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12 महीने में बस्तर से खत्म हो जाएगा नक्सलवाद, गृहमंत्री अमित शाह का पूरा होगा वादा: विजय शर्मा - NAXALISM WILL END IN 1 YEAR

डिप्टी सीएम ने कहा कि नक्सली बंदूक की नोक पर राज करने का लक्ष्य रखते हैं.

NAXALISM WILL END IN 1 YEAR
गृहमंत्री अमित शाह का पूरा होगा वादा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : April 13, 2025 at 2:37 PM IST

4 Min Read

नई दिल्ली/ रायपुर: डिप्टी सीएम और गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे विजय शर्मा ने बड़ा दावा किया है. विजय शर्मा ने कहा है कि आने वाले 1 साल में बस्तर से नक्सलवाद खत्म हो जाएगा. शर्मा ने कहा कि माओवादियों के पास कहने कुछ बचा नहीं है. उनके पास सार्थक मांगों का अभाव है. नक्सली हिंसक रास्तों पर चलकर राज करने का लक्ष्य रखते हैं. डिप्टी सीएम ने कहा कि पूरी दुनिया के लोग अपनी मांगों को लेकर आंदोलन प्रदर्शन करते हैं. संवैधानिक सीमाओं में रहते हुए अपनी मांग रखते हैं.

''1 साल के भीतर खत्म होगा नक्सलवाद'': विजय शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी ने किसानों के लिए एक कानून लाया था जो उनके हित में था. पर किसान उन कानूनों को नहीं चाहते थे. मोदी सरकार ने किसान की बात मानते हुए इसे निरस्त कर दिया. छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने सरकार को अपनी कोई मांग पत्र नहीं दी है. नक्सली सिर्फ बंदूक की नोक पर हिंसा और दहशत फैलाना चाहते हैं. नक्सली लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं.

गृहमंत्री अमित शाह की तारीफ: विजय शर्मा ने अमित शाह की तारीफ की है. शर्मा ने कहा कि पूर्वोत्तर में जिस तरह से उग्रवाद को खत्म करने काम सरकार ने किया बेहतरीन है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का प्रयास कारगर साबित हुआ. सरकार ने जिस तरह से अनुच्छेद 370 को खत्म किया वो भी शानदार था. विजय शर्मा ने कहा कि अब भारत बदल चुका है. हम जो फैसले करते हैं उसे पूरा कर दम लेते हैं. अब भारत में आतंकियों को बिरयानी नहीं खिलाई जाती.

बस्तर में बदलाव: विजय शर्मा ने कहा कि बिजली, पानी और सड़क से बस्तर में बदलाव आया है. शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में और सुधार हुआ है. बुनियादी सुविधाएं बढ़ने से लोगों को फायदा मिला है. नक्सलवाद को खत्म करने के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं. सरकार विकास के कामों के लिए पूरी तरह से समर्पित होकर काम कर रही है.

नियद नेल्लानार और पुलिस कैंप: विजय शर्मा ने कहा कि नक्सलियों से बातचीत की कोई संभावना नहीं है क्योंकि उनकी कोई मांग नहीं है. नक्सली सिर्फ बंदूक की नोक पर सरकार बनाना चाहते हैं. हमारी सरकार उनको समाज की मुख्यधारा में शामिल करना चाहती है उनके पुनर्वास में मदद करना चाहती है. हमने उनके लिए नई सरेंडर पॉलिसी बनाई है. नक्सलियों से बातचीत के लिए कई कोशिश की गई, समितिया बनाई गई लेकिन कोई फायदा नहीं निकला.

अगर नक्सली बातचीत करना चाहते हैं तो कर सकते हैं, अगर वे बातचीत के लिए कोई सहयोगी भेजना चाहते हैं, तो सरकार उसकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी लेगी: विजय शर्मा, डिप्टी सीएम

डिप्टी सीएम ने दिया जवाब: चीन में तियानमेन चौक हत्याकांड और भारत में एर्राबोर हिंसा का उदाहरण देते हुए शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी कार्रवाई क्रांतिकारी नहीं हैं, बल्कि बल के जरिए अपनी विचारधारा को थोपने का एक जरिया हैं. एर्राबोर भारत में ऐसा ही एक उदाहरण है, जहां नक्सलियों ने कई आदिवासियों को समूह में मार डाला. शर्मा ने कहा कि ये बस पुलिसिया दावा नहीं है बल्कि सच है कि नक्सली बच्चों को हथियार थमा रहे हैं ट्रेनिंग दे रहे हैं. जिन पुलिस कैंपों को हटाने की बात नक्सली कर रहे हैं उन पुलिस कैंपों को गांव वाले बनाए रखना चाहते हैं. गांव वालों का कहना है कि इन कैंपों के जरिए विकास का काम हो रहा है.

(सोर्स एएनआई)

बच्ची से अनाचार मामले में बयानबाजी,कांग्रेस का सरकार से सवाल, गृहमंत्री बोले जल्द ही मामला होगा स्पष्ट
नक्सली बंदूक छोड़ें और मुख्यधारा में लौटें, वार्ता के लिए तैयार, लाइफ सेटल होते तक खड़ी रहेगी सरकार: विजय शर्मा
बस्तर पंडुम में गृहमंत्री विजय शर्मा का बड़ा बयान, नक्सलियों की शांति वार्ता का किया स्वागत

नई दिल्ली/ रायपुर: डिप्टी सीएम और गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे विजय शर्मा ने बड़ा दावा किया है. विजय शर्मा ने कहा है कि आने वाले 1 साल में बस्तर से नक्सलवाद खत्म हो जाएगा. शर्मा ने कहा कि माओवादियों के पास कहने कुछ बचा नहीं है. उनके पास सार्थक मांगों का अभाव है. नक्सली हिंसक रास्तों पर चलकर राज करने का लक्ष्य रखते हैं. डिप्टी सीएम ने कहा कि पूरी दुनिया के लोग अपनी मांगों को लेकर आंदोलन प्रदर्शन करते हैं. संवैधानिक सीमाओं में रहते हुए अपनी मांग रखते हैं.

''1 साल के भीतर खत्म होगा नक्सलवाद'': विजय शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी ने किसानों के लिए एक कानून लाया था जो उनके हित में था. पर किसान उन कानूनों को नहीं चाहते थे. मोदी सरकार ने किसान की बात मानते हुए इसे निरस्त कर दिया. छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने सरकार को अपनी कोई मांग पत्र नहीं दी है. नक्सली सिर्फ बंदूक की नोक पर हिंसा और दहशत फैलाना चाहते हैं. नक्सली लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं.

गृहमंत्री अमित शाह की तारीफ: विजय शर्मा ने अमित शाह की तारीफ की है. शर्मा ने कहा कि पूर्वोत्तर में जिस तरह से उग्रवाद को खत्म करने काम सरकार ने किया बेहतरीन है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का प्रयास कारगर साबित हुआ. सरकार ने जिस तरह से अनुच्छेद 370 को खत्म किया वो भी शानदार था. विजय शर्मा ने कहा कि अब भारत बदल चुका है. हम जो फैसले करते हैं उसे पूरा कर दम लेते हैं. अब भारत में आतंकियों को बिरयानी नहीं खिलाई जाती.

बस्तर में बदलाव: विजय शर्मा ने कहा कि बिजली, पानी और सड़क से बस्तर में बदलाव आया है. शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में और सुधार हुआ है. बुनियादी सुविधाएं बढ़ने से लोगों को फायदा मिला है. नक्सलवाद को खत्म करने के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं. सरकार विकास के कामों के लिए पूरी तरह से समर्पित होकर काम कर रही है.

नियद नेल्लानार और पुलिस कैंप: विजय शर्मा ने कहा कि नक्सलियों से बातचीत की कोई संभावना नहीं है क्योंकि उनकी कोई मांग नहीं है. नक्सली सिर्फ बंदूक की नोक पर सरकार बनाना चाहते हैं. हमारी सरकार उनको समाज की मुख्यधारा में शामिल करना चाहती है उनके पुनर्वास में मदद करना चाहती है. हमने उनके लिए नई सरेंडर पॉलिसी बनाई है. नक्सलियों से बातचीत के लिए कई कोशिश की गई, समितिया बनाई गई लेकिन कोई फायदा नहीं निकला.

अगर नक्सली बातचीत करना चाहते हैं तो कर सकते हैं, अगर वे बातचीत के लिए कोई सहयोगी भेजना चाहते हैं, तो सरकार उसकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी लेगी: विजय शर्मा, डिप्टी सीएम

डिप्टी सीएम ने दिया जवाब: चीन में तियानमेन चौक हत्याकांड और भारत में एर्राबोर हिंसा का उदाहरण देते हुए शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी कार्रवाई क्रांतिकारी नहीं हैं, बल्कि बल के जरिए अपनी विचारधारा को थोपने का एक जरिया हैं. एर्राबोर भारत में ऐसा ही एक उदाहरण है, जहां नक्सलियों ने कई आदिवासियों को समूह में मार डाला. शर्मा ने कहा कि ये बस पुलिसिया दावा नहीं है बल्कि सच है कि नक्सली बच्चों को हथियार थमा रहे हैं ट्रेनिंग दे रहे हैं. जिन पुलिस कैंपों को हटाने की बात नक्सली कर रहे हैं उन पुलिस कैंपों को गांव वाले बनाए रखना चाहते हैं. गांव वालों का कहना है कि इन कैंपों के जरिए विकास का काम हो रहा है.

(सोर्स एएनआई)

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