दुर्ग : जिला अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग में एक गंभीर लापरवाही सामने आई है. जिसमें खुर्सीपार निवासी 30 वर्षीय एकता को उनके गर्भस्थ शिशु के संबंध में गलत रिपोर्ट दी गई. सोनोग्राफी रिपोर्ट में बताया गया कि उनका 7 सप्ताह का बच्चा मृत है, जिसके आधार पर अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ ने गर्भपात की तैयारी भी शुरू कर दी. लेकिन एकता की मां की सूझबूझ से गर्भपात नहीं करवाया और बेटी को निजी अस्पताल ले गए.जहां जांच के बाद पता चला की बच्चा जीवित और स्वस्थ्य है. अब परिवार ने जिला अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट और डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
क्या है पूरा घटनाक्रम : आपको बता दें कि एकता की मितानिन मां कविता चौकीकर ने सरकारी अस्पताल की रिपोर्ट पर पूरी तरह भरोसा न करते हुए निजी अस्पताल में सोनोग्राफी दोबारा कराने का निर्णय लिया. 27 मार्च को भिलाई-3 स्थित एक निजी अस्पताल में सोनोग्राफी कराई गई, जिसमें बच्चा पूरी तरह स्वस्थ पाया गया. जिला अस्पताल की रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे की हार्ट बीट शून्य थी, जबकि निजी अस्पताल की सोनोग्राफी में हार्ट बीट 132 प्रति मिनट दर्ज की गई. जो ये स्पष्ट करता है कि सरकारी अस्पताल की रिपोर्ट में भारी त्रुटि थी, जो एकता और उसके परिवार के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से हानिकारक हो सकती थी.
26 मार्च को एकता की तबीयत खराब होने पर बेटी को जिला अस्पताल लेकर गईं. वहां एकता को इंजेक्शन दिया गया और अगले दिन 27 मार्च को सोनोग्राफी की गई. रिपोर्ट को जब लेबर रूम की डॉक्टर को दिखाया गया, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कह दिया कि बच्चा अब नहीं रहा. मुझे कुछ संदेह हुआ और मैं अपनी बेटी को निजी अस्पताल ले गईं, जहां डॉक्टरों ने दोबारा सोनोग्राफी कर पुष्टि की कि बच्चा स्वस्थ है और हृदय गति सामान्य है- कविता,एकता की मां
इस मामले में सीएमएचओ मनोज दानी ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आ गया है. उन्होंने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की है.

दोषी पाए जाने वाले डॉक्टरों और संबंधित स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी- मनोज दानी,सीएमएचओ दुर्ग
यदि एकता की मां ने सरकारी अस्पताल की रिपोर्ट पर पूरी तरह विश्वास कर लिया होता, तो शायद बिना किसी वजह के एक स्वस्थ बच्चे का गर्भपात कर दिया जाता. यह मामला सरकारी अस्पतालों में सटीक जांच और रिपोर्टिंग की गंभीरता पर सवाल उठाता है.वहीं गरीब जनता जो सरकारी डॉक्टर और टेक्नीशियन पर पूरा भरोसा करते हैं,उनके लिए ये खबर सोचने वाली है.
राज्य ओपन स्कूल का पर्चा लीक, डीईओ ने की कार्रवाई, 12वीं की जगह बंट गया 10वीं का पेपर