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आखिर इस बार नवरात्र 8 दिन के क्यों हैं ? - NAVRATRI PUJA 2025

इस बार नवरात्रि सिर्फ 8 दिनों की ही होगी. तृतीय तिथि का क्षय होने से माता ब्रह्मचारिणी और चंद्रघंटा की पूजा एक ही दिन होगी.

नवरात्रि 2025
नवरात्रि 2025 (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : March 29, 2025 at 4:10 PM IST

Updated : March 30, 2025 at 12:00 PM IST

2 Min Read

कुल्लू: देशभर में हिंदूओं का पवित्र त्योहार नवरात्रि की तैयारी चल रही है. 30 मार्च से मां दुर्गा के अराधना के साथ नवरात्रि का शुभारंभ हो जाएगा. नवरात्रि में भक्त माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा अर्चना करते हैं. हर साल नवरात्रि 9 दिनों तक मनाई जाती हैं, लेकिन इस साल चैत्र नवरात्रि सिर्फ 8 दिनों तक मनाई जाएगी.

इसका कारण तृतीया तिथि का क्षय होने को माना गया है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार द्वितीया और तृतीया तिथि एक ही दिन पड़ रही है. ऐसे में द्वितीया तिथि के दिन ही भक्त माता ब्रह्मचारिणी और चंद्रघंटा की पूजा करेंगे.

आचार्य दीप कुमार ने कहा, "31 मार्च को द्वितीया तिथि सुबह 9:12 मिनट तक रहेगी. इसके बाद तृतीया तिथि लग जाएगी, जो 1 अप्रैल को सुबह लगभग 5 बजकर 45 मिनट तक रहेगी. जिस कारण तृतीया तिथि का क्षय होगा. इसलिए 31 मार्च को माता ब्रह्माचारिणी और चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी".

नवरात्रि में होती है मां के नौ रूपों की पूजा

आचार्य दीप कुमार ने बताया कि चैत्र नवरात्रि में भक्तों के द्वारा माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. यह पूजा शक्ति, साहस, और विजय की प्रतीक मानी जाती है. यह पर्व जीवन में किसी भी प्रकार के सकारात्मक परिवर्तन, उन्नति, और सफलता की प्राप्ति के लिए समर्पित है. नवरात्रि के नौ दिनों में देवी के विभिन्न रूपों की पूजा करके भक्त अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की प्राप्ति करते हैं.

ध्यान, उपवास और साधना से मिलता है मां का आशीर्वाद

नवरात्रि के समय को विशेष रूप से ध्यान, उपवास और साधना के लिए आदर्श माना जाता है. भक्त इस समय उपवास रखते हैं और मंत्र जाप करते हैं. भक्त नवरात्रि में देवी मां का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा विधि का पालन करते हैं. यह समय आत्मिक शुद्धि, मानसिक शांति और शरीर की ताकत को बढ़ाने के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है.

ये भी पढ़ें: नवरात्रि के व्रत में क्या नहीं खाया जाता, ये हैं फास्टिंग के नियम और लाभ

कुल्लू: देशभर में हिंदूओं का पवित्र त्योहार नवरात्रि की तैयारी चल रही है. 30 मार्च से मां दुर्गा के अराधना के साथ नवरात्रि का शुभारंभ हो जाएगा. नवरात्रि में भक्त माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा अर्चना करते हैं. हर साल नवरात्रि 9 दिनों तक मनाई जाती हैं, लेकिन इस साल चैत्र नवरात्रि सिर्फ 8 दिनों तक मनाई जाएगी.

इसका कारण तृतीया तिथि का क्षय होने को माना गया है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार द्वितीया और तृतीया तिथि एक ही दिन पड़ रही है. ऐसे में द्वितीया तिथि के दिन ही भक्त माता ब्रह्मचारिणी और चंद्रघंटा की पूजा करेंगे.

आचार्य दीप कुमार ने कहा, "31 मार्च को द्वितीया तिथि सुबह 9:12 मिनट तक रहेगी. इसके बाद तृतीया तिथि लग जाएगी, जो 1 अप्रैल को सुबह लगभग 5 बजकर 45 मिनट तक रहेगी. जिस कारण तृतीया तिथि का क्षय होगा. इसलिए 31 मार्च को माता ब्रह्माचारिणी और चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी".

नवरात्रि में होती है मां के नौ रूपों की पूजा

आचार्य दीप कुमार ने बताया कि चैत्र नवरात्रि में भक्तों के द्वारा माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. यह पूजा शक्ति, साहस, और विजय की प्रतीक मानी जाती है. यह पर्व जीवन में किसी भी प्रकार के सकारात्मक परिवर्तन, उन्नति, और सफलता की प्राप्ति के लिए समर्पित है. नवरात्रि के नौ दिनों में देवी के विभिन्न रूपों की पूजा करके भक्त अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की प्राप्ति करते हैं.

ध्यान, उपवास और साधना से मिलता है मां का आशीर्वाद

नवरात्रि के समय को विशेष रूप से ध्यान, उपवास और साधना के लिए आदर्श माना जाता है. भक्त इस समय उपवास रखते हैं और मंत्र जाप करते हैं. भक्त नवरात्रि में देवी मां का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा विधि का पालन करते हैं. यह समय आत्मिक शुद्धि, मानसिक शांति और शरीर की ताकत को बढ़ाने के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है.

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Last Updated : March 30, 2025 at 12:00 PM IST
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