बीजापुर : बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक के दुगईगुड़ा पोटा केबिन में पढ़ने वाले छात्र की रहस्यमयी मौत हुई है. शिक्षा विभाग के कर्मचारी के मुताबिक छात्र नीतीश दो दिन पहले अपने परिजनों के साथ गांव जिनिप्पा गया था. जहां पर उसकी आकस्मिक मौत हो गई.
बच्चे की मौत को लेकर कई सवाल : लेकिन परीक्षा के वक्त परिजन छात्र को घर क्यों ले गए ये बड़ा सवाल है. इन सब बातों को लेकर अब अधीक्षक के संदेह के घेरे में हैं.वहीं जिलाशिक्षाधिकारी की माने तो छात्र पहले से ही बीमार था.जिसका इलाज पोटा केबिन में कराया जा रहा था.ठीक नहीं होने पर ही उनके परिजनों को बुलाकर उसे गांव में भेजा गया है.
छात्र बीमार था दवाई देते रहे उसके बाद छात्र को परिजनों को सौपा गया हैं.उसकी मौत घर पर हुई हैं -लक्ष्मीनारायण मारके, BEO
पोटा केबिन अधीक्षक पर लगे गंभीर आरोप : पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश कारम ने कहा कि छात्र को परीक्षा के समय किसके अनुमति से घर जाने दिया गया ? क्या छात्र बीमार था। इस पर जांच होनी चाहिए. कमलेश कारम ने इस मामले में अधीक्षक की पूरी लापरवाही की बात कहते हुए कहा कि परिजन की माने तो छात्र पोटा केबिन में बीमार था.
मामले में जांच की मांग : अधीक्षक के सूचना देने पर ही परिजन छात्र को घर ले गए थे. छात्र का इलाज भी नहीं कराया गया. कमलेश ने ये भी कहा कि आश्रमों, छात्रावासों में बच्चों की आकस्मिक मौतों पर प्रबंधन की निगरानी की जरूरत है. उसूर क्षेत्र में आदिवासी बच्चों के साथ अधीक्षकों की लापरवाही हो रही है.
पोर्टा केबिन छात्र सुसाइड केस में राजनीति: पोर्टा केबिन सुसाइड केस का मुद्दा तूल पकड़ने लगा है. कांग्रेस ने इस केस में जांच समिति का गठन किया है. छात्र नीतीश धुर्वा की मौत हुई है. पीसीसी चीफ दीपक बैज की तरफ से यह जांच समिति बनाई गई है. पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश कारम के नेतृत्व में यह जांच टीम बनाई गई है.