
दिल्लीवालों के लिए अच्छी खबर! टू-व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहनों पर अधिक सब्सिडी की तैयारी, टैक्स में रियायत की भी उम्मीद
कहा जा रहा है कि दिल्ली में 2026 में नई ईवी नीति लाई जा सकती है. क्या हो सकता है इसमें खास, जानें..

Published : October 13, 2025 at 2:16 PM IST
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए अपनी दूसरी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति में प्रोत्साहन बढ़ाने की योजना बना रही है. अगले साल की शुरुआत में आने वाली नई ईवी पॉलिसी में दोपहिया ईवी के लिए अधिक सब्सिडी, कर रियायतें और बेहतर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की पेशकश की उम्मीद है, जिनका इस्तेमाल गिग वर्कर्स की तरफ से व्यापक रूप से किया जाता है.
मौजूदा ईवी पॉलिसी में दोपहिया वाहन मालिकों को प्रति किलोवॉट घंटा बैटरी क्षमता पर 5,000 रुपये की सब्सिडी मिलती है, जो 30,000 रुपये तक जा सकती है. परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार इस सीमा को दोगुना करने की योजना बना रही है. इसी तरह तिपहिया वाहनों को कुल लागत और बैटरी क्षमता की परवाह किए बिना प्रति वाहन अभी 30 हजार रुपये की सब्सिडी मिलती है. चार पहिया वाहनों के लिए यह सब्सिडी अब लागू नहीं है. वहीं यह योजना केवल पहले 1,000 इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ही उपलब्ध थी जो इस योजना के तहत पंजीकृत थे.
यह है उद्देश्य: इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत शुरुआत में हाइड्रोकार्बन वाहनों से ज्यादा होती है, लेकिन कम रखरखाव खर्च के कारण ये लॉन्ग टर्म में समय में सस्ते होते हैं. परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसका उद्देश्य पेट्रोल और पेट्रोल के बीच कीमतों के अंतर को कम करना है. इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए प्रति किलोवॉट घंटा बैटरी क्षमता पर सब्सिडी दोगुनी होकर 10,000 रुपये होने की संभावना है.
कम ब्याज दर पर मिलेगा लोन: दिल्ली सरकार ने अपनी ईवी नीति को अगले साल मार्च तक बढ़ा दिया है. नई नीति उन लोगों के लिए और भी ज्यादा कर रियायतें लेकर आएगी, जो अपने पुराने आईसीई (आंतरिक दहन इंजन) वाहनों को स्क्रैप करके इलेक्ट्रिक वाहन अपनाते हैं. परिवहन विभाग के अधिकारी ने कहा, "स्क्रैपेज से जुड़े इस लाभ को डबल बेनिफिट के रूप में देखा जा रहा है. इससे पुराने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की संख्या कम हो सकती है और इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन बढ़ सकता है." गिग वर्कर्स, विशेष रूप से डिलीवरी राइडर्स को ध्यान में रखते हुए, नीति में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को उनके लिए और ज्यादा सुलभ बनाने के लिए कम ब्याज दर वाली लोन स्कीम्स शुरू करने की संभावना है. सरकार बाजारों और हाई-डिलीवरी जोन के पास ई-बाइक चार्जिंग पॉइंट लगाने की भी योजना बना रही है. इससे व्यावसायिक वाहन इस्तेमाल करने वालों को सुविधा होगी.
अब भी पेट्रोल वाहन की अव्वल: वर्ष 2024 में, 22,646 इलेक्ट्रिक बैटरी से चलने वाले वाहन पंजीकृत हुए और 8,684 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे गए. हालांकि पेट्रोल से चलने वाली दोपहिया वाहनों का बोलबाला अभी भी बना हुआ है और इस साल 2.55 लाख से ज्यादा नए वाहन सड़कों पर उतरने का अनुमान है. इस आंकड़े में दिवाली की सेल शामिल नहीं है, जब ज्यादा वाहन खरीदे जाएंगे.
140 करोड़ रुपये बकाया: बता दें कि, इस वर्ष समाप्त होने वाली ईवी पॉलिसी को मार्च 2026 तक या संशोधित नीति अधिसूचित होने तक बढ़ा दिया गया है. सार्वजनिक परामर्श के बाद 2026 की पहली तिमाही में नई ईवी पॉलिसी के लागू होने की संभावना है. हालांकि, दिल्ली सरकार को 140 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी का बकाया भी चुकाना है. परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने पहले कहा था कि वेरिफिकेशन के बाद यह राशि वितरित की जाएगी. परिवहन विभाग जल्द ही प्रक्रिया शुरू करेगा और इसके लिए एक पोर्टल तैयार किया जा रहा है. पिछले दिनों दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार को ग्राहकों को वादा की गई सब्सिडी वितरित करने के लिए कदम उठाने का आदेश देते हुए कहा था कि भुगतान में देरी के बहाने के रूप में प्रक्रियात्मक बाधाओं का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.
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