कुल्लू: सनातन धर्म में 30 मार्च से नव संवत (हिंदू नववर्ष) की शुरुआत हो गई है. हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के आराध्य देवता भगवान रघुनाथ के मंदिर में भी नव संवत का त्योहार मनाया गया. इस दौरान राजपुरोहित द्वारा नव संवत को लेकर भविष्यवाणी भी की गई. राजपुरोहित प्रवीण शर्मा ने भविष्यवाणी करते हुए बताया कि इस साल को सिद्धार्थ संवत के नाम से जाना जाएगा और भगवान सूर्य ही संवत के राजा और मंत्री के रूप में कार्य करेंगे. जिसके चलते इस साल लोगों को ज्यादा गर्मी का प्रकोप सहना पड़ेगा.
"नवरात्रि के साथ ही नव संवत भी शुरू हो गया है और हर साल की तरह यहां पर राजपुरोहित के द्वारा इसका वर्ष फल सुनाया गया है. ऐसे में इस साल लोगों में दुख, विग्रह, कलह और क्लेश ज्यादा होंगे. इस साल कृषि, फल, औषधि एवं अन्य सभी प्रकार के उत्पादन में कमी होगी. चोरी, ठगी, बेईमानी और भ्रष्टाचार की घटनाएं ज्यादा होंगी. विचित्र एवं असाध्य रोग बीमारियों का प्रसार होगा. सर्दी कम व गर्मी अधिक होगी. प्रशासन और राजनेताओं में परस्पर विरोध एवं टकराव बढ़ेगा." - दानवेंद्र सिंह, कारदार, भगवान रघुनाथ
राजपुरोहित ने की भविष्यवाणी
वहीं, राजपुरोहित प्रवीण शर्मा ने बताया कि संवत का राजा और मंत्री का कार्यभार इस साल सूर्य के पास रहेगा. धनपति मंगल होने से भूमि, गाड़ी, दूध, घी, शहद, गुड़, हाथी, गाय, भेड़-बकरी आदि के क्रय विक्रय द्वारा धन लाभ अधिक होगा. धान्यपति चंद्रमा होने से अनाज फसलों का उत्पादन अच्छा होगा. घास, फूल और फलों की पैदावार अच्छी होगी. हालांकि कुछ क्षेत्रों में अधिक वर्षा के कारण भूस्खलन, बाढ़, कृषि हानि, भूकंप आदि का भय रहेगा. ब्राह्मण लोग हवन आदि धार्मिक कार्यों में प्रवृत्त रहेंगे. लोगों में सुख और समृद्धि का वातावरण बना रहेगा.