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निकाय चुनाव आरक्षण नियमावली मामला, हाईकोर्ट में पक्ष रख सकते हैं जीते हुए प्रत्याशी - CIVIC ELECTION RESERVATION RULES

नैनीताल हाईकोर्ट ने नगर निकाय चुनाव में आरक्षण रोटेशन नियमावली को चुनौती देती याचिकाओं की सुनवाई, जानिए पूरा मामला

Nainital High Court Heard On Uttarakhand Civic Election Reservation Rules 2024 Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : March 26, 2025 at 7:53 PM IST

2 Min Read

नैनीताल: उत्तराखंड में 14 दिसंबर 2024 को जारी नगर निकाय चुनाव में आरक्षण रोटेशन नियमावली को चुनौती देती कई याचिकाओं पर एक साथ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने राज्य सरकार से कहा है कि जीते हुए जो प्रत्याशी प्रभावित हो रहे हैं, वो अपना पक्ष कोर्ट के सामने रख सकते हैं. इसके लिए राज्य सरकार राज्य स्तरीय समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी करें. ताकि, वे भी अपना पक्ष कोर्ट के सामने रख सकें. मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट की एकलपीठ ने 28 अप्रैल की तिथि नियत की है.

दरअसल, अल्मोड़ा नगर निगम, धारचूला नगर पालिका, गुप्तकाशी नगर पंचायत, उत्तरकाशी नगर पालिका में अध्यक्ष और मेयर के पदों के प्रत्याशियों ने सरकार की आरक्षण नियमावली 2024 को चुनाव होने से पहले चुनौती दी गई थी. जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार को आरक्षण नियमावली बनाने का अधिकार नहीं है. राज्य सरकार के आरक्षण संबंधी नियमावली गलत हैं, इसलिए निकायों का फिर से आरक्षण तय किया जाए.

सरकार ने संविधान के खिलाफ जाकर निकायों और नगर पंचायतों का आरक्षण तय किया है. पूर्व में एकलपीठ ने उन्हें अंतरिम आदेश नहीं दिया और सरकार से जवाब पेश करने को कहा. इसके खिलाफ उनकी ओर से खंडपीठ में विशेष अपील दायर की. उनकी विशेष अपील भी खारिज हो गई. इस आदेश के बाद अल्मोड़ा निवासी सोभा जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एकलपीठ ने जो प्रश्न उठाए हैं, वे सही हैं. इसलिए एकलपीठ इस मामले की जल्द सुनवाई करें. आज हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट से शपथ पत्र पेश करने के लिए समय मांगा. कोर्ट ने सरकार को शपथ पत्र पेश करने का समय देते हुए अगली सुनवाई के लिए 24 मार्च की तिथि दी है.

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नैनीताल: उत्तराखंड में 14 दिसंबर 2024 को जारी नगर निकाय चुनाव में आरक्षण रोटेशन नियमावली को चुनौती देती कई याचिकाओं पर एक साथ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने राज्य सरकार से कहा है कि जीते हुए जो प्रत्याशी प्रभावित हो रहे हैं, वो अपना पक्ष कोर्ट के सामने रख सकते हैं. इसके लिए राज्य सरकार राज्य स्तरीय समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी करें. ताकि, वे भी अपना पक्ष कोर्ट के सामने रख सकें. मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट की एकलपीठ ने 28 अप्रैल की तिथि नियत की है.

दरअसल, अल्मोड़ा नगर निगम, धारचूला नगर पालिका, गुप्तकाशी नगर पंचायत, उत्तरकाशी नगर पालिका में अध्यक्ष और मेयर के पदों के प्रत्याशियों ने सरकार की आरक्षण नियमावली 2024 को चुनाव होने से पहले चुनौती दी गई थी. जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार को आरक्षण नियमावली बनाने का अधिकार नहीं है. राज्य सरकार के आरक्षण संबंधी नियमावली गलत हैं, इसलिए निकायों का फिर से आरक्षण तय किया जाए.

सरकार ने संविधान के खिलाफ जाकर निकायों और नगर पंचायतों का आरक्षण तय किया है. पूर्व में एकलपीठ ने उन्हें अंतरिम आदेश नहीं दिया और सरकार से जवाब पेश करने को कहा. इसके खिलाफ उनकी ओर से खंडपीठ में विशेष अपील दायर की. उनकी विशेष अपील भी खारिज हो गई. इस आदेश के बाद अल्मोड़ा निवासी सोभा जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एकलपीठ ने जो प्रश्न उठाए हैं, वे सही हैं. इसलिए एकलपीठ इस मामले की जल्द सुनवाई करें. आज हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट से शपथ पत्र पेश करने के लिए समय मांगा. कोर्ट ने सरकार को शपथ पत्र पेश करने का समय देते हुए अगली सुनवाई के लिए 24 मार्च की तिथि दी है.

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