मेरठ : मुंबई 26/11 आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को जांच एजेंसी एनआईए की टीम अमेरिका से लेकर भारत आ चुकी है. 26/11 हमले में आतंकियों का डटकर मुकाबला करने वाले एक्स मरीन कमांडो प्रवीण तेवतिया का दर्द छलक आया है.
आतंकी हमले में अपनी जान की बाजी लगाकर दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले और शौर्य चक्र से सम्मानित प्रवीण तेवतिया ने ईटीवी भारत से अपनी बात साझा की है. उन्होंने आतंकी को गुस्से का इजहार किया है. कहते हैं, आतंकी तहव्वुर हुसैन को लाइव फांसी होनी चाहिए. सरकार उसको ऐसी सजा दे कि मिसाल बने.
कमांडो का छलका दर्द: प्रवीण कहते हैं कि 26/11 हमले में आतंकियों का उन्होंने डटकर मुकाबला किया. मुंबई के ताज होटल पर जब आतंकी हमला हुआ तब वहां पर देश के प्रमुख व्यवसायी गौतम अडानी, 4 सांसद समेत 185 लोग थे. सभी को जान पर खेलकर बचाया गया.
प्रवीण बताते हैं कि इस हमले में उनको कई गोलियां लगी थीं. उनके फेफड़ों में भी गोलियां लगी थीं, जिसकी वजह से नेवी ने उन्हें डिसेबल मानते हुए रिटायरमेंट दे दिया था. तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया था.
26/11 का मंजर याद आते ही खौल उठता है खून: प्रवीण तेवतिया ने बताया कि भले ही अब इस घटना को लगभग 16 साल हो गए लेकिन, आज भी जब जेहन में वह मंजर याद आता है तो खून खौल उठता है. उस दिन उनकी नाइट ड्यूटी थी. तभी ताज होटल में आतंकियों के घुसने की जानकारी हुई.
यह भी सूचना मिल रही थी कि मुठभेड़ में कई ऑफिसर वहां शहीद हो गए. महाराष्ट्र सरकार ने कमांडो की मांग की थी. अफसरों ने जैसे ही जानकारी दी वैसे ही 24-25 कमांडो वहां के लिए तैयार हो गए. उन्हीं में एक वह भी थे.
26/11 हमले का कमांडो ने कैसे मुकाबला किया: कमांडो की टीम बनते ही सभी समुद्र के रास्ते रात में ही ताज होटल में आतंकियों से मुकाबला करने और उनके मंसूबों पर पानी फेरने के लिए हम लोग घुस गए थे. जैसे ही कमांडो होटल में दाखिल हुए आतंकियों की ओर से फायरिंग शुरू हो गई.
पूरी रात वह और बाकी कमांडो डटकर आतंकियों का मुकाबला करते रहे. उनके सामने आए आतंकी को उन्होंने पलक झपकते ही ढेर कर दिया. उन्हें भी गोली लगी. एक पल को लगा सब खत्म हो गया. लेकिन, दूसरे ही पल फिर वह आतंकियों पर टूट पड़े.
सुबह 8 बजे तक चला था ऑपरेशन: प्रवीण बताते हैं कि वह बुलेट प्रूफ जैकेट पहने हुए थे. अंधेरी रात में आतंकी लगातार होटल में ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहे थे. उनके पास हैंड ग्रेनेड और एके-47 रायफले थीं. होटल में मौजूद स्टाफ और सैकड़ों लोग पूरी तरह डरे सहमे थे, क्योंकि किसी को नहीं मालूम था कि अगले पल क्या होगा. सुबह लगभग 8 बजे तक कमांडो आतंकियों से लोहा लेते रहे. उसके बाद एनएसजी को ऑपरेशन में शामिल किया गया था.
ताज होटल में 9 आतंकियों को मार गिराया गया था: प्रवीण बताते हैं कि रात भर में उनकी टीम ने 9 आतंकी मौत के घाट उतार दिए थे. वह अकेले ऐसे कमांडो थे जो इस ऑपरेशन में गोलियां खाए, एक कान भी गंवा दिया. फेफड़ों में गोलियां लगीं. कई माह तक उनका उपचार चला.
प्रवीण 4 बार बने आयरन मैन: प्रवीण ने उसके बाद 25 से अधिक हाफ मैराथन, 15 से अधिक फुल मैराथन और चार बार आयरन मैन का खिताब अपने नाम किया हुआ है. वर्तमान में प्रवीण तेवतिया उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रहते हैं, वकालत की पढ़ाई भी कर ली है. अब वकालत में भी खुद को स्थापित करने में लगे हैं. वैसे प्रवीण मूल रूप से बुलंदशहर के भटोना गांव के रहने वाले हैं.
प्रवीण की सचिन तेंदुलकर और अमिताभ बच्चन कर चुके हैं तारीफ: प्रवीण डिसेबल होने के बावजूद कई बार आयरनमैन प्रतियोगिता में उतरकर खुद को साबित कर चुके हैं. मैराथन में भी हिस्सा लेते आए हैं. पूर्व में सचिन तेंदुलकर ने उनका एक बार इंटरव्यू किया था. वहीं कौन बनेगा करोड़पति में अमिताभ बच्चन भी उनके फैन बन गये थे. अमिताभ ने तब शो में ही कहा था कि वह उस मां को भी नमन करते हैं और उस भूमि को भी जहां से प्रवीण आते हैं.