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निचली अदालत ने पॉक्सो के आरोपियों को सुनाई सजा, हाईकोर्ट ने दी जमानत - POCSO CASE BAIL

नैनीताल हाईकोर्ट ने पॉक्सो केस के आरोपियों को जमानत दी है. बयानों में विरोधाभास होने के कारण कोर्ट आरोपियों की जमानत मंजूर हुई.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : April 15, 2025 at 3:29 PM IST

2 Min Read

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पॉक्सो कोर्ट देहरादून के द्वारा नाबालिग के साथ दुराचार करने के दो आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने दोनों आरोपियों की जमानत मंजूर कर ली है. रिहा होते वक्त दोनों को अपने दो-दो व्यक्तिगत जमानती भी पेश करने होंगे. मामले की अगली सुनवाई 26 जून की तिथि नियत की है.

आरोपियों को अपर जिला सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक/पॉक्सो कोर्ट देहरादून ने 22 अगस्त 2023 को दोनों को आईपीसी की धारा 363,366 A, 506,120 B व यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के तहत बीस-बीस साल की सजा और दस दस हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया था. जुर्माना अदा नहीं करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई थी. इस आदेश के खिलाफ आरोपियों ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की. अपील में कोर्ट से प्रार्थना की थी कि उन्हें अपील के निस्तारण होने तक जमानत पर रिहा किया जाए, जिस पर कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

मामले के अनुसार नाबालिग के परिजनों ने देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में शिकायत दर्ज थी कि नाबालिग घर से 14 अक्टूबर 2018 को अचानक गायब हो गई थी. उन्होंने पुलिस से नाबालिग की खोजबीन की गुहार लगाई. परिजनों ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने दुष्कर्म की घटना बहला फुसलाकर की. इनका उनके घर आना जाना रहता था. इसके बचाव में एक आरोपी की तरफ से अपने बयान में कहा था कि वे दोनों रिलेशन में हैं. हमने उसे नहीं बुलाया, वह खुद आई थी. वहीं सरकार की तरफ से कहा गया कि लड़की उस समय बालिग है. बयानों में विरोधाभास होने के कारण कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

पढ़ें-नाबालिग से रेप के आरोपी को पीड़िता से शादी के लिए जमानत, दोनों परिवार विवाह को राजी

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पॉक्सो कोर्ट देहरादून के द्वारा नाबालिग के साथ दुराचार करने के दो आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने दोनों आरोपियों की जमानत मंजूर कर ली है. रिहा होते वक्त दोनों को अपने दो-दो व्यक्तिगत जमानती भी पेश करने होंगे. मामले की अगली सुनवाई 26 जून की तिथि नियत की है.

आरोपियों को अपर जिला सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक/पॉक्सो कोर्ट देहरादून ने 22 अगस्त 2023 को दोनों को आईपीसी की धारा 363,366 A, 506,120 B व यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के तहत बीस-बीस साल की सजा और दस दस हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया था. जुर्माना अदा नहीं करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई थी. इस आदेश के खिलाफ आरोपियों ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की. अपील में कोर्ट से प्रार्थना की थी कि उन्हें अपील के निस्तारण होने तक जमानत पर रिहा किया जाए, जिस पर कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

मामले के अनुसार नाबालिग के परिजनों ने देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में शिकायत दर्ज थी कि नाबालिग घर से 14 अक्टूबर 2018 को अचानक गायब हो गई थी. उन्होंने पुलिस से नाबालिग की खोजबीन की गुहार लगाई. परिजनों ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने दुष्कर्म की घटना बहला फुसलाकर की. इनका उनके घर आना जाना रहता था. इसके बचाव में एक आरोपी की तरफ से अपने बयान में कहा था कि वे दोनों रिलेशन में हैं. हमने उसे नहीं बुलाया, वह खुद आई थी. वहीं सरकार की तरफ से कहा गया कि लड़की उस समय बालिग है. बयानों में विरोधाभास होने के कारण कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

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