बस्ती: जिले में करीब 7 फीट नीचे लटक रहे बिजली के हाइटेंशन नंगे तार की चपेट में आने से दो सगे भाइयों की मौत हो गई. दोनों भाई बाइक से सीढ़ी लेकर गुजर रहे थे. तभी वहां नीचे लटक रहे हाइटेंशन तार की चपेट में आ गए. जब तक लोग उन्हें बचाने के लिए दौड़ते, तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी. इस घटना के बाद क्षेत्र में आक्रोश है. स्थानीय लोगों ने बिजली विभाग के अफसरों का घेराव किया और लापरवाह कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. हादसा बस्ती जिले के नगर थाना क्षेत्र में खुटहन गांव की है.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, खुटहन गांव निवासी दोनों सगे भाई शशिभूषण यादव (34) और विश्ववल्लभ यादव (35) पुत्र घनश्याम यादव मंगलवार सुबह करीब 7 बजे बाइक से सीढ़ी लेकर जा रहे थे, तभी नीचे लटक रहे नंगे तार की चपेट में आ गए. यह बिजली के तार काफी समय से नीचे लटक रहे थे. लोगों ने बताया कि कई बार इसकी शिकायत बिजली विभाग से की गई थी, लेकिन विभाग ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया.
बिजली विभाग की लापरवाही से मौत: ग्रामीणों का कहना है कि विभाग की घोर लापरवाही और अनदेखी के कारण बड़ा हादसा हुआ है. परिजनों ने बिजली विभाग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. घटना की सूचना मिलते ही नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची. दोनों सगे भाइयों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. पुलिस का कहना है, कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
7 फीट नीचे लटक रहा था तार: घटना के बाद से खुटहन गांव में मातम पसरा हुआ है. सगे भाइयों की मौत मामले ने तूल पकड़ लिया है. उतर प्रदेश राज्य पंचायत परिषद के प्रदेश अध्यक्ष राना दिनेश प्रताप सिंह ने समर्थकों के साथ अधीक्षण अभियंता विद्युत का उनके कार्यालय में घेराव किया. उन्होंने घटना का कारण बिजली विभाग की घोर लापरवाही बताते हुए कहा कि 11000 वोल्टेज का तार लगभग 7 फीट पर ही था, जबकि मानक 20 फीट ऊंचाई का होता है. उन्होंने दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने और मृतक परिवार को कम से कम एक करोड़ रुपए मुआवजे की मांग की है.
लाइमैन के खिलाफ दी गई शिकायत: तीन घंटे तक चले घेराव के बाद अधीक्षण अभियंता के निर्देश पर सहायक अभियंता वागीश कुमार गुप्ता और अवर अभियंता विकास कुमार की ओर से दोषी दो लाइनमैन अजीज और विक्रम कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तहरीर दी गई. अधीक्षण अभियंता ने मामले की जांच के लिए अधिशाषी अभियंता द्वितीय को निर्देशित किया है. उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने पर 10 लाख रुपए का मुआवजा परिवार को दिया जाएगा.