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नर्मदापुरम में अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, आदिवासियों की 45 एकड़ भूमि मुक्त - SATPURA TIGER RESERVE

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से विस्थापित विस्थापित ग्राम खामदा में प्रशासन का जमकर बुलडोजर चला. अतिक्रमण मुक्त जमीन विस्थापितों को दी गई.

SATPURA TIGER RESERVE
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में चला बुलडोजर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 9, 2025 at 2:01 PM IST

Updated : April 9, 2025 at 2:51 PM IST

4 Min Read

नर्मदापुरम: नर्मदापुरम जिले के माखन नगर के विस्थापित ग्राम खामदा में सामान्य वन मंडल की जमीन पर सालों से आदिवासियों द्वारा किए गए अतिक्रमण को संयुक्त रूप से वन विभाग, पुलिस एवं राजस्व अमले ने अतिक्रमण हटाया. अतिक्रमण हटाने के लिए जिलेभर से महिला वनरक्षकों को बुलाया गया था. आरोप है कि 18 हेक्टेयर भूमि पर करीब आठ साल से वन भूमि पर बाहर से आए इन आदिवासियों ने अतिक्रमण किया था, जहां यह लोग खेती का काम कर रहे थे. वहीं, इस दौरान आदिवासियों ने अतिक्रमण हटाने गए अमले पर मारपीट का आरोप लगाया.

महिला ने लगाया पिटाई का आरोप
महिला सुमित्रा ने बताया कि, ''सुबह से अतिक्रमण हटाने की मुहिम चालू की गई थी. तहसीलदार और एसडीएम जेसीबी मशीन लेकर आए थे. उन लोगों ने हमें बेरहमी से पीटा.'' महिला ने बताया हम लोग यहां पहले से रह रहे हैं, अचानक ही अमला यहां आया और कार्रवाई कर दी. उन्होंने इतना पीटा की एक महिला बेहोश हो गई.'' महिला ने बताया हमारे यहां से जमीन को विस्थापित कर ग्राम खामदा में दी गई थी. हम लोग 30 साल पहले यहां पर आए थे. यहां कोई भी विस्थापित गांव नहीं था, सब बाद में आए हैं.''

अतिक्रमणकारी महिला ने लगाए आरोप (ETV Bharat)

18 हेक्टेयर भूमि पर किया था अतिक्रमण
वहीं, वन विभाग की एसडीओ रचना शर्मा ने बताया कि, ''18 हेक्टेयर भूमि पर यहां पर अतिक्रमण था. कुछ परिवारों ने छिंदवाड़ा से आकर यहां पर अतिक्रमण किया था. लगभग 45 एकड़ भूमि पर यह कब्जा किया गया था. प्रशासन और पुलिस के सहयोग रहा और जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया है.'' उन्होंने बताया कि, ''लगभग 200 से अधिक वन कर्मचारी, पुलिस एवं राजस्व यहां पर मौजूद रहा. किसी भी प्रकार की विवाद जैसी स्थिति यहां नहीं हुई. ग्रामीणों को समझाया गया था, तो वह मान गए.''

ENCROACHMENT REMOVED FROM STR
आदिवासियों की 45 एकड़ भूमि अतिक्रमण मुक्त (ETV Bharat)

आरोपों को बताया निराधार
एसडीओ रचना शर्मा ने बताया कि, ''जेसीबी और ट्रैक्टर से भूमि अतिक्रमण मुक्त कराकर ट्रेंच खोदी गई है. उसके बाद फेंसिंग कर दी गई है. यहां पर 30 से 35 परिवार रह रहे थे. यह भूमि जिसे अतिक्रमण मुक्त कराया है उसे विस्थापित गांव खामदा के 30 परिवारों को दी गई है. खेतों में फसल लगी है उन्हें नष्ट किया गया है. अतिक्रमण हटाने से पहले आदेश जारी किए गए थे. जब उन्होंने अतिक्रमण नहीं हटाया तो कार्रवाई की गई.'' वहीं ग्रामीणों को मारने की बात को लेकर उन्होंने बताया कि, ''यह बिल्कुल निराधार है. हमने पूरी वीडियोग्राफी एवं ड्रोन से फोटो ग्राफी कराई है, किसी प्रकार की मारपीट नहीं की गई.''

ग्राम खामदा के हरिश्चंद्र ने बताया कि, ''हम विस्थापन होकर आए हैं. जो हमारी स्वीकृत भूमि थी, उसके कुछ एरिया को कब्जे में किया गया था, उसे मुक्त करवाया गया है. '' उन्होंने बताया कि एसटीआर से 2017 में हमें विस्थापित किया था. 2022 से हम यहां मकान बनाकर रह रहे हैं. लेकिन हमारी जमीन पर कब्जा कर रखा था. अब हम इस अतिक्रमण मुक्त भूमि पर खेती करेंगे.'' जब उनसे पूछा गया कि, ''बाजू में अतिक्रमणकारी रहेंगे और वह खेती करेंगे.'' इसको लेकर उन्होंने बताया कि, ''शासन प्रशासन की मदद हमें लेना पड़ेगी.''

वहीं, एसडीएम नीता कोरी ने बताया कि, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से विस्थापित हुए खामदा गांव के ग्रामीणों के लिए जमीन आवंटित की गई थी. राजपत्र में यह डी नोटिफाई लैंड है, जिसे यहां के लोगों को दिया जाना था. मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए यहां पर अतिक्रमण को हटाया गया. वहीं विस्थापित आदिवासियों को भूमि आवंटित की है.''

नर्मदापुरम: नर्मदापुरम जिले के माखन नगर के विस्थापित ग्राम खामदा में सामान्य वन मंडल की जमीन पर सालों से आदिवासियों द्वारा किए गए अतिक्रमण को संयुक्त रूप से वन विभाग, पुलिस एवं राजस्व अमले ने अतिक्रमण हटाया. अतिक्रमण हटाने के लिए जिलेभर से महिला वनरक्षकों को बुलाया गया था. आरोप है कि 18 हेक्टेयर भूमि पर करीब आठ साल से वन भूमि पर बाहर से आए इन आदिवासियों ने अतिक्रमण किया था, जहां यह लोग खेती का काम कर रहे थे. वहीं, इस दौरान आदिवासियों ने अतिक्रमण हटाने गए अमले पर मारपीट का आरोप लगाया.

महिला ने लगाया पिटाई का आरोप
महिला सुमित्रा ने बताया कि, ''सुबह से अतिक्रमण हटाने की मुहिम चालू की गई थी. तहसीलदार और एसडीएम जेसीबी मशीन लेकर आए थे. उन लोगों ने हमें बेरहमी से पीटा.'' महिला ने बताया हम लोग यहां पहले से रह रहे हैं, अचानक ही अमला यहां आया और कार्रवाई कर दी. उन्होंने इतना पीटा की एक महिला बेहोश हो गई.'' महिला ने बताया हमारे यहां से जमीन को विस्थापित कर ग्राम खामदा में दी गई थी. हम लोग 30 साल पहले यहां पर आए थे. यहां कोई भी विस्थापित गांव नहीं था, सब बाद में आए हैं.''

अतिक्रमणकारी महिला ने लगाए आरोप (ETV Bharat)

18 हेक्टेयर भूमि पर किया था अतिक्रमण
वहीं, वन विभाग की एसडीओ रचना शर्मा ने बताया कि, ''18 हेक्टेयर भूमि पर यहां पर अतिक्रमण था. कुछ परिवारों ने छिंदवाड़ा से आकर यहां पर अतिक्रमण किया था. लगभग 45 एकड़ भूमि पर यह कब्जा किया गया था. प्रशासन और पुलिस के सहयोग रहा और जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया है.'' उन्होंने बताया कि, ''लगभग 200 से अधिक वन कर्मचारी, पुलिस एवं राजस्व यहां पर मौजूद रहा. किसी भी प्रकार की विवाद जैसी स्थिति यहां नहीं हुई. ग्रामीणों को समझाया गया था, तो वह मान गए.''

ENCROACHMENT REMOVED FROM STR
आदिवासियों की 45 एकड़ भूमि अतिक्रमण मुक्त (ETV Bharat)

आरोपों को बताया निराधार
एसडीओ रचना शर्मा ने बताया कि, ''जेसीबी और ट्रैक्टर से भूमि अतिक्रमण मुक्त कराकर ट्रेंच खोदी गई है. उसके बाद फेंसिंग कर दी गई है. यहां पर 30 से 35 परिवार रह रहे थे. यह भूमि जिसे अतिक्रमण मुक्त कराया है उसे विस्थापित गांव खामदा के 30 परिवारों को दी गई है. खेतों में फसल लगी है उन्हें नष्ट किया गया है. अतिक्रमण हटाने से पहले आदेश जारी किए गए थे. जब उन्होंने अतिक्रमण नहीं हटाया तो कार्रवाई की गई.'' वहीं ग्रामीणों को मारने की बात को लेकर उन्होंने बताया कि, ''यह बिल्कुल निराधार है. हमने पूरी वीडियोग्राफी एवं ड्रोन से फोटो ग्राफी कराई है, किसी प्रकार की मारपीट नहीं की गई.''

ग्राम खामदा के हरिश्चंद्र ने बताया कि, ''हम विस्थापन होकर आए हैं. जो हमारी स्वीकृत भूमि थी, उसके कुछ एरिया को कब्जे में किया गया था, उसे मुक्त करवाया गया है. '' उन्होंने बताया कि एसटीआर से 2017 में हमें विस्थापित किया था. 2022 से हम यहां मकान बनाकर रह रहे हैं. लेकिन हमारी जमीन पर कब्जा कर रखा था. अब हम इस अतिक्रमण मुक्त भूमि पर खेती करेंगे.'' जब उनसे पूछा गया कि, ''बाजू में अतिक्रमणकारी रहेंगे और वह खेती करेंगे.'' इसको लेकर उन्होंने बताया कि, ''शासन प्रशासन की मदद हमें लेना पड़ेगी.''

वहीं, एसडीएम नीता कोरी ने बताया कि, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से विस्थापित हुए खामदा गांव के ग्रामीणों के लिए जमीन आवंटित की गई थी. राजपत्र में यह डी नोटिफाई लैंड है, जिसे यहां के लोगों को दिया जाना था. मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए यहां पर अतिक्रमण को हटाया गया. वहीं विस्थापित आदिवासियों को भूमि आवंटित की है.''

Last Updated : April 9, 2025 at 2:51 PM IST
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