अलवर: देश दुनिया में अपनी छाप छोड़ चुके सरिस्का टाइगर रिजर्व में इसकी ख्याति के अनुरूप पर्यटकों को सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. वन्यजीवों की निगरानी को और चौकस किया जाएगा, जिससे शिकारियों की नजर बाघों पर नहीं पड़ सके. पर्यटकों को लुभाने के लिए यहां विजिटर फैसिलिटी, मूलभूत सुविधाएं, वन चौकियां, वन्यजीवों को आसानी से पीने के लिए पानी मुहैया कराने के लिए कृत्रिम तालाब सहित अन्य सुविधाएं विकसित करने की तैयारी है. ये सभी विकास कार्य राज्य सरकार की ओर से बजट जारी होते ही शुरू करा दिए जाएंगे.
सरिस्का के डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने बताया कि एनसीआर के इकलौते टाइगर रिजर्व सरिस्का में पर्यटकों की संख्या में साल दर साल इजाफा हो रहा है. बीते वर्ष सरिस्का में भ्रमण के लिए 82 हजार 889 पर्यटक पहुंचे थे. इसका बड़ा कारण सरिस्का में बाघों की बढ़ती संख्या है. बाघों का कुनबा बढ़ने से देशी—विदेशी सैलानियों को बाघों की आसान साइटिंग हो रही है. पर्यटकों के बढ़ने से न केवल सरिस्का में रौनक लौटी है. वहीं, इसकी ख्याति भी देश विदेश में बढ़ी है. साथ ही सरकार की आय भी बढ़ी है. इसी से प्रेरित होकर सरकार ने सरिस्का में पर्यटकों के लिए सुविधा बढ़ाने का फैसला किया है.
सरिस्का में ये बढ़ेगी सुविधाएं: सरिस्का टाइगर रिजर्व के डीएफओ सहारण ने बताया कि पर्यटकों को मूलभूत सुविधाओं के साथ वेटिंग हॉल की फैसिलिटी मुहैया कराई जाएगी, जिससे जल्द आने वाले पर्यटक आराम कर सकेंगे. बिजली-पानी की सुविधा, कृत्रिम तालाब आदि बनाए जाएंगे.
वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए बनेंगी चौकियां: सहारण ने बताया कि सरिस्का टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों की सुरक्षा महत्वपूर्ण मुद्दा है. यहां शिकारियों की नजरें लगी रहती है, ऐसे में बाघों के साथ ही अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर बनाने की जरूरत है. इसके लिए सरिस्का में नई वन चौकियां स्थापित की जाएंगी. वहीं, चारदीवारी का निर्माण कराया जाएगा. सरिस्का टाइगर रिजर्व को बाघों से आबाद करने वाली बाघिन एसटी- 2 राजमाता के बारे में पर्यटकों को जानकारी देने के लिए सरिस्का स्थित पर्यटक स्वागत केन्द्र के पास राजमाता बाघिन का स्टेच्यू का निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए कार्य जारी है.