नई दिल्ली: दिल्ली में नई सरकार बनने के बाद अब विधायकों ने अपने लिए वेतन में बढ़ोतरी और दफ्तर में सुविधाएं बढ़ाने की मांग की है. दिल्ली विधानसभा में बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को इस मुद्दे पर भाजपा विधायक सूर्य प्रकाश खत्री ने अपनी बात रखी. उन्होंने डेटा एंट्री ऑपरेटर की संख्या और वेतन बढ़ाने के संबंध में मुद्दा विधानसभा में उठाया और विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता से इस पर चर्चा कराने की मांग की. सदन में करीब एक घंटे तक चर्चा में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने इसका एकमत होकर समर्थन किया. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने पांच सदस्यीय कमेटी बनाने और दो सप्ताह में रिपोर्ट देने के आदेश दिए.
इसी चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने विधायकों के वेतन बढ़ाने की मांग की, उन्होंने कहा कि पूरे देश में विधायकों का सबसे कम वेतन दिल्ली में है. डाटा एंट्री ऑपरेटर का वेतन वर्षों से 15 हजार रुपये है, जिसे बढ़ाने की जरूरत है. एक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम चार डेटा एंट्री ऑपरेटर होने चाहिए. सत्ता परिवर्तन हुआ है लोगों को उम्मीद है कि व्यवस्था बदलनी चाहिए. वहीं आम आदमी पार्टी के ही एक अन्य विधायक विशेष रवि ने कहा कि विधायक कार्यालय में सभी शिकायतें और काम की उम्मीद से लोग आते हैं, लेकिन उसके लिए स्किल्ड लोगों की जरूरत है, ताकि वह पत्र बना सकें. साथ ही विधायक के न होने पर लोगों की समस्या समझ सकें, ऐसी स्थिति में डेटा एंट्री ऑपरेटर ही वहां मौजूद होता है.
स्किल्ड कर्मचारियों की जरूरत: उन्होंने आगे कहा कि विधायकों का वेतन बढ़ाने पर विचार करना चाहिए. दो दिन पहले संसद में सदस्यों का वेतन बढ़ा, लेकिन दिल्ली के विधायकों का वेतन बढ़ाने के लिए कमेटी बनाई जाए. उधर किराड़ी से आम आदमी पार्टी के विधायक अनिल झा ने भी इसका समर्थन किया और कहा कि स्किल्ड कर्मचारियों की जरूरत है. अगर हम कम सैलरी देंगे तो हो सकता है भ्रष्टाचार की उपज भी वहीं से हो. विधायक की प्रोटोकॉल को भी बढ़ाने की जरूरत है. एक डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को जो सुविधाएं मिलती है वह कम से कम एक विधायक को मिलनी चाहिए.
बुनियादी जरूरतों में से एक: इसके अलावा सत्ता पक्ष की तरफ से जंगपुरा से बीजेपी विधायक तरविंदर सिंह मारवाह ने कहा विधायक दफ्तर में कम से कम छह से सात लोग कर्मचारी चाहिए. विधायक 24 घंटे काम करते हैं. विधानसभा में इतने काम बढ़ गए हैं कि करने वाले लोग नहीं हैं. वहीं बीजेपी विधायक कुलवंत राणा, अनिल गोयल ने कहा कि सिर्फ डेटा एंट्री ऑपरेटर ही नहीं बल्कि एक मैनेजर स्किल वाला शख्स चाहिए, ताकि वह विधायक की अनुपस्थिति में विधायक कार्यालय चला सके. बीजेपी विधायक अजय महावर ने भी कहा कि यह एक जनप्रतिनिधि के लिए बुनियादी जरूरत है.
दो हफ्ते में आएगी रिपोर्ट: उन्होंने कहा, 17 सालों से डाटा ऑपरेटर के वेतन में बढ़ोतरी नहीं हुई है. निर्धारित न्यूनतम वेतन भी नहीं मिल रहा है. विधानसभा में इसपर चर्चा हुई है और जिस तरह अध्यक्ष ने कमेटी बनाई है यह एक अच्छा कदम है. विधायकों के वेतन बढ़ाने के संबंध में भी उन्होंने कहा कि देशभर के अन्य राज्यों की अपेक्षा दिल्ली के विधायकों का वेतन और पेंशन बहुत ही कम है इसपर भी पुनर्विचार करना चाहिए. चर्चा के अंत मे मंत्री आशीष सूद ने कहा कि सरकार एक समिति बनाकर इसपर आगे बढ़ेगी और विचार करेगी. विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता इस पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक पांच सदस्यीय कमेटी बनाने की बात कही. इसमें बीजेपी विधायक अभय वर्मा, सूर्य प्रकाश खत्री, पूनम शर्मा, आप विधायक विशेष रवि, संजीव झा शामिल हैं. यह कमेटी दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी.
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