नर्मदापुरम: शौक जब जुनून बन जाए, तो यह सिर्फ एक शौक नहीं बल्कि जीवन का एक हिस्सा बन जाता है. नर्मदापुरम के रहने वाले अरुण मेहतो ने ऐसा की कुछ कर दिखाया है. उन्होंने नौकरी में रहते हुए भी अपने शौक को मरने नहीं दिया और अब उसका प्रतिफल उन्हें मिल रहा है. बीएसएनएल के सेवानिवृत्त महाप्रबंधक अरुण मेहतो ने 6 एकड़ का एक हरा-भरा बाग तैयार कर दिया है. जिसमें करीब 40 प्रकार के फलदार पौधे फल दे रहे हैं. यह बगीचा जहां अच्छी खासी इनकम का जरिया बन गया है. वहीं, पर्यावरण और पक्षियों के लिहाज से भी काफी फायदेमंद है.
बगीचे में लगे हैं 40 किस्म के 300 पेड़
इटारसी से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित पांडूखेड़ी गांव में श्री राधा कृष्ण नामक एक बगीचा है. करीब 18 साल पहले बीएसएनएल में नौकरी करते हुए अरुण ने यहां पर 6 एकड़ जमीन खरीदी थी. दरअसल, वो जब किसी बगीचे में जाते थे, तो उनकी भी इच्छा होती थी कि वो भी एक बड़ा सा बगीचा लगाएं. बचपन से भी पेड़-पौधों के प्रति प्रेम भी उनको इस काम के लिए प्रोत्साहित करता था. अरुण ने 18 साल पहले 40 प्रकार के 300 से ज्यादा पौधे लगाए थे, जो अब पेड़ बन गए हैं और फल दे रहे हैं. इससे सालाना करीब 10 लाख की इनकम भी हो रही है.
फल उत्पादन से हर साल 10 लाख रुपए की आमदनी
श्री राधा कृष्ण बगिया में आम, चाइनीज लीची, चीकू, आंवला, करौंदा, अमरूद, जामुन, नाशपाती, हरमन 99 वैरायटी का एप्पल, बेर, अंजीर, काजू समेत 40 प्रकार के फलों के पेड़ लगे हैं. मेहतो ने बताया कि "बगीचे में आम के 120, लीची के 110, चीकू के 32 पेड़ के अलावा आंवला, करौंदा, अमरूद, जामुन, नाशपाती, सेब, बेर, अनार, कटहल समेत 40 प्रकार के फलों के पेड़ लगे हैं. 2 साल पहले स्टार फ्रूट और एप्पल लगाए हैं. जिनमें अब फल आ रहे हैं."
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पर्यावरण के साथ पक्षियों की भी फिक्र
सेवानिवृत्त महाप्रबंधक अरुण मेहतो ने फल का बगीचा लगाकर न केवल पर्यावरण बल्कि पक्षियों की भी फिक्र की है. पर्यावरण को बेहतर बनाए रखने के लिए उन्होंने अब तक कभी भी रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाइयों का उपयोग बगीचे में नहीं किया है. यहां सुरक्षा के लिए मौजूद चौकीदार को फल खाने के लिए आने वाले पक्षियों को भगाने की सख्त मनाही है. जिससे यहां बड़ी संख्या में पक्षियों का बसेरा भी बन गया है. मेहतो ने पक्षियों के लिए हर पेड़ पर पानी के लिए सकोरा बांध रखा है. जिससे उन्हें रसीले फलों के साथ पीने के लिए पानी भी उपलब्ध हाे सके.