नक्सलमुक्त छत्तीसगढ़ की ओर एक और कदम, बीजापुर और सुकमा में नवीन सुरक्षा कैम्प स्थापित
बस्तर के सुदूर नक्सल क्षेत्रों में नवीन सुरक्षा कैम्प स्थापित किए गए हैं.बीजापुर और सुकमा के सुदूर गांवों में अब फोर्स पहुंची है.

By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : October 8, 2025 at 1:50 PM IST
बीजापुर/सुकमा : छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत जिले के सुदूरवर्ती और नक्सल प्रभावित ग्राम कुप्पागुड़ा पीड़िया में नवीन सुरक्षा कैम्प स्थापित किया गया. वहीं सुकमा कोंटा विकासखंड के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र ग्राम नागाराम में जिला पुलिस और सीआरपीएफ ने नया सुरक्षा कैंप स्थापित किया गया है में नवीन सुरक्षा एवं जनसुविधा कैम्प की स्थापना की गई. ये कदम ना केवल सुरक्षा दृष्टिकोण से बल्कि विकास की दृष्टि से भी एक ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है.
ग्रामीणों को मिलेंगी सुविधाएं : कुप्पागुड़ा (पीड़िया) में स्थापित सुरक्षा कैम्प से बीजापुर, गंगालूर, मुतवेंडी, कांवड़गांव, डोडीतुमनार और गुटुमपल्ली जैसे गांवों को जोड़ने वाले मार्ग तर्रेम तक सशक्त होंगे.अब सड़क, पुल-पुलिया और संचार सुविधाओं का विस्तार होने से ग्रामीण अंचल तेजी से मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे. यह पहल ग्रामीणों के जीवन स्तर को सुधारने में सहायक होगी.इस सुरक्षा कैम्प की स्थापना से अब ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, बिजली, शुद्ध पेयजल, राशन वितरण (PDS), मोबाइल नेटवर्क और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी.

अब तक 38 सुरक्षा कैम्प स्थापित : सुरक्षा की मजबूत उपस्थिति से नक्सली गतिविधियों पर नियंत्रण और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी.बीजापुर जिले में वर्ष 2024 से अब तक कुल 38 सुरक्षा कैम्प स्थापित किए जा चुके हैं. इन प्रयासों के परिणामस्वरूप,599 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं.196 नक्सली मुठभेड़ में मारे गए हैं. वहीं 953 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं. ये आंकड़े बताते हैं कि सुरक्षा बलों के अथक प्रयासों से क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों का प्रभाव लगातार कम होता जा रहा है.
पुलिस के वरिष्ठ अफसरों का भी योगदान : इस अभियान की सफलता में वरिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन और सुरक्षा बलों का योगदान सराहनीय रहा है. इन सभी के मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण ने इस अभियान को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई है. स्थानीय ग्रामीणों ने कैम्प की स्थापना का स्वागत किया और सुरक्षा बलों के प्रति आभार व्यक्त किया. ग्रामीणों का मानना है कि इस पहल से उनके जीवन में शांति, स्थायित्व और विकास का नया अध्याय शुरू होगा. सुरक्षा बलों और प्रशासन के साथ उनके सहयोग की भावना इस अभियान को और अधिक सफल बनाएगी.
कैम्प स्थापित होने पर तेजी से विकास : नियद नेल्लानार योजना के तहत वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान अब तक बीजापुर जिले में 38 नए सुरक्षा कैम्प स्थापित किए गए हैं. इन कैम्पों की वजह से सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, मोबाइल टॉवर, आंगनबाड़ी केंद्र और अन्य सुविधाओं का तीव्र विस्तार हुआ है.कुप्पागुड़ा (पीड़िया) में स्थापित यह नया सुरक्षा एवं जन-सुविधा कैम्प बीजापुर पुलिस और प्रशासन की दूरदर्शी सोच और अथक परिश्रम का परिणाम है. यह कदम नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विश्वास, सुरक्षा और विकास का मजबूत आधार बनेगा.आने वाले समय में यह पहल न केवल नक्सली गतिविधियों को जड़ से समाप्त करने में सहायक होगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास और शांति स्थापना का मार्ग भी प्रशस्त करेगी.

नक्सलियों के कोर जोन में कैम्प : सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया नागाराम क्षेत्र तक पहुंचना आसान नहीं था. ऊबड़-खाबड़ जंगल, पहाड़ और लगातार बरसते बादलों के बीच जब सामान्य लोग कदम रखने से भी हिचकते हैं, तब सुरक्षा बलों ने अपने अदम्य साहस से यह असंभव-सा दिखने वाला कार्य पूरा किया.भारी मानसून और दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद जवानों ने माओवादियों के कोर जोन में कदम रखते हुए कैंप की स्थापना की. इस अभियान ने न केवल उनकी वीरता को साबित किया, बल्कि शासन की रणनीति की सफलता को भी मजबूत किया.

19 नए सुरक्षा कैम्पों की स्थापना : सुकमा जिले की बात करें तो साल 2024 से अब तक सुकमा जिले में कुल 19 नए सुरक्षा कैम्पों की स्थापना हो चुकी है. इसके परिणामस्वरूप नक्सल उन्मूलन अभियान को ऐतिहासिक सफलता मिली है। अब तक 518 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, 64 नक्सली मारे गए और 451 को गिरफ्तार किया गया है. ये आंकड़े बताते हैं कि सुकमा अब शांति और स्थायी विकास की ओर बढ़ रहा है.
आपको बता दें कि बस्तर का भौगोलिक क्षेत्र कठिन एवं दुर्गम पहाड़ियों से घिरा हुआ है. विपरीत मौसम, वनांचल और नक्सल गतिविधियों की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद सुरक्षा बलों ने अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प का परिचय देते हुए नवीन सुरक्षा कैम्प की स्थापना की. यह कैम्प आने वाले दिनों में क्षेत्र की सुरक्षा के साथ-साथ विकास की गति को भी नई दिशा देगा.
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