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नैनो यूरिया का चमत्कार, छोटी सी बोतल एक बोरी यूरिया खाद बराबर, किसानों के लिए वरदान - NANO UREA FOR FARMERS

किसानों को अब यूरिया खाद की किल्लत से नहीं होना पड़ेगा परेशान, एक बोरी बराबर कमाल करेगी नैनो यूरिया की छोटी सी बॉटल

NANO UREA FOR FARMERS
नैनो यूरिया है वरदान (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : March 26, 2025 at 10:13 AM IST

3 Min Read

बैतूल : यूरिया खाद की कमी होने पर भी अब किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं. क्योंकि अब यूरिया खाद की कमी को पूरा करने के लिए नैनो यूरिया आ गया है. 500 एमएल नैनो यूरिया बोतल को एक एकड़ खेत में उपयोग किया जा सकता है. इतना ही नहीं, ये यूरिया से सस्ता और पर्यावरण के लिए भी बेहतर है. नैनो यूरिया के उपयोग के लिए इफको और कृषि वैज्ञानिक अब किसानों को जागरूक कर रहे हैं.

नैनो यूरिया को लेकर बैतूल जिले में फसल संगोष्ठी आयोजित की जा रही है. इसके साथ ही सहकारी समितियों के कर्मचारी व कृषि विभाग द्वारा भी किसानों को नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के उपयोग और उसके फायदे की जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है.

जानें क्या है नैनो यूरिया? (Etv Bharat)

क्या है नैनो यूरिया?

कृषि विज्ञान केंद्र बैतूलबाजार के कृषि वैज्ञानिक आरडी बारपेटे ने बताया, नैनो यूरिया एक फर्टिलाइजर (उर्वरक) है जिसे नैनो तकनीक से बनाया जाता है. यह नवीनतम तकनीक है जिससे किसान के साथ-साथ पर्यावरण, समाज और पूरे देश का फायदा है. किसान को ये फायदा है कि इससे लागत कम हो जाएंगी. पर्यावरण को ये फायदा है कि रसायनिक उर्वरकों की तरह इससे प्रदूषण नहीं होता. और समाज और देश को ये फायदा है कि रसायनिक उर्वरकों को इंपोर्ट करने पर धन खर्च नहीं होगा.

नैनो यूरिया स्वदेशी है और किसानों को इसका लाभ लेना चाहिए. नैनो यूरिया धीमी गति से कार्य करता है. लेकिन यूरिया खाद के बराबर ही लाभ लेते है.''

नैनो यूरिया के साथ निःशुल्क बीमा

इफको के बैतूल प्रभारी गौरव पाटीदार ने बताया, '' रासायनिक उर्वरकों के बढ़ते उपयोग से जमीनें खराब हो रही हैं. इसलिए इफको ने नैनो यूरिया व नैनो डीएपी का निर्माण किया है. नैनो यूरिया के उपयोग से जमीन खराब होने से बचेंगी. इसके साथ ही नैनो यूरिया की हर बोतल पर किसानों को निःशुल्क दुर्घटना बीमा का लाभ मिलेगा, जो 10 हजार से लेकर 2 लाख रुपए तक है.''

राज्य विपणन प्रबंधक इफको के डॉ. दिनेश कुमार सोंलकी ने बताया, '' नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के प्रयोग से मृदा के स्वास्थ्य में सुधार, जल व वायु प्रदूषण में कमी, फसल के उत्पादन व गुणवत्ता में वृद्धि तथा पारंपरिक उर्वरकों के प्रयोग में कमी होती है.''

यूरिया खाद का नहीं करना पड़ेगा इंतजार

अक्सर यूरिया खाद की कमी के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. खाद के लिए सहकारी समितियों में किसानों की लंबी कतार लगती हैं. लेकिन अब यूरिया खाद का विकल्प किसानों के पास नैनो यूरिया के रूप में उपलब्ध है. एक बोतल नैनो यूरिया एक बोरी यूरिया खाद के बराबर कार्य करती है. इसलिए नैनो यूरिया का परिवहन भी आसान है.

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बैतूल : यूरिया खाद की कमी होने पर भी अब किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं. क्योंकि अब यूरिया खाद की कमी को पूरा करने के लिए नैनो यूरिया आ गया है. 500 एमएल नैनो यूरिया बोतल को एक एकड़ खेत में उपयोग किया जा सकता है. इतना ही नहीं, ये यूरिया से सस्ता और पर्यावरण के लिए भी बेहतर है. नैनो यूरिया के उपयोग के लिए इफको और कृषि वैज्ञानिक अब किसानों को जागरूक कर रहे हैं.

नैनो यूरिया को लेकर बैतूल जिले में फसल संगोष्ठी आयोजित की जा रही है. इसके साथ ही सहकारी समितियों के कर्मचारी व कृषि विभाग द्वारा भी किसानों को नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के उपयोग और उसके फायदे की जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है.

जानें क्या है नैनो यूरिया? (Etv Bharat)

क्या है नैनो यूरिया?

कृषि विज्ञान केंद्र बैतूलबाजार के कृषि वैज्ञानिक आरडी बारपेटे ने बताया, नैनो यूरिया एक फर्टिलाइजर (उर्वरक) है जिसे नैनो तकनीक से बनाया जाता है. यह नवीनतम तकनीक है जिससे किसान के साथ-साथ पर्यावरण, समाज और पूरे देश का फायदा है. किसान को ये फायदा है कि इससे लागत कम हो जाएंगी. पर्यावरण को ये फायदा है कि रसायनिक उर्वरकों की तरह इससे प्रदूषण नहीं होता. और समाज और देश को ये फायदा है कि रसायनिक उर्वरकों को इंपोर्ट करने पर धन खर्च नहीं होगा.

नैनो यूरिया स्वदेशी है और किसानों को इसका लाभ लेना चाहिए. नैनो यूरिया धीमी गति से कार्य करता है. लेकिन यूरिया खाद के बराबर ही लाभ लेते है.''

नैनो यूरिया के साथ निःशुल्क बीमा

इफको के बैतूल प्रभारी गौरव पाटीदार ने बताया, '' रासायनिक उर्वरकों के बढ़ते उपयोग से जमीनें खराब हो रही हैं. इसलिए इफको ने नैनो यूरिया व नैनो डीएपी का निर्माण किया है. नैनो यूरिया के उपयोग से जमीन खराब होने से बचेंगी. इसके साथ ही नैनो यूरिया की हर बोतल पर किसानों को निःशुल्क दुर्घटना बीमा का लाभ मिलेगा, जो 10 हजार से लेकर 2 लाख रुपए तक है.''

राज्य विपणन प्रबंधक इफको के डॉ. दिनेश कुमार सोंलकी ने बताया, '' नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के प्रयोग से मृदा के स्वास्थ्य में सुधार, जल व वायु प्रदूषण में कमी, फसल के उत्पादन व गुणवत्ता में वृद्धि तथा पारंपरिक उर्वरकों के प्रयोग में कमी होती है.''

यूरिया खाद का नहीं करना पड़ेगा इंतजार

अक्सर यूरिया खाद की कमी के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. खाद के लिए सहकारी समितियों में किसानों की लंबी कतार लगती हैं. लेकिन अब यूरिया खाद का विकल्प किसानों के पास नैनो यूरिया के रूप में उपलब्ध है. एक बोतल नैनो यूरिया एक बोरी यूरिया खाद के बराबर कार्य करती है. इसलिए नैनो यूरिया का परिवहन भी आसान है.

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