लखनऊ : राजधानी में शैक्षणिक सत्र 2025-26 की आधिकारिक शुरुआत 3 अप्रैल से होने जा रही है. विशेष तौर पर केंद्रीय विद्यालयों, आर्मी पब्लिक स्कूल सहित उन विद्यालयों में शैक्षिक सत्र इस सप्ताह से शुरू होगा जो एनसीईआरटी की किताबों के माध्यम से अपना सत्र शुरू करते हैं. मगर आलम यह है कि एनसीईआरटी की किताबें अभी तक मार्केट में पूरी तरह से उपलब्ध नहीं हैं.
पुस्तक विक्रेताओं का कहना है कि अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक किताबें आने की उम्मीद है. राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद एनसीईआरटी ने सत्र 2025-26 के लिए क्लास 4, 5, 7 और 8 के पाठ्यपुस्तक में बदलाव किया है. यह बदलाव नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2023 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत किए गए हैं. इसके कारण एनसीईआरटी की किताबें छापने में देरी हो रही है. नए सत्र शुरू होने से पहले मार्केट में ज्यादातर किताबों की कमी बनी हुई है.
15 मई से पहले किताबें आने की उम्मीद कम : बीते सत्र में एनसीईआरटी ने क्लास तीन और छह की पाठ पुस्तकों में बदलाव किया था. इस बार 4 नई कक्षाओं के किताबों में परिवर्तन किया है लेकिन अभी तक यह किताबें प्रकाशित नहीं की गईं हैं. राजधानी में एनसीईआरटी किताबों के सबसे बड़े डीलर चाचा बुक डिपो के ओनर महेश अग्रवाल ने बताया कि कक्षा चार, पांच, सात और आठ की किताबें मिलने में दिक्कत हो रही है, क्योंकि इन किताबों में जो बदलाव हुए हैं, उसे हिसाब से अभी तक एनसीईआरटी ने किताबों का प्रकाशन नहीं किया है. जितनी डिमांड है उतनी सप्लाई नहीं आ पा रही है.
निजी प्रकाशकों की किताबों की कीमत अधिक : उन्होंने बताया कि अब तक की किताबें उपलब्ध नहीं हैं. क्लास 7 और आठ की नई किताबें 15 तक बाजार में उपलब्ध हो सकती हैं. वहीं, चौथी और पांचवी की किताबें अप्रैल के तीसरे सप्ताह तक उपलब्ध होंगी. 3 अप्रैल में नया सत्र ऐसे में अभिभावक किताबों की खरीदारी करने के लिए आ रहे हैं. एनसीईआरटी की सभी किताबें अभी उपलब्ध नहीं हैं. सिलेबस में बदलाव किया गया है. निजी प्रकाशकों की किताबों की कीमत भी अधिक हैं. वर्तमान में एनसीईआरटी की किताबों का पूरा सेट ₹400 में में है. जबकि निजी प्रकाशकों की किताबों का सेट 4000 से 8000 तक है.
एनसीईआरटी ने पाठ्यक्रमों में किया बदलाव : केंद्रीय विद्यालय अलीगंज के शिक्षक सुनील द्विवेदी ने बताया कि एनसीईआरटी ने जो किताबों में बदलाव किया है. जब तक ताजा मार्केट में न आ जाए, उसके बारे में सही से नहीं जाना जा सकता है. एक बार किताबें मार्केट में आने के बाद ही या पता चलता है कि एनसीईआरटी ने जो बदलाव किए हैं, उसमें क्या-क्या चीज है दी गई हैं. जबकि एनसीईआरटी की जो किताबें मार्केट में आ रही हैं, वह सबसे पहले प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र खरीद ले जा रहे हैं. ऐसे में स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों तक एनसीईआरटी की किताबें पहुंचना भी मुश्किल हो रही है.
पुस्तक विक्रेताओं का कहना है कि प्राइवेट स्कूलों ने पहली कक्षा से इंग्लिश, हिंदी, मैथ्स की किताबें बदली हैं. वही आठवीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी,. इतिहास, भूगोल की नई किताबें शामिल की गई पिछले साल की तुलना में निजी प्रकाश को की किताबों की कीमत 10% तक बढ़ गई है. शहर के कई प्रतिष्ठित और कॉन्वेंट स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं तक की कई किताबें बदल दी गई है. पुस्तक विक्रेताओं के अनुसार प्राइवेट स्कूलों में अपनी कई किताबें बदली.