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घने जंगलों में मिलती है रहस्यमयी बेल, वेदों में भी है जिक्र, तंत्र साधकों के लिए मानी जाती है अनमोल - MYSTERIOUS VINE CHITAWAR

मनेंद्रगढ़ भरतपुर चिरमिरी के जंगलों में रहस्यमयी बेल चितावर पाई जाती है.ऐसा माना जाता है कि इस बेल में कई शक्तियां हैं.

mysterious vine Chitawar
घने जंगलों में मिलती है रहस्यमयी बेल (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : April 3, 2025 at 4:05 PM IST

Updated : April 3, 2025 at 5:36 PM IST

3 Min Read

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : आज हम आपको ऐसी बेल के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने अंदर कई किस्म के रहस्य छिपाए हुए है.इसके रहस्य को समझ पाना आज भी आसान नहीं है.यही वजह है कि इस बेल को पाने के लिए तंत्र मंत्र का सहारा भी लिया जाता है.इस बेल का नाम है शतावर.जिसे आम बोलचाल की भाषा में चितावर भी कहा जाता है. छत्तीसगढ़ के गुरु घासी दास नेशनल पार्क में चितावर बेल पाई जाती है.लेकिन इसे आसानी से तलाश नहीं किया सकता.आईए जानने की कोशिश करते हैं कि चितावर बेल को लेकर यहां रहने वाले लोगों की राय क्या है.

चमत्कारिक शक्तियों वाला बेल : स्थानीय ग्रामीणों की माने तो उनके पूर्वजों के अनुसार चितावर बेल के अंदर कई तरह की चमत्कारिक शक्तियां होती है. क्षेत्र के ग्रामीण जय करण सिंह का कहना है कि जब गाय और छेरी चराने जाते हैं अऊ आते हैं तो वो बिजली जैसे कभी बाइचानस जलता है. वहां चितावर भी रहता है, भई तो वो बढ़िया केरा पत्ता जैसे रहता है.

घने जंगलों में मिलती है रहस्यमयी बेल (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
वेदों के जानकार रमाशंकर सिंह शतावर के बारे में कहना है कि जनकपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर लावाहोरी में चितावर जड़ी बूटी मिलती है.लोग बताते हैं कि कभी-कभी ये ऐसे दिन में प्रकाशमय हो जाती है. जिस स्थान पर शतावर है वहां और भी कई प्रकार की जड़ी बूटियां हैं. वहीं रामचंद्र शरण महाराज के मुताबिक इस पंचायत के अंदर लावाहोरी ग्राम के अंदर ये जंगल के अंदर मार्ग माना जाता है.
mysterious vine Chitawar
घने जंगल के बीच चितावर बेल (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

गुरु घासीदास नेशनल पार्क के अंदर ये स्थान है, सिंधी चितावर , जो कि हमारे गुरु घासीदास नेशनल पार्क धनवर्तय धनातन गुरु जो कि एक वैध और गुरु के रूप में माने जाते हैं . उन्होंने भारत के एक ऐसे रहस्यमय पौधे और संजीवन को तैयार किया जिसको चितावर की लकड़ी बोला जाता है-रामचंद्र महाराज

पूरे भारत में और कई लोग इसको उपयोग में लेते हैं. चितावर की लकड़ी, ये कई रहस्यों में काम आती हैं. तंत्र बाधाओं, टोटका में भी काम की जाती हैं. दीपावली के समय कई इसको जगाने वाले भी आते हैं. मंत्र बाधा से इसको जगाते, भूत प्रेत बाधा में ऐसे सब चीजों में टोना टोटके में काम आती हैं.वो चितावर, ऐसे चितावरों की सिंधी चितावरों के पेड़ भी अपने इसी क्षेत्र में जंगलों में मशहूर है. आप सब इनके भी दर्शन कर सकते हैं और बहुत ही अद्भुत चीज हैं-

mysterious vine Chitawar
तंत्र साधना में होता है इस्तेमाल (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिला के भरतपुर विकास खण्ड अंतर्गत आने वाले गुरु घासीदास नेशनल पार्क में घनघोर जंगल हैं. जहां पर रहस्यमयी बेल चितावर मिलती है.लोगों की माने तो चितावर का इस्तेमाल तंत्र विद्या में किया जाता है. इसलिए आज भी लोग साधना के लिए आधी रात को चितावर की तलाश करते हैं.

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मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : आज हम आपको ऐसी बेल के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने अंदर कई किस्म के रहस्य छिपाए हुए है.इसके रहस्य को समझ पाना आज भी आसान नहीं है.यही वजह है कि इस बेल को पाने के लिए तंत्र मंत्र का सहारा भी लिया जाता है.इस बेल का नाम है शतावर.जिसे आम बोलचाल की भाषा में चितावर भी कहा जाता है. छत्तीसगढ़ के गुरु घासी दास नेशनल पार्क में चितावर बेल पाई जाती है.लेकिन इसे आसानी से तलाश नहीं किया सकता.आईए जानने की कोशिश करते हैं कि चितावर बेल को लेकर यहां रहने वाले लोगों की राय क्या है.

चमत्कारिक शक्तियों वाला बेल : स्थानीय ग्रामीणों की माने तो उनके पूर्वजों के अनुसार चितावर बेल के अंदर कई तरह की चमत्कारिक शक्तियां होती है. क्षेत्र के ग्रामीण जय करण सिंह का कहना है कि जब गाय और छेरी चराने जाते हैं अऊ आते हैं तो वो बिजली जैसे कभी बाइचानस जलता है. वहां चितावर भी रहता है, भई तो वो बढ़िया केरा पत्ता जैसे रहता है.

घने जंगलों में मिलती है रहस्यमयी बेल (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
वेदों के जानकार रमाशंकर सिंह शतावर के बारे में कहना है कि जनकपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर लावाहोरी में चितावर जड़ी बूटी मिलती है.लोग बताते हैं कि कभी-कभी ये ऐसे दिन में प्रकाशमय हो जाती है. जिस स्थान पर शतावर है वहां और भी कई प्रकार की जड़ी बूटियां हैं. वहीं रामचंद्र शरण महाराज के मुताबिक इस पंचायत के अंदर लावाहोरी ग्राम के अंदर ये जंगल के अंदर मार्ग माना जाता है.
mysterious vine Chitawar
घने जंगल के बीच चितावर बेल (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

गुरु घासीदास नेशनल पार्क के अंदर ये स्थान है, सिंधी चितावर , जो कि हमारे गुरु घासीदास नेशनल पार्क धनवर्तय धनातन गुरु जो कि एक वैध और गुरु के रूप में माने जाते हैं . उन्होंने भारत के एक ऐसे रहस्यमय पौधे और संजीवन को तैयार किया जिसको चितावर की लकड़ी बोला जाता है-रामचंद्र महाराज

पूरे भारत में और कई लोग इसको उपयोग में लेते हैं. चितावर की लकड़ी, ये कई रहस्यों में काम आती हैं. तंत्र बाधाओं, टोटका में भी काम की जाती हैं. दीपावली के समय कई इसको जगाने वाले भी आते हैं. मंत्र बाधा से इसको जगाते, भूत प्रेत बाधा में ऐसे सब चीजों में टोना टोटके में काम आती हैं.वो चितावर, ऐसे चितावरों की सिंधी चितावरों के पेड़ भी अपने इसी क्षेत्र में जंगलों में मशहूर है. आप सब इनके भी दर्शन कर सकते हैं और बहुत ही अद्भुत चीज हैं-

mysterious vine Chitawar
तंत्र साधना में होता है इस्तेमाल (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिला के भरतपुर विकास खण्ड अंतर्गत आने वाले गुरु घासीदास नेशनल पार्क में घनघोर जंगल हैं. जहां पर रहस्यमयी बेल चितावर मिलती है.लोगों की माने तो चितावर का इस्तेमाल तंत्र विद्या में किया जाता है. इसलिए आज भी लोग साधना के लिए आधी रात को चितावर की तलाश करते हैं.

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Last Updated : April 3, 2025 at 5:36 PM IST
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