सहारनपुर : IIT रुड़की कैंपस सहारनपुर में रविवार को आयोजित प्लाईवुड मैन्युफैक्चरर्स वेलफेयर एसोसिएशन के कार्यक्रम में मुख्य सचिव मनोज सिंह पहुंचे. उन्होंने उद्योग को लेकर प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिनाई. साथ ही सहारनपुर में नए उद्योग लगाने का आह्वान भी किया. मुख्य सचिव ने हरियाणा-पंजाब और दिल्ली के उधमियों को यहां नए उद्योग लगाने का न्योता दिया. मनोज सिंह ने कहा कि यूपी में उद्योग लगाने के लिए सरकार 10 करोड़ रुपये देगी.
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने प्लाईवुड एवं अन्य औद्योगिक इकाइयों की समस्याओं को सुना तथा शासन/प्रशासन से उनका समाधान कराने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने सहारनपुर मंडल एवं आस-पास के जिलों के उद्यमी किसानों की आय बढ़ाने के लिए लकड़ी (वृक्ष) लगाने एवं कृषि एवं लकड़ी आधारित उद्योग, कृषि उपज के अवशेषों से ऊर्जा एवं गैस उत्पादन, क्षेत्र के उत्पादों के निर्यात संवर्धन आदि की संभावनाओं तथा अन्य विकास संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की.
कई राज्यों के उद्यमी पहुंचे : जिससे अन्य नई औद्योगिक इकाइयों के विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी तथा अन्य राज्यों के उद्यमी यूपी में अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिससे आगे विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी. कार्यक्रम में सहारनपुर जिले और आसपास के जिलों जैसे मुजफ्फरनगर, शामली, हापुड़, मेरठ, बिजनौर, बागपत, बड़ौत आदि के साथ ही हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल, पंजाब, दिल्ली जैसे अन्य राज्यों से उद्यमी शामिल हुए.
इस दौरान वन अनुसंधान संस्थान देहरादून से आये उद्यान वैज्ञानिकों ने किसानों, निर्यातकों और उधमियों को नई वृक्ष प्रजातियों की तकनीक के बारे जानकारी दी. जिन उद्यमियों के पास जमीन है, वे इन नई प्रजातियों के पेड़ लगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. संवाद और समाधान कार्यक्रम में अन्य जिलों और राज्यों से निवेशक आएंगे जो सहारनपुर में निवेश करने के इच्छुक हैं और लकड़ी से संबंधित उद्योगों से सीधे संवाद किया गया.
खाद्य और होजरी उद्योग को मिले बढ़ावा : मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि उद्योगों को आयात और निर्यात में किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, उसका समाधान किया जाना चाहिए. सहारनपुर और आसपास के जिलों में खाद्य और होजरी उद्योग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. उन उद्योगों का आधुनिकीकरण किया जाना चाहिए और उन्हें दुनिया में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया जाना चाहिए.
सरकार के सामने कई समस्याएं हैं जिनके लिए नीतिगत निर्णय की आवश्यकता है. वे नीतिगत निर्णय होंगे जिसमें समस्या का समाधान प्रशासनिक स्तर पर होना चाहिए और प्रशासन उनका समाधान ढूंढेगा. किसान लकड़ी पैदा करते हैं और यह किसानों का अधिकार है कि वे अपनी लकड़ी को किस कीमत पर बेचें. 80% से अधिक गन्ना भुगतान पूरा हो चुका है. पिछले 8 वर्षों में 2.15 लाख करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान किया गया है जो पिछले 15-20 वर्षों से अधिक है. शेष राशि का भी जल्द ही भुगतान कर दिया जाएगा.
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