को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही आयोग के अन्य सदस्यों की नियुक्ति भी कर दी गई है.

महाचंद्र प्रसाद सिंह का राजनीतिक सफर: तिरहुत क्षेत्र से आने वाले महाचंद्र प्रसाद सिंह का लंबा राजनीतिक कैरियर रहा है. वे विधान पार्षद रह चुके हैं और वर्तमान में भाजपा संगठन के लिए सक्रिय रूप से कार्यरत थे. उनकी नियुक्ति को सवर्ण समाज के लिए एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है.

आयोग में किन सदस्यों को किया गया नियुक्त: सवर्ण आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में राजीव रंजन प्रसाद को नियुक्त किया गया है. इसके अलावा, दरभंगा के दयानंद राय, समस्तीपुर के जय कृष्ण झा और भागलपुर के राजकुमार सिंह को आयोग का सदस्य बनाया गया है.

'गरीब सवर्णों की आवाज को मिलेगा बल': आयोग के अध्यक्ष बनने पर डॉ. महाचंद्र प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने इस दायित्व को सामाजिक विश्वास और सम्मान का प्रतीक बताते हुए कहा कि ये उनके लिए गर्व का क्षण है. डॉ. सिंह ने इसे सवर्ण समाज की भावनाओं और संघर्षों का सम्मान करार दिया.

''ये नियुक्ति न केवल मेरे लिए व्यक्तिगत सम्मान है, बल्कि उन लाखों गरीब और पिछड़े सवर्ण परिवारों की आकांक्षाओं की स्वीकृति है, जो वर्षों से अपनी समस्याओं के लिए संघर्षरत हैं. आयोग समाज की सेवा का माध्यम बनेगा. ये जमीनी सरोकारों को उठाने, नीतिगत सुझाव देने और सरकार के साथ समन्वय बनाकर ठोस कार्रवाई सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेगा.''- डॉ. महाचंद प्रसाद सिंह, अध्यक्ष, सवर्ण आयोग

चुनाव से पहले सवर्ण वोटरों को साधने की कोशिश!: डॉ. सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा नेतृत्व को इस विश्वास के लिए धन्यवाद दिया और समाज के सभी वर्गों से मिली शुभकामनाओं के लिए भी आभार जताया. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सवर्ण आयोग का गठन नीतीश सरकार की सवर्ण वोटरों को लुभाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. ये कदम सवर्ण समाज की समस्याओं को संबोधित करने और उनकी नाराजगी को कम करने की दिशा में एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सवर्ण आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है. राज्यपाल की स्वीकृति के बाद भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधान पार्षद महाचंद्र प्रसाद सिंह को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही आयोग के अन्य सदस्यों की नियुक्ति भी कर दी गई है.

महाचंद्र प्रसाद सिंह का राजनीतिक सफर: तिरहुत क्षेत्र से आने वाले महाचंद्र प्रसाद सिंह का लंबा राजनीतिक कैरियर रहा है. वे विधान पार्षद रह चुके हैं और वर्तमान में भाजपा संगठन के लिए सक्रिय रूप से कार्यरत थे. उनकी नियुक्ति को सवर्ण समाज के लिए एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है.

आयोग में किन सदस्यों को किया गया नियुक्त: सवर्ण आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में राजीव रंजन प्रसाद को नियुक्त किया गया है. इसके अलावा, दरभंगा के दयानंद राय, समस्तीपुर के जय कृष्ण झा और भागलपुर के राजकुमार सिंह को आयोग का सदस्य बनाया गया है.

'गरीब सवर्णों की आवाज को मिलेगा बल': आयोग के अध्यक्ष बनने पर डॉ. महाचंद्र प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने इस दायित्व को सामाजिक विश्वास और सम्मान का प्रतीक बताते हुए कहा कि ये उनके लिए गर्व का क्षण है. डॉ. सिंह ने इसे सवर्ण समाज की भावनाओं और संघर्षों का सम्मान करार दिया.

''ये नियुक्ति न केवल मेरे लिए व्यक्तिगत सम्मान है, बल्कि उन लाखों गरीब और पिछड़े सवर्ण परिवारों की आकांक्षाओं की स्वीकृति है, जो वर्षों से अपनी समस्याओं के लिए संघर्षरत हैं. आयोग समाज की सेवा का माध्यम बनेगा. ये जमीनी सरोकारों को उठाने, नीतिगत सुझाव देने और सरकार के साथ समन्वय बनाकर ठोस कार्रवाई सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेगा.''- डॉ. महाचंद प्रसाद सिंह, अध्यक्ष, सवर्ण आयोग

चुनाव से पहले सवर्ण वोटरों को साधने की कोशिश!: डॉ. सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा नेतृत्व को इस विश्वास के लिए धन्यवाद दिया और समाज के सभी वर्गों से मिली शुभकामनाओं के लिए भी आभार जताया. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सवर्ण आयोग का गठन नीतीश सरकार की सवर्ण वोटरों को लुभाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. ये कदम सवर्ण समाज की समस्याओं को संबोधित करने और उनकी नाराजगी को कम करने की दिशा में एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

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