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सुपारी दे मासूम की कराई हत्या, समधी के गोदाम में फेंका शव, रिटायर्ड इंस्पेक्टर की खौफनाक साजिश - NARSINGHPUR POLICE SOLVE MURDER

नरसिंहपुर में रिटायर्ड इंस्पेक्टर ने अपने समधी को हत्या के जुर्म में फंसाने एक निर्दोष की बलि ले ली. सुपारी किलर से करवाई हत्या.

MP RETIRED INSPECTOR KILLED MAN
रिटायर्ड इंस्पेक्टर की खौफनाक साजिश (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : June 14, 2025 at 7:22 AM IST

Updated : June 14, 2025 at 7:33 AM IST

4 Min Read

नरसिंहपुर: नरसिंहपुर में एक रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर ने अपना बदला लेने के लिए एक निर्दोष की बलि चढ़ा दी. पुलिस इंस्पेक्टर अपने ऊपर लगे मुकदमे का बदला लेना चाहता था. सुपारी किलर के साथ मिलकर ऐसी साजिश रची की पुलिस को सुलझाने में पसीने छूट गए. लेकिन पुलिस वालों ने ही सूझबूझ का परिचय देते हुए गुत्थी सुलझाई. सुपारी किलर और रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर हिरासत में हैं.

खेत पर बने गोदाम में मिला शव
जानकारी के मुताबिक, करेली थाने में अमोल मेहरा ने 11 जून को जानकारी दी की उसके खेत पर बने गोदाम के बाहर एक आदमी का शव पड़ा है. करेली पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और शव का पंचनामा बनाकर मर्ग कायम किया. इसके बाद जांच शुरू हुई. जाहिर सी बात है जब शव अमोल मेहरा के खेत के घर में मिला है तो पुलिस पहले पूछताछ अमोल मेहरा से ही करेगी. हत्या करवाने वाले ने यही सोचा था कि इस घटना में अमोल मेहरा को सजा हो जाएगी. लेकिन पूछताछ के दौरान पुलिस ने यह पाया कि यह हत्या अमोल मेहरा ने तो नहीं की है.

नरसिंहपुर पुलिस ने किया हत्या का खुलासा (ETV Bharat)

समधी से बदला लेने मासूम की कराई हत्या
जिस युवक की हत्या हुई उसके बारे में पुलिस ने जानकारी जुटाई, तो पता चला की उसका नाम नारायण काछी है था और वह गांव खुलरी का रहने वाला था. लेकिन ज्यादातर समय करेली में ही रहता था. इसके बाद पुलिस ने नारायण कांछी से जुड़ी हुई जानकारियां निकलना शुरू किया कि आखिर नारायण को कौन मार सकता है. तब भी पुलिस के हाथ खाली थे, क्योंकि नारायण के आगे पीछे कोई नहीं था और नारायण के पास ऐसा भी कुछ नहीं था जिसकी वजह से उसकी हत्या की जाए.

किलर को दी थी मोटी रकम
नरसिंहपुर की पुलिस अधीक्षक मृगाखी डेका बताया कि, ''यह गुत्थी बहुत उलझी हुई थी और हत्यारे का पता नहीं लग रहा था. इसी बीच पुलिस ने निगरानीशुदा बदमाशों से पूछता शुरू की. तब पुलिस की पकड़ में नरसिंहपुर का बसंत वंशकार सामने आया. उससे जब कढ़ाई से पूछताछ की गई तो उसने जो खुलासा किया उसके बाद पुलिस सन्न में रह गई. बसंत वंशकार ने बताया कि उसने नारायण की हत्या रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर शंकर लाल झरिया के कहने पर की है. इसके एवज में उसे 40,000 रुपए मिले थे.''

इसलिए फंसाना चाहता था समधी को
बसंत वंशकार के बयान के आधार पर पुलिस ने रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर शंकर लाल झरिया को हिरासत में लिया. जब शंकर लाल झरिया से पूछा कि आखिर उसने नारायण को क्यों मरवाया. रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर शंकर लाल झरिया ने पुलिस को दिए अपने बयान में अपनी प्लानिंग बताई. दरअसल अमोल मेहरा की बेटी की शादी शंकर लाल झरिया के बेटे से हुई थी और कुछ दिनों बाद विवाद हुआ. अमोल मेहरा ने शंकर लाल और उसके बेटे के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज करवाया था. इसी बात से शंकर लाल झरिया ने तय कर लिया था कि वह अमोल मेहरा को फंसाएगा.

पुलिस ने किया आरोपियों को गिरफ्तार
नरसिंहपुर की पुलिस अधीक्षक मृगाखी डेका ने बताया कि, ''शंकर लाल ने बसंत वंशकार के साथ मिलकर एक ऐसे आदमी की तलाश शुरू की जिसके मर जाने से किसी को कोई समस्या ना हो. और इन दोनों की खोज नारायण काछी पर आकर रुकी. क्योंकि नारायण के आगे पीछे कोई नहीं था. इसलिए मौका पाकर बसंत ने नारायण की हत्या कर दी और उसकी लाश अमोल मेहरा के खेत में फेंक दी. ताकि पुलिस अमोल मेहरा को नारायण की हत्या के आरोप में दोषी बना ले और अमोल को सजा हो जाए.''

लेकिन करेली थाना प्रभारी प्रियंका केवट की टीम ने बारीकी से जांच की और आरोपी रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर शंकर लाल झरिया को पकड़ लिया. लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में बेवजह एक मासूम की जान चली गई.

नरसिंहपुर: नरसिंहपुर में एक रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर ने अपना बदला लेने के लिए एक निर्दोष की बलि चढ़ा दी. पुलिस इंस्पेक्टर अपने ऊपर लगे मुकदमे का बदला लेना चाहता था. सुपारी किलर के साथ मिलकर ऐसी साजिश रची की पुलिस को सुलझाने में पसीने छूट गए. लेकिन पुलिस वालों ने ही सूझबूझ का परिचय देते हुए गुत्थी सुलझाई. सुपारी किलर और रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर हिरासत में हैं.

खेत पर बने गोदाम में मिला शव
जानकारी के मुताबिक, करेली थाने में अमोल मेहरा ने 11 जून को जानकारी दी की उसके खेत पर बने गोदाम के बाहर एक आदमी का शव पड़ा है. करेली पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और शव का पंचनामा बनाकर मर्ग कायम किया. इसके बाद जांच शुरू हुई. जाहिर सी बात है जब शव अमोल मेहरा के खेत के घर में मिला है तो पुलिस पहले पूछताछ अमोल मेहरा से ही करेगी. हत्या करवाने वाले ने यही सोचा था कि इस घटना में अमोल मेहरा को सजा हो जाएगी. लेकिन पूछताछ के दौरान पुलिस ने यह पाया कि यह हत्या अमोल मेहरा ने तो नहीं की है.

नरसिंहपुर पुलिस ने किया हत्या का खुलासा (ETV Bharat)

समधी से बदला लेने मासूम की कराई हत्या
जिस युवक की हत्या हुई उसके बारे में पुलिस ने जानकारी जुटाई, तो पता चला की उसका नाम नारायण काछी है था और वह गांव खुलरी का रहने वाला था. लेकिन ज्यादातर समय करेली में ही रहता था. इसके बाद पुलिस ने नारायण कांछी से जुड़ी हुई जानकारियां निकलना शुरू किया कि आखिर नारायण को कौन मार सकता है. तब भी पुलिस के हाथ खाली थे, क्योंकि नारायण के आगे पीछे कोई नहीं था और नारायण के पास ऐसा भी कुछ नहीं था जिसकी वजह से उसकी हत्या की जाए.

किलर को दी थी मोटी रकम
नरसिंहपुर की पुलिस अधीक्षक मृगाखी डेका बताया कि, ''यह गुत्थी बहुत उलझी हुई थी और हत्यारे का पता नहीं लग रहा था. इसी बीच पुलिस ने निगरानीशुदा बदमाशों से पूछता शुरू की. तब पुलिस की पकड़ में नरसिंहपुर का बसंत वंशकार सामने आया. उससे जब कढ़ाई से पूछताछ की गई तो उसने जो खुलासा किया उसके बाद पुलिस सन्न में रह गई. बसंत वंशकार ने बताया कि उसने नारायण की हत्या रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर शंकर लाल झरिया के कहने पर की है. इसके एवज में उसे 40,000 रुपए मिले थे.''

इसलिए फंसाना चाहता था समधी को
बसंत वंशकार के बयान के आधार पर पुलिस ने रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर शंकर लाल झरिया को हिरासत में लिया. जब शंकर लाल झरिया से पूछा कि आखिर उसने नारायण को क्यों मरवाया. रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर शंकर लाल झरिया ने पुलिस को दिए अपने बयान में अपनी प्लानिंग बताई. दरअसल अमोल मेहरा की बेटी की शादी शंकर लाल झरिया के बेटे से हुई थी और कुछ दिनों बाद विवाद हुआ. अमोल मेहरा ने शंकर लाल और उसके बेटे के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज करवाया था. इसी बात से शंकर लाल झरिया ने तय कर लिया था कि वह अमोल मेहरा को फंसाएगा.

पुलिस ने किया आरोपियों को गिरफ्तार
नरसिंहपुर की पुलिस अधीक्षक मृगाखी डेका ने बताया कि, ''शंकर लाल ने बसंत वंशकार के साथ मिलकर एक ऐसे आदमी की तलाश शुरू की जिसके मर जाने से किसी को कोई समस्या ना हो. और इन दोनों की खोज नारायण काछी पर आकर रुकी. क्योंकि नारायण के आगे पीछे कोई नहीं था. इसलिए मौका पाकर बसंत ने नारायण की हत्या कर दी और उसकी लाश अमोल मेहरा के खेत में फेंक दी. ताकि पुलिस अमोल मेहरा को नारायण की हत्या के आरोप में दोषी बना ले और अमोल को सजा हो जाए.''

लेकिन करेली थाना प्रभारी प्रियंका केवट की टीम ने बारीकी से जांच की और आरोपी रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर शंकर लाल झरिया को पकड़ लिया. लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में बेवजह एक मासूम की जान चली गई.

Last Updated : June 14, 2025 at 7:33 AM IST
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