इंदौर : मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही लाइव दिखाने के मामले में इंदौर हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. दरअसल, विधानसभा की बहस लाइव दिखाने को लेकर एक याचिका दायर की गई थी. इस मामले में सुनवाई करने के बाद इंदौर हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है.
क्या है विधानसभा के लाइव टेलीकास्ट का मामला?
दरअसल, मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्रवाई का लाइव प्रसारण किया जाए इस संबंध में कसरावद विधायक व पूर्व मंत्री सचिन यादव, सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल द्वारा याचिका दायर की गई थी. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल ने माननीय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के समक्ष इस जनहित याचिका के तथ्य पेश किए. याचिका में कहा गया कि केंद्र सरकार द्वारा दिनांक 16.03.2020 को नेशनल ई-विधानसभा एप्लीकेशन लॉन्च की गई थी, जिसके तहत भारत के सभी राज्यों की विधानसभा व विधान परिषद का डिजिटलाइजेशन किया जाना था.

याचिका में आगे कहा गया, 10 राज्यों द्वारा डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी है जिसमें बिहार, नागालैंड, हरियाणा, मेघालय, तमिलनाडु, सिक्किम, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र व झारखंड शामिल है लेकिन मध्य प्रदेश द्वारा आज दिनांक तक विधानसभा की कार्रवाई का लाइव प्रसारण किए जाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए.
मध्य प्रदेश विधानसभा अबतक लाइव क्यों नहीं की गई?
याचिका में आगे कहा गया कि केंद्र सरकार द्वारा मध्य प्रदेश विधानसभा को डिजिटल हाउस बनाने के लिए 21 करोड़ की राशि भी प्रदान की जा चुकी है. इसके बावजूद मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्रवाई का लाइव प्रसारण नहीं हो रहा है, जिससे मध्यप्रदेश के मतदाता उनके द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि द्वारा उठाए गए मुद्दे, पूछे गए सवाल, दिए गए भाषण आदि नहीं देख पाते. कोर्ट ने इस पूरे मामले में सुनवाई कर मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है.
यह भी पढ़ें -