जोधपुर: जयपुर के चौमूं क्षेत्र के युवक सचिन गोरा ने नीट-2020 की परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर अपने रिश्तेदार अजीत गोरा को परीक्षा में बिठाया और सफल परिणाम के आधार पर उसे एम्स जोधपुर में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिला दिला दिया. इस मामले का खुलासा खुद उनके एक अन्य रिश्तेदार ने किया, जिसने चौमूं थाने में एफआईआर दर्ज कराई.
डीसीपी राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि आरोपी को एम्स प्रशासन से औपचारिक नोटिस देकर हिरासत में लिया गया है. फिलहाल उसे बासनी थाने लाया गया है और गुरुवार को चौमूं पुलिस उसे जयपुर लेकर जाएगी, जहां जांच अधिकारी के सामने पेश किया जाएगा. जयपुर के चौमूं क्षेत्र के एक युवक ने रिश्तेदार को फर्जी अभ्यर्थी बनाकर न सिर्फ नीट-2020 क्लियर की थी, बल्कि एमबीबीएस के लिए एम्स जोधपुर में चयनित भी हो गया. 15 दिन पहले एक अन्य रिश्तेदार ने जयपुर के चौमूं थाने में एफआइआर दर्ज कराकर मुन्ना भाई एबीबीएस का फर्जीवाड़ा उजागर किया. जिसकी जांच के बाद जयपुर पुलिस ने जोधपुर पुलिस की मदद से बुधवार देर रात एम्स छात्रावास में दबिश देकर मेडिकोज को पकड़ा.
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पुलिस ने बताया कि चौमूं क्षेत्र निवासी सचिन गोरा व रिश्तेदार अजीत गोरा के खिलाफ 15 दिन पहले एक रिश्तेदार ने ही एफआइआर दर्ज कराई थी. रिश्तेदार का आरोप है कि संदीप गोरा ने नीट-2020 क्लियर की थी, लेकिन नीट में सचिन की जगह अजीत गोरा ने फर्जी अभ्यर्थी बनकर परीक्षा दी थी. जांच में आरोप प्रमाणित होने पर जयपुर पुलिस बुधवार रात जोधपुर के बासनी थाने पहुंची. स्थानीय पुलिस को साथ लेकर देर रात एम्स के छात्रावास संख्या 6 में दबिश दी गई, जहां से एम्स मेडिकोज को हिरासत में लिया गया.
आवेदन पत्र में फोटो रिश्तेदार की लगाई थी : सचिन ने नीट-2020 के आवेदन पत्र में नाम व पता तो खुद का भरा था, लेकिन फोटो रिश्तेदार अजीत गोरा की लगाई थी. इससे परीक्षा के दौरान फर्जी अभ्यर्थी पकड़ा नहीं जा सका था. लेकिन उनके ही एक रिश्तेदार ने इसका भेद खोल दिया और चौमू थाने में रिपोर्ट दे दी. जिसकी पड़ताल के बाद जयपुर पुलिस ने जोधपुर पुलिस से संपर्क कर टीम भेजी.