हरिद्वार: नवरात्र में शक्ति पीठों की पूजा अर्चना की जाती है. सनातन धर्म में शक्तिपीठों की विशेष मान्यता है. यह मना जाता है कि इन पीठों में मां की आरधना करने से मां प्रसन्न होती है. उनकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं. हरिद्वार के कनखल में शीतला माता का मंदिर है. इस मंदिर की भी खास मान्यता है. माना जाता है कि इसी स्थान पर माता सती ने जन्म लिया था. यहां माता के साक्षात् रूप में दर्शन होते हैं.
कहा जाता है कि इस मंदिर से कोई भी खाली हाथ नहीं जाता है. शीतला मां सबकी खाली झोली भर देती है. यहां पर शक्ति का वास हमेशा रहता है. इस मंदिर की इमारत आज भी पूर्व की भांति ही है. नवरात्र के दिनों में यहां पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है. आम दिनों में भी इस मंदिर से भक्तों की लाइन लगी रहती है.
जानिए मंदिर से जुड़ी कथा: मां का जन्म राजा दक्ष के परिवार में हुआ था. सती दक्ष की पहली पुत्री थी. यहीं मां सती ने जन्म लिया था. इसलिए सती को बचपन में शीतला कहकर पुकारा जाता था. मां शीतला का स्वभाव भी काफी सौम्य था. उनके चेहरे पर प्रकाश विराजमान रहता था. यहां पर शीतला मां का बाल्यावस्था का चित्रण देखने को मिलता है. इसलिए मां बच्चों को काफी प्रेम करती है. इस मंदिर कि मान्यता है कि शीतला माता के दर्शन करने वाले बच्चे को चेचक जैसी बीमारी नहीं हो सकती हैं. शीतला माता को भोग में अनार , पान , केसर और मिष्ठान चढ़ाया जाता है.

भक्तों के मन को मिलती है शीतलता: नवरात्र में शीतला माता मंदिर में दर्शन करने वाले भक्तों की भीड़ देखने मिलती है. मान्यता है कि कोई भी भक्त यदि चालीस दिनों तक शीतला मां के दरबार में दीपक जलाता है तो उसकी सभी मुरादें पूरी होती हैं. यही नहीं कोई चालीस दिनों तक शीतला माता के दर्शन करने के लिये आता है तब भी उसकी सारी इच्छा पूरी हो जाती है. भक्तों का भी कहना है कि इस मंदिर में आकर उनके मन को शीतलता मिलती है.

राजा दक्ष और भगवान भोलेशंकर की ससुराल कनखल में स्तिथ इस शीतला माता मंदिर अपने नाम के अनुरूप ही भक्तों को शीतलता प्रदान करता है. शीतला माता सभी कामनायें पूरी करती हैं. यही वजह है कि भक्तों की आस्था माता शीतला में दिनों दिन बढ़ती जा रही है. वे हर दिन और भी अधिक श्रद्धा और आस्था के साथ माता की आराधना करते हैं.

कैसे पहुंचे मां शीतला माता मंदिरः माता सती का यह पौराणिक मंदिर दक्ष नगरी कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर के बिल्कुल बराबर में स्थित है. बस या ट्रेन से आने वाले श्रद्धालु ऑटो या रिक्शा के माध्यम से यहां तक पहुंच सकते हैं. ई-रिक्शा और ऑटो वाला इस मंदिर तक पहुंचाने के लिए ₹100 लेता है. इसी तरह अपनी कार से आने वाले व्यक्ति देश रक्षक तिराहे कनखल से होते हुए सीधे मंदिर तक पहुंच सकते हैं. माता का यह मंदिर सुबह 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक प्रतिदिन खुला रहता है.

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