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नैनीताल साहित्य महोत्सव में जुटेंगे देशभर के 30 से ज्यादा कवि-साहित्यकार, कुमाऊंनी बोली-संस्कृति पर होगा जोर, देखें तारीख - NAINITAL LITERATURE FESTIVAL 2025

अगर आप कहानियां पढ़ने और कविताएं सुनने का शौक रखते हैं तो नैनीताल चले आइए. जहां तीन दिवसीय साहित्य महोत्सव होने जा रहा है.

Nainital Literature Festival
नैनीताल साहित्य महोत्सव की तैयारी (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : April 7, 2025 at 1:35 PM IST

3 Min Read

नैनीताल: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की तरह ही आगामी 25 अप्रैल से 27 अप्रैल तक नैनीताल में साहित्य महोत्सव 2025 का आयोजन किया जाएगा. इसमें देशभर के 30 से अधिक जाने माने लेखक और कवि प्रतिभाग करेंगे. इस दौरान साहित्य को बढ़ावा देने पर मंथन किया जाएगा. साहित्य महोत्सव में विख्यात लेखक गुरचरण दास और अशोक पांडे भी शामिल होंगे. वहीं, महोत्सव में कुमाऊंनी बोली, होली, संस्कृति आदि पर विशेष फोकस किया जाएगा.

साहित्य महोत्सव में कुमाऊंनी बोली, संस्कृति पर भी विशेष जोर: बता दें कि साहित्य महोत्सव 2025 का आयोजन लैक्मे चैरिटेबल फाउंडेशन की ओर से किया जा रहा है. इसका आयोजन नैनीताल के खुरपाताल क्षेत्र में होगा. इस साहित्य महोत्सव में कुमाऊंनी बोली पर भी विशेष जोर दिया जाएगा. महोत्सव में कुमाऊंनी होली, ऐपण कला, उत्तराखंडी संस्कृति को बढ़ावा देने पर चर्चा होंगी. लिटरेचर फेस्टिवल निदेशक अमिताभ सिंह बघेल ने बताया कि तीन दिवसीय महोत्सव के तहत पहले दिन में 'व्हेयर इस इंडिया हेडेड', दूसरे दिन में 'तारीख में औरत' विषय और तीसरे दिन 'उर्दू भाषा' पर अतिथियों संग चर्चा की जाएगी.

नैनीताल साहित्य महोत्सव 25 अप्रैल से होगा (Video- ETV Bharat)

महिलाओं के जुझारूपन और उनके संघर्षों को दर्शाती हैं कहानियां: साहित्य महोत्सव में नैनीताल पहुंचे लेखक अशोक पांडे ने कहा कि महोत्सव के दौरान उनकी ओर से लिखित साहित्य 'तारीख में औरत' पर भी चर्चा होगी. इस साहित्य में 50 ऐसी कहानी लिखी गई हैं, जिनमें महिलाओं के जुझारूपन और उनके संघर्षों को बताया गया है. अशोक पांडे ने आगे कहा लगातार देश में महिलाओं पर हिंसा अपराध जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं. पहाड़ों में भले ही अपराध कम हो, लेकिन महिलाओं पर हिंसा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जो एक चिंतनीय विषय है.

प्रोफेसर पुष्पेश पंत का मार्गदर्शन: नैनीताल लिटरेचर फेस्टिवल यानी एनएलएफ का मार्गदर्शन पद्म श्री प्रोफेसर पुष्पेश पंत कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “नैनीताल वैश्विक मानचित्र पर एक विशिष्ट पहचान रखता है. यह उत्सव उस पहचान को साहित्य के रंग में और निखारेगा.”

टिकट फ्री है एनएलएफ: फेस्टिवल का उद्देश्य विचारों और कहानियों को साझा करने का एक ऐसा मंच प्रदान करना है जो स्थानीय और वैश्विक दोनों आवाजों को जोड़ता है. कार्यक्रम में हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में सत्र होंगे. इनमें कथा, कविता, गद्य, बाल साहित्य और सम सामयिक विषयों पर चर्चा होगी. नैनीताल लिटरेचर फेस्टिवल की विशेषता ये भी होगी कि यह टिकट फ्री है. फेस्टिवल में कोई भी साहित्य प्रेमी आ सकता है.

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नैनीताल: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की तरह ही आगामी 25 अप्रैल से 27 अप्रैल तक नैनीताल में साहित्य महोत्सव 2025 का आयोजन किया जाएगा. इसमें देशभर के 30 से अधिक जाने माने लेखक और कवि प्रतिभाग करेंगे. इस दौरान साहित्य को बढ़ावा देने पर मंथन किया जाएगा. साहित्य महोत्सव में विख्यात लेखक गुरचरण दास और अशोक पांडे भी शामिल होंगे. वहीं, महोत्सव में कुमाऊंनी बोली, होली, संस्कृति आदि पर विशेष फोकस किया जाएगा.

साहित्य महोत्सव में कुमाऊंनी बोली, संस्कृति पर भी विशेष जोर: बता दें कि साहित्य महोत्सव 2025 का आयोजन लैक्मे चैरिटेबल फाउंडेशन की ओर से किया जा रहा है. इसका आयोजन नैनीताल के खुरपाताल क्षेत्र में होगा. इस साहित्य महोत्सव में कुमाऊंनी बोली पर भी विशेष जोर दिया जाएगा. महोत्सव में कुमाऊंनी होली, ऐपण कला, उत्तराखंडी संस्कृति को बढ़ावा देने पर चर्चा होंगी. लिटरेचर फेस्टिवल निदेशक अमिताभ सिंह बघेल ने बताया कि तीन दिवसीय महोत्सव के तहत पहले दिन में 'व्हेयर इस इंडिया हेडेड', दूसरे दिन में 'तारीख में औरत' विषय और तीसरे दिन 'उर्दू भाषा' पर अतिथियों संग चर्चा की जाएगी.

नैनीताल साहित्य महोत्सव 25 अप्रैल से होगा (Video- ETV Bharat)

महिलाओं के जुझारूपन और उनके संघर्षों को दर्शाती हैं कहानियां: साहित्य महोत्सव में नैनीताल पहुंचे लेखक अशोक पांडे ने कहा कि महोत्सव के दौरान उनकी ओर से लिखित साहित्य 'तारीख में औरत' पर भी चर्चा होगी. इस साहित्य में 50 ऐसी कहानी लिखी गई हैं, जिनमें महिलाओं के जुझारूपन और उनके संघर्षों को बताया गया है. अशोक पांडे ने आगे कहा लगातार देश में महिलाओं पर हिंसा अपराध जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं. पहाड़ों में भले ही अपराध कम हो, लेकिन महिलाओं पर हिंसा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जो एक चिंतनीय विषय है.

प्रोफेसर पुष्पेश पंत का मार्गदर्शन: नैनीताल लिटरेचर फेस्टिवल यानी एनएलएफ का मार्गदर्शन पद्म श्री प्रोफेसर पुष्पेश पंत कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “नैनीताल वैश्विक मानचित्र पर एक विशिष्ट पहचान रखता है. यह उत्सव उस पहचान को साहित्य के रंग में और निखारेगा.”

टिकट फ्री है एनएलएफ: फेस्टिवल का उद्देश्य विचारों और कहानियों को साझा करने का एक ऐसा मंच प्रदान करना है जो स्थानीय और वैश्विक दोनों आवाजों को जोड़ता है. कार्यक्रम में हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में सत्र होंगे. इनमें कथा, कविता, गद्य, बाल साहित्य और सम सामयिक विषयों पर चर्चा होगी. नैनीताल लिटरेचर फेस्टिवल की विशेषता ये भी होगी कि यह टिकट फ्री है. फेस्टिवल में कोई भी साहित्य प्रेमी आ सकता है.

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