शिमला: हिमाचल में पिछले वित्त वर्ष में सैलरी और पेंशन के लिए इंतजार करने वाले कर्मचारियों को नए वित्त वर्ष का पहला दिन राहत लेकर आने वाला है. प्रदेश में 3,65,558 कर्मचारियों और पेंशनरों के मोबाइल पर मंगलवार को सैलरी और पेंशन क्रेडिट होने का मैसेज आ जाएगा. प्रदेश सरकार ने पहले ही इस महीने की सैलरी और पेंशन के लिए करीब 2000 करोड़ का इंतजाम कर लिया है, ताकि नए वित्त वर्ष के पहले दिन ही लाखों कर्मचारियों के खाते में खटखटा सैलरी और पेंशन पड़ सके.
100 रुपये में से वेतन-पेंशन पर इतना खर्च
हिमाचल में बजट का एक बड़ा भाग कर्मचारियों और पेंशनरों की सैलरी और वेतन पर खर्च होता है. प्रदेश सरकार को हर महीने सैलरी और पेंशन के भुगतान के लिए करीब 2000 करोड़ की जरूरत रहती है. इसमें सैलरी पर 1200 करोड़ और पेंशन पर 800 करोड़ खर्च होता है. वहीं, अगर 2025-26 के बजट के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रति 100 रुपये व्यय में से, वेतन पर 25 रुपये, पेंशन पर 20 रुपये, ब्याज अदायगी पर 12 रुपये, ऋण अदायगी पर 10 रूपये, स्वायत्त संस्थानों के लिए ग्रांट पर 09 रुपये, जबकि शेष 24 रुपये पूंजीगत कार्यों सहित अन्य गतिविधियों पर व्यय किए जाने हैं. इस तरह से सरकारी खजाने में से अकेले सैलरी और पेंशन पर 100 में से 45 पैसे खर्च हो जाएंगे. बता दें कि प्रदेश के सरकारी व सार्वजनिक उपक्रमों में कर्मचारियों की संख्या 1,87,340 और पेंशनरों की संख्या 1,78,218 है.
659 करोड़ का लिया ऋण
हिमाचल में वित्तीय स्थिति को पटरी पर लाने की दिशा में कार्य कर रही सुक्खू सरकार इसी साल पिछले वित्त वर्ष में दो बार 659 करोड़ का ऋण ले चुकी है. इसमें मार्च के पहले सप्ताह में 322 करोड़ का ऋण लिया. वहीं, मार्च महीने के दूसरे पखवाड़े में यानी 22 मार्च को सरकार ने 337 करोड़ का ऋण लिया है. इसके अलावा राज्य कोषागार की 1000 करोड़ की धनराशि उठाने की शक्तियां होती हैं.