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बड़ी खबर: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नए स्टोन क्रशरों के लाइसेंस जारी करने पर लगाई रोक, सरकार को लगाई कड़ी फटकार - STONE CRUSHERS

नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में नए स्टोन क्रशर के लाइसेंस जारी करने पर रोक लगाई. सीपीसीबी के नियमों की अवहेलना की कही बात.

stone crushers
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नए स्टोन क्रशरों के लाइसेंस जारी करने पर लगाई रोक (PHOTO-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 22, 2025 at 9:28 PM IST

2 Min Read

नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गुरुवार को जारी अपने महत्वपूर्ण निर्णय में राज्य में नए स्टोन क्रशरों के लाइसेंस जारी करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. साथ ही सरकार को 6 सप्ताह के अंदर स्टोन क्रशरों के लिए पृथक जोन घोषित करने को कहा है. वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने देहरादून जिले के तीन किसानों की ओर से दायर याचिका पर यह सख्त निर्देश जारी किया.

देहरादून के फतेहपुर टांडा निवासी महेन्द्र सिंह, बलवंत सिंह और राजवीर कौर की ओर से कहा गया वे पेशेवर किसान हैं. कृषि उनका पेशा है. प्रदेश सरकार ने वर्ष 2023 में उनके गांव में एक स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति दी थी. स्टोन क्रशर द्वारा कई मानकों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है. दिन रात स्टोन क्रशर संचालित किया जा रहा है. इससे गांव में वायु और ध्वनि प्रदूषण बढ़ गया है. उनकी खेती दुष्प्रभावित हो रही है और उत्पादकता पर भी असर पड़ रहा है.

याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि स्टोन क्रशर राजाजी टाइगर रिजर्व की सीमा से 3.5 किमी के दूरी पर स्थापित है. इसके लिए राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की अनुमति भी नहीं ली गई है. अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने वर्ष 2023 में नया स्टोन क्रशर जोन घोषित करने को कहा था. लेकिन राज्य सरकार की ओर से आज तक सीपीसीबी के नियमों की अवहेलना की गई है.

याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत से स्टोन क्रशर के संचालन पर रोक लगाने की मांग की गई. लेकिन अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए याचिका का दायरा बढ़ाते हुए कहा कि उच्च न्यायालय में स्टोन क्रशरों के विरोध में लगातार मामले आ रहे हैं. ग्रामीण परेशान हैं और सरकार सोई हुई है. सरकार स्टोन क्रशर जोन घोषित नहीं कर रही है. अंत में अदालत ने नए लाइसेंस जारी करने पर रोक लगा दी और उद्योग और खनिकर्म विभाग को 6 माह के अंदर नया जोन घोषित करने के निर्देश दिए हैं.

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नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गुरुवार को जारी अपने महत्वपूर्ण निर्णय में राज्य में नए स्टोन क्रशरों के लाइसेंस जारी करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. साथ ही सरकार को 6 सप्ताह के अंदर स्टोन क्रशरों के लिए पृथक जोन घोषित करने को कहा है. वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने देहरादून जिले के तीन किसानों की ओर से दायर याचिका पर यह सख्त निर्देश जारी किया.

देहरादून के फतेहपुर टांडा निवासी महेन्द्र सिंह, बलवंत सिंह और राजवीर कौर की ओर से कहा गया वे पेशेवर किसान हैं. कृषि उनका पेशा है. प्रदेश सरकार ने वर्ष 2023 में उनके गांव में एक स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति दी थी. स्टोन क्रशर द्वारा कई मानकों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है. दिन रात स्टोन क्रशर संचालित किया जा रहा है. इससे गांव में वायु और ध्वनि प्रदूषण बढ़ गया है. उनकी खेती दुष्प्रभावित हो रही है और उत्पादकता पर भी असर पड़ रहा है.

याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि स्टोन क्रशर राजाजी टाइगर रिजर्व की सीमा से 3.5 किमी के दूरी पर स्थापित है. इसके लिए राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की अनुमति भी नहीं ली गई है. अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने वर्ष 2023 में नया स्टोन क्रशर जोन घोषित करने को कहा था. लेकिन राज्य सरकार की ओर से आज तक सीपीसीबी के नियमों की अवहेलना की गई है.

याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत से स्टोन क्रशर के संचालन पर रोक लगाने की मांग की गई. लेकिन अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए याचिका का दायरा बढ़ाते हुए कहा कि उच्च न्यायालय में स्टोन क्रशरों के विरोध में लगातार मामले आ रहे हैं. ग्रामीण परेशान हैं और सरकार सोई हुई है. सरकार स्टोन क्रशर जोन घोषित नहीं कर रही है. अंत में अदालत ने नए लाइसेंस जारी करने पर रोक लगा दी और उद्योग और खनिकर्म विभाग को 6 माह के अंदर नया जोन घोषित करने के निर्देश दिए हैं.

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